हम सभी के लिए अपने वजन को नियंत्रित रखना बेहद जरूरी है। इसका सीधा संबंध हमारी स्वास्थ्य से है और वजन बढ़ना बड़ी-बड़ी बीमारियों को न्यौता देने से कम नहीं। वजन कम करने के लिए हम सब कई तरह के उपाय करते हैं। उनमें से एक है कैलोरी का सेवन घटा लेना। अगर आप भी ऐसा ही कर रहे हैं तो प्रश्न उठता है कि क्या आप अपनी बॉडी को जरूरत के मुताबिक न्यूट्रिएंट्स दे रहे हैं या नहीं? खासतौर पर गर्भावस्था के दौरान जिस समय कितनी कैलोरी लेनी चाहिए यह जानना मुश्किल हो सकता है। तो क्या आपको विटामिनआयरन या कैल्शियम के सप्लीमेंट्स लेने चाहिए या नहीं?

कई बड़े चिकित्सीय विशेषज्ञों का यह कहना है कि हम अधिकतर न्यूट्रिएंट्स अपने भोजन से पाते हैं न कि दवाओं और गोलियों से। इसके बावजूद डॉक्टर कुछ मामलों में विटामिन सप्लीमेंट्स खाने की सलाह देते हैं। जैसे अगर आप सांवले या काले रंग के व्यक्ति हैं तो डॉक्टर आपको विटामिन डी खाने की सलाह देते हैं। या अगर आप एक युवा महिला हैं तो हो सकता है डॉक्टर आपको आयरन की गोलियां खाने की सलाह दें। अलग-अलग सलाह आपको कंफ्यूज कर सकती हैं। तो चलिए आज इस कंफ्यूशन को दूर कर देते हैं।

विटामिन ए :
जानवरों का दूध, मीट, फिश ऑयल और अंडे की जर्दी विटामिन ए का बेहतरीन स्रोत होते हैं। शाकाहारी खाने में पालक, अमरनाथ गेहूं, कद्दू (सीताफल) और गाजर, प्रोविटामिन ए के अच्छे  स्रोत माने जाते हैं। हमारा शरीर प्री फोर्मेड और प्रो विटामिन ए, दोनों प्रकार को रेटिनल और रेटिनोइक एसिड में बदल देता है, जिन्हें विटामिन ए का सक्रिय रूप कहा जाता है। इसे शरीर आंखों, हृदय, फेफड़ों और किडनी की देखभाल में इस्तेमाल करता है। पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए 600 माइक्रोग्राम (एमसीजी), लेकिन स्तनपान के समय महिलाओं को 950 एमसीजी की आवश्यकता होती है। रोजाना 100 ग्राम गाजर का सेवन प्रतिदिन विटामिन ए की जरूरत को पूरा करने के पर्याप्त होता है।

वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (डब्लूएचओ) के डाटा के अनुसार विटामिन ए की कमी एक ऐसी समस्या है जो अफ्रीका और एशिया के लोगों में बेहद सामान्य है। इस महत्वपूर्ण विटामिन की कमी के कारण ही अधिकतर लोग अपनी आंखों की रोशनी खो देते हैं। ज्यादातर लोग अपने भोजन से इस विटामिन की मात्रा को प्राप्त नहीं कर पाते हैं, जिसके कारण कुछ मामलों में इस कमी को दूर करने के लिए सप्लीमेंट्स खाने की सलाह दी जा सकती है।

विटामिन सी :
इस विटामिन को प्राप्त करना काफी आसान होता है। यह खट्टे फल, बेरी (जामुन), सब्जियां जैसे पत्ता गोभी, ब्रोकली, स्प्राउट्स, फूल गोभी, लाल और हरी मिर्च, आलू और मटर में मौजूद होता है। विटामिन सी खासतौर से आंवला में भी पाया जाता है, जो इस सर्दियों के मौसम में आसानी से मिल जाता है।

पुरुषों और महिलाओं को 40 एमसीजी विटामिन-सी लेने की सलाह दी जाती है और बच्चों को 25 से 40 एमसीजी। प्रतिदिन 100 ग्राम संतरे खाने से आपके दिन कि कम से कम जरूरत पूरी हो सकती है, लेकिन गर्भवस्था में 200 ग्राम खाने की जरूरत होती है। आपको विटामिन सी सप्लीमेंट्स लेने की तब तक जरूरत नहीं है, जबतक आपके डॉक्टर इसकी सलाह न दें।

विटामिन डी :
यह विटामिन आपको कॉड लिवर ऑयल, अंडे की जर्दी और मशरूम (कुकुरमुत्ता) से मिल सकता है। पुरुषों और महिलाओं को विटामिन डी के 5 से 15 एमसीजी के सेवन की सलाह दी जाती है। गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को सामान्य से 5 एमसीजी अधिक लेने की आवश्यकता होती है। बच्चों में इसकी कमी पूरी करने के लिए 5 एमसीजी की मात्रा पर्याप्त होती है। रोजाना एक बड़ी चम्मच कॉड लिवर ऑयल के सेवन और धूप में बैठने से आप अपनी विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकते हैं।

भारत में लोग सबसे ज्यादा विटामिन डी की कमी से ग्रस्त होते हैं। इसीलिए हमें अपनी इस कमी को दूर करने के लिए अधिक अंडों की जर्दी और सप्लीमेंट्स खाने की आवश्यकता होती है। 

कैल्शियम और आयरन :
कैल्शियम स्रोत से भरपूर आहार में दूध, पनीर, बादाम, अखरोट और दही आते हैं और आयरन स्रोत में पालक, ब्रोकली, आलू, अनार, सेब, साबुत अनाज और राजमा। पुरुषों और महिलाओं में कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए उन्हें रोजाना 400 मिलीग्राम (एमजी) के सेवन की सलाह दी जाती है। स्तनपान और गर्भवती महिलाओं को इसके 1000 एमजी का सेवन करना चाहिए। वहीं दूसरी ओर आयरन की कमी को पूरा करने के लिए पुरुषों को 28 एमजी आयरन का सेवन करना चाहिए और महिलाओं को 30 एमजी। गर्भवती महिलाओं को 38 एमजी की जरूरत होती है।

कैल्शियम और आयरन ऐसे मिनरल्स (खनिज पदार्थ) हैं, जिनकी मदद से हमारी हड्डियों, मांसपेशियां और रक्त चाप सही ढंग से काम कर पाते हैं। इसके आलावा ये कई बीमारियों जैसे खून की कमी को भी दूर रखते हैं। कैल्शियम की कमी को भोजन से पूरा किया जा सकता है, हालांकि इसकी मात्रा को नियंत्रित करने के लिए सप्लीमेंट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। आयरन की जरूरत को पूरा करने के लिए सप्लीमेंट्स की आवश्यकता होती है।

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