साइनोवियल फ्लूइड क्रिस्टल एनालिसिस क्या है?
साइनोवियल फ्लूइड क्रिस्टल एनालिसिस साइनोवियल द्रव्य में क्रिस्टल की मौजूदगी और इसके प्रकार का पता लगाता है। साइनोवियल द्रव्य शरीर के सभी जोड़ों के बीच में मौजूद जगह में पाया जाने वाला एक चिकनाई युक्त द्रव है। इसके निम्न कार्य होते हैं -
- हड्डियों के सिरों को उचित पैड व कुशन (तकिया) की सुरक्षा प्रदान करना
- किसी भी तरह की गति के दौरान घुटनों, हाथों, पैरों, कंधों और कूल्हे की हड्डियों में घिसाव को कम करना
साइनोवियल द्रव में विभिन्न स्थितियों के दौरान भिन्न तरह के क्रिस्टल बन सकते हैं जैसे मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल (यूरिक एसिड क्रिस्टल्स) या कैल्शियम पायरोफॉस्फेट क्रिस्टल। मोनोसोडियम यूरेट क्रिस्टल गाउट के मामले में बनता है। गाउट एक दर्दनाक इंफ्लेमेटरी स्थिति है जो कि शरीर में यूरिक एसिड बन जाने के कारण होती है। यूरिक एसिड नेचुरल केमिकल प्यूरिन का एक अपशिष्ट पदार्थ है। प्यूरिन भोजन द्वारा ग्रहण किया जाता है जैसे शेलफिश, लिवर और शराब। आमतौर पर शरीर से यूरिक एसिड यूरिन या मल द्वारा निकाला जाता है। हालांकि किडनी खराब होना, अत्यधिक प्यूरिन युक्त भोजन खाना या नियासिन व एस्पिरिन जैसी दवाएं लेना या फिर अन्य किसी स्थिति के कारण शरीर में इसका स्तर बढ़ सकता है।
जब यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है तो इसमें क्रिस्टल बनने लगते हैं। ये क्रिस्टल साइनोवियल फ्लूइड में असाधारण रूप से जमने लगते हैं जिससे जोड़ों में दर्दनाक सूजन होने लगती है। गाउट एक सामान्य रोग है जो कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों को अधिक प्रभावित कर सकता है। 65 वर्ष की आयु से अधिक के सात प्रतिशत पुरुषों को यह स्थिति होती है।
कैल्शियम पायरोफॉस्फेट डीपोजिशन (सीपीपीडी) डिजीज जिसे स्यूडोगाउट भी कहते हैं। यह ऐसा रोग है जो जोड़ों और नरम ऊतकों में कैल्शियम पायरोफॉस्फेट क्रिस्टल के जमाव की वजह से होता है। यह हर 1000 में से एक व्यक्ति में पाया जाता है और 65 वर्ष या इससे अधिक के लोगों को प्रभावित करता है।
चूंकि सीपीपीडी रोग और गाउट आपस में मिलते-जुलते हैं, तो साइनोवियल फ्लूइड एनालिसिस से इंफ्लेमेटरी जॉइंट डिजीज के प्रकार का परीक्षण करने में भी मदद मिलती है।