ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट क्या है?

ऑक्सेलेट पालक, चॉकलेट, रुबर्ब, चुकंदर, स्ट्रॉबेरी और टमाटर में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला एक पदार्थ है। ऑक्सेलेट में स्वयं कोई भी पोषण नहीं होता है। इसके बजाय ये शरीर से कैल्शियम निकालने में मदद करता है। पाचन के दौरान ऑक्सेलेट कैल्शियम से बंध जाता है और मल से कैल्शियम ऑक्सेलेट के रूप में बाहर आता है।

हालांकि, ऑक्सेलेट के अत्यधिक उत्पादन और सेवन से शरीर में इन मोलेक्युल्स का जमाव बढ़ जाता है। अतिरिक्त ऑक्सेलेट किडनी में कैल्शियम को बांध सकता है, जिससे पथरी बन सकती है जो कि सम्पूर्ण स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

आमतौर पर हमारे दिन के आहार में 200-300 mg ऑक्सेलेट की मात्रा मौजूद होती है। हालांकि, पथरी बनने से बचाने के लिए दिन भर में केवल 100 mg ही ऑक्सेलेट भोजन में लेना चाहिए। इसकी एक सही मात्रा 50 mg को माना जा सकता है।

ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट सीरम में ऑक्सेलेट की मात्रा का पता लगाता है। सीरम रक्त का द्रवीय भाग है, जिसमें रक्त कोशिकाएं (जैसे लाल रक्त कोशिकाएं, सफेद रक्त कोशिकाएं व प्लेटलेट्स) और क्लॉटिंग करने वाले प्रोटीन नहीं होते हैं। रक्त में जितने अधिक ऑक्सेलेट के स्तर होंगे शरीर में पथरी होने का खतरा भी उतना ही अधिक होगा।

  1. ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट क्यों किया जाता है - Oxalate serum test Kyu Kiya Jata Hai
  2. ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट से पहले - Oxalate serum Se Pahle
  3. ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट के दौरान - Oxalate serum test Ke Dauran
  4. ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट के परिणाम का क्या मतलब है - Oxalate serum Test Ke Parinam Ka Kya Matlab Hai

ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट क्यों किया जाता है?

ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट की सलाह प्राथमिक तौर पर निम्न स्थितियों में दी जाती है -

  • जब प्राइमरी हाइपरओक्सेल्यूरिया हो, इसे किडनी संबंधी दीर्घकालीक रोग होने का कारण माना जाता है।
  • यूरिन में ऑक्सेलेट की अनुपस्थिति - यह आमतौर पर किडनी क्षतिग्रस्त होने की अंतिम अवस्था में होता है।
  • हाइपरओक्सेल्यूरिया और रीनल फेलियर के मरीजों में डायलिसिस के प्रभाव जानने के लिए
  • सुपरसेचुरेशन से कम ब्लड ऑक्सेलेट स्तर बनाए रखने के लिए, उदाहरण के तौर पर 25-30 mcmol/L माइक्रोमॉल्स प्रति लीटर

यदि आपके शरीर में पथरी के निम्न लक्षण और संकेत दिखाई देते हैं तो डॉक्टर इस टेस्ट को करने की सलाह दे सकते हैं -

ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट से लो ऑक्सेलेट आहार के प्रभाव का पता लगाने में भी मदद करता है।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Urjas Capsule बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख लोगों को सेक्स समस्याओं के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Long Time Capsule
₹712  ₹799  10% छूट
खरीदें

इस टेस्ट से पहले बारह घंटे तक भूखे रहने को कहा जाता है। यदि आप किसी भी तरह की कोई दवा ले रहे हैं, तो इसके बारे में डॉक्टर को बता दें। इसके अलावा अगर आपको इंफ्लेमेटरी बाउल रोग है या फिर आपने इंटेस्टाइनल या कोलन सर्जरी करवाई है तो टेस्ट से पहले डॉक्टर को सूचित कर दें।

पालक, मूंगफली, टमाटर, चॉकलेट और विटामिन सी युक्त आहार खाने से बचें।

ऑक्सेलेट सीरम टेस्ट कैसे किया जाता है?

