यूरिन ग्लूकोज टेस्ट क्या है?
यूरिन ग्लूकोज टेस्ट मुख्य रूप से पेशाब में ग्लूकोज (शुगर) की मात्रा का पता लगाने के लिए किया जाता है। इसे यूरिन शुगर टेस्ट, यूरिन ग्लूकोज टेस्ट, ग्लिकोसुरिया टेस्ट भी कहा जाता है। ग्लूकोज एक सामान्य शर्करा है, जो प्राथमिक तौर पर शरीर में ऊर्जा पैदा करता है। यह हमारे पाचन तंत्र द्वारा कार्बोहाइड्रेट को तोड़कर बनाया जाता है और विभिन्न कोशिकाओं तक इन्सुलिन हार्मोन की मदद से ले जाया जाता है। यदि रक्त में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है तो इसे यूरिन द्वारा निकाल दिया जाता है। इसीलिए यह टेस्ट रक्त में ग्लूकोज के अधिक स्तर का पता लगाने में भी मदद करता है। इसलिए यह कहा जा सकता है कि ग्लूकोज का अधिक स्तर डायबिटीज का संकेत दे सकते हैं।
डायबिटीज या तो इन्सुलिन के पर्याप्त मात्रा में न बन पाने के कारण या इन्सुलिन प्रतिरोध के कारण हो सकता है। डायबिटीज के दो प्रकार होते हैं टाइप 1 डायबिटीज और टाइप 2 डायबिटीज। टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिसॉर्डर है जिसमें अग्नाशय में मौजूद वो कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं जो इन्सुलिन बनाती हैं। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर में इन्सुलिन का प्रतिरोध बढ़ जाता है, जिसके कारण पर्याप्त मात्रा में इन्सुलिन बन भी सकता है और नहीं भी। कुछ महिलाओं को जेस्टेशनल डायबिटीज भी होती है जिसमें गर्भावस्था के दौरान ग्लूकोज के स्तर बढ़ जाते हैं।
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