आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली परंपरागत गर्भनिरोधक गोलियों का एक विकल्प नहीं है। इसका कारण यह है कि आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली में सिंथेटिक हार्मोन की बहुत अधिक मात्रा होती है, जो कई तरह की जटिलताओं का कारण बन सकता है यदि इनका उपयोग लगातार किया जाता रहे। इसके विपरीत, नियमित गर्भनिरोधक गोलियां में हार्मोन की खुराक कम होती है जो गर्भाधान को रोकने और ओव्यूलेशन चक्र को बदलने में मदद करती हैं।
स्त्रीरोग विशेषज्ञ के मुताबिक, जब गर्भनिरोधक की बात आती है तो आपको इस गोली का सेवन तभी करना चाहिए जब आपके पास कोई और रास्ता नहीं है क्योंकि इन गोलियों का नियमित सेवन हार्मोनल असंतुलन का कारण बनता है। ये 25-45 आयु वर्ग की महिलाओं के द्वारा लेना सबसे उपयुक्त हैं। यह टीनेजर्स के लिए उपयुक्त नहीं हैं क्योंकि यह प्रजनन प्रणाली के विकास को बाधित कर सकती हैं। युवा लड़कियों, जिनके हार्मोन का स्तर अभी तक स्थिर नहीं हुआ है, उनको पॉलिसिस्टिक ओवरी डिजीज, एंडोमेट्रियोसिस जैसी कंडीशन्स और एक्टोपिक प्रेगनेंसी के विकास का अधिक जोखिम रहता है। ये गोलियां हार्मोनल असंतुलन, अनियमित माहवारी के कारण बांझपन (इनफर्टिलिटी), असंतुलित वजन, कामेच्छा में कमी, त्वचा की एलर्जी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकती हैं।
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गोली लेने के बाद, एक व्यक्ति को कुछ आम साइड इफेक्ट का अनुभव हो सकता है जैसे मतली, उल्टी, दस्त, पेट दर्द, मासिक चक्र में परिवर्तन और चक्कर आना। यह लक्षण आम तौर पर उपचार के कुछ दिनों से अधिक समय तक नहीं रहते हैं और ये आमतौर पर 24 घंटों के भीतर हल हो जाते हैं।
ये गोलियां यौन संचारित रोग (Sexually transmitted disease) जैसे एचआईवी/एड्स, गोनोरिया, हरपीज़ इत्यादि से एक महिला की सुरक्षा नहीं करती हैं।
अगर आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से अधिक है, तो यह गोलियां कम प्रभावी हैं। यदि आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 30 से अधिक है, तो यह बिल्कुल भी काम नहीं करेगी।
आपातकालीन गर्भ निरोधकों में लेवोनोरगेस्ट्रेल होता है जिससे किसी महिला को एलर्जी हो सकती है इसलिए डॉक्टर से सलाह के बिना यह गोली नहीं लेनी चाहिए। इसके अलावा, यदि कोई किसी बीमारी से पीड़ित है और इसके लिए कुछ दवा ले रहा है, तो इस गोली को लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करें।
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