जब लोग अपने स्वास्थ्य में सुधार लाने, ज्यादा ऊर्जा पाने, वजन घटाने और अच्छी नींद की कोशिश कर रहे होते हैं तो अक्सर कई चीजों को नजरअंदाज करते हैं। इनमें से एक है - ट्रिप्टोफैन। यह एक अमीनो एसिड है, जिसकी आवश्यकता नवजात शिशुओं में सामान्य वृद्धि और वयस्कों में नाइट्रोजन संतुलन के लिए होती है। सबसे अहम बात यह है कि हमारा शरीर ट्रिप्टोफैन का निर्माण नहीं करता है। इसलिए हमें खाद्य पदार्थों के जरिए इसे शरीर में पहुंचाना होता है। अमेरिकन जर्नल ऑफ साइकाइट्री की रिपोर्ट के अनुसार, ‘हमारे मस्तिष्क का लगभग 60 फीसद हिस्सा वसा है और हमें इस वसा को आहार से प्राप्त करना होता है। ट्रिप्टोफैन एक तरह से हमारे शरीर का फील-गुड केमिकल है।’
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अमीनो एसिड (जैसे ट्रिप्टोफैन, हिस्टिडीन, ल्यूसीन और लाइसिन) मांसपेशियों के ऊतकों के निर्माण और मरम्मत के लिए महत्वपूर्ण हैं। साथ ही मस्तिष्क को पर्याप्त ऊर्जा प्रदान करना और ब्लड शुगर के स्तर को संतुलित रखना भी इनका काम है। तमाम अमीनो एसिड की तुलना में ट्रिप्टोफैन इन कार्यों में अहम भूमिका निभाता है।
न्यूट्रिशन न्यूरोसाइंस मैग्जिन में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि कद्दू के बीज में प्रचूर मात्रा में ट्रिप्टोफैन पाया जाता है और गहरी नींद में इनका असर उतना ही है, जितना नींद की किसी दवा का। इस तरह बिना किसी साइडइफेक्ट के गहरी नींद के फायदे मिलते हैं। गहरी नींद का महत्व कितना है, इस बारे में डॉक्टर कहते हैं, ‘नींद नहीं आने के भयंकर प्रभाव हो सकते हैं। इंसान चिड़चिड़ा हो जाता है और उसका मूड पल-पल में बदलता रहता है।’
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ट्रिप्टोफैन को एल-ट्रिप्टोफैन भी कहा जाता है। यह एक एमिनो एसिड है जिसका उपयोग अवसाद दूर करने के लिए किया जाता है। यह अनिद्रा, स्लीप एपनिया, चिंता, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (प्रीमेन्स्ट्रुअल डिस्फोरिक डिसऑर्डर) का इलाज करता है। यही नहीं, धूम्रपान की लत छुड़ाने, नींद के दौरान दांत पीसना (ब्रुक्सिज्म), टॉरेट सिंड्रोम, और एथलेटिक प्रदर्शन में सुधार के लिए इसका उपयोग होता है। यह नियासिन बनाता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के लिए आवश्यक होता है।