इस टेस्ट के लिए एक ब्लड सैंपल लेने की जरूरत होती है। डॉक्टर आपकी बांह की नस में सुई लगाकर छोटी सी मात्रा ले लेंगे। इसके बाद सैंपल को लैब में टेस्टिंग के लिए भेज दिया जाएगा।

इस प्रक्रिया में कुछ मिनट का ही समय लगता है। आपको सुई लगी जगह पर हल्का सा नील भी पड़ सकता है, लेकिन ये लक्षण जल्दी ही ठीक हो जाएंगे। यदि नील ठीक नहीं होता या अन्य कोई तकलीफ होती है तो इसके बारे में तुरंत डॉक्टर को बता दें।

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Kesh Art Hair Oil बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने 1 लाख से अधिक लोगों को बालों से जुड़ी कई समस्याओं (बालों का झड़ना, सफेद बाल और डैंड्रफ) के लिए सुझाया है, जिससे उनको अच्छे प्रभाव देखने को मिले हैं।
Bhringraj Hair Oil
₹546  ₹850  35% छूट
खरीदें

सामान्य परिणाम -

आमतौर पर सीरम में ऑक्सेलेट के स्तर 1.6 mcmol/L से कम होते हैं इसका मतलब है कि आपको पथरी होने का कम खतरा है।

असामान्य परिणाम -

ऑक्सेलेट सीरम लेवल के स्तर 1.6 mcmol/L से अधिक असामान्य माने जाते हैं। यह आमतौर पर किसी भी व्यक्ति में पथरी के अधिक खतरे के बारे में बताता है। अन्य स्थितियां, जिनके कारण ऑक्सेलेट के स्तर असामान्य हो सकते हैं, वे निम्न हैं -

  • एक्यूट ईथीलीन ग्लाइकोल पॉइजनिंग
  • माइल्ड मेटाबोलिक हाइपरऑक्सेल्यूरिया - यह ऑक्सेलेट और विटामिन सी के आहार में अत्यधिक सेवन से हो सकता है।
  • एंटेरिक हाइपरऑक्सेल्यूरिया - एंटेरिक हाइपरओक्सेलयुरिया इंफ्लेमेटरी बाउल डिजीज, बाउल रिसेक्शन, जेजुनोइलियल बाईपास या कुअवशोषण के कारण हो सकता है।
  • प्राइमरी हाइपरऑक्सेल्यूरिया -  यह एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार है, जिससे शरीर में ऑक्सेलेट का अत्यधिक उत्पादन होता है।

संदर्भ

  1. National Kidney Foundation [Internet]. New York (NY). US; What are Oxalates and Why are They a Concern for Kidney Disease Patients?
  2. The University of Chicago [Internet]. Illinois. US; How to eat a low oxalate diet
  3. The University of Iowa. Department of Pathology. Laboratory Services Handbook [internet]; Oxalate
  4. Goldman L, et al., eds. Nephrolithiasis. In: Goldman-Cecil Medicine. 25th ed. Philadelphia, Pa.: Saunders Elsevier; 2016.
  5. National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases [internet]: US Department of Health and Human Services; Kidney Stones
  6. McKean SC, et al. Kidney stones. In: Sylvia C. McKean, John J. Ross, Daniel D. Dressler, Danielle B. Scheurer. Principles and Practice of Hospital Medicine. New York, N.Y: The McGraw-Hill Companies; 2012.
  7. Urology Care Foundation. American Urological Association [internet]. Maryland. U.S.; What are Kidney Stones?
  8. Pearle MS, Goldfarb DS, Assimos DG, et al. Medical management of kidney stones: AUA guideline. J Urol. 2014;192(2):316–324. PMID: 24857648.
  9. Melmed S, et al. Kidney stones. In: Williams Textbook of Endocrinology. 12th ed. Philadelphia, Pa.: Saunders Elsevier; 2011.
  10. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Oxalate (Urine)
  11. National Heart, Lung, and Blood Institute [Internet]. Bethesda (MD): U.S. Department of Health and Human Services; Blood Tests
  12. Provan D. Oