एमआरआई एक स्कैनिंग प्रक्रिया है, जिसमें मैग्नेट और रेडियो तरंगों का इस्तेमाल करके शरीर के आंतरिंग अंगों की छवियां (चित्र/फोटो) तैयार की जाती हैं। इन फोटो के जरिये डॉक्टर शरीर के ऊतकों जैसे विभिन्न अंगों और मांसपेशियों का अच्छे से निरीक्षण करने में सक्षम हो पाते हैं।
श्रोणि के एमआरआई में कूल्हे की हड्डियों के बीच के ऊतकों की छवियां देखी जा सकती हैं। श्रोणि वाले हिस्से में पाई जाने वाली संरचनाओं में बड़ी आंत, छोटी आंत, मूत्राशय, लिम्फ नोड्स, श्रोणि की हड्डी और प्रजनन अंग शामिल होते हैं।
पेल्विक एमआरआई कूल्हों में दर्द और श्रोणि वाले हिस्से में कैंसर के प्रसार जैसी समस्याओं का निदान करने में मदद करता है। एमआरआई को एक्स-रे और सीटी स्कैन से अधिक सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि इसमें रेडिएशन का उपयोग नहीं होता है।
प्रत्येक एमआरआई छवि को स्लाइस के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक टेस्ट में दर्जनों स्लाइस तैयार होती हैं। इन स्लाइस को तुरंत कंप्यूटर में स्टोर किया जा सकता है।
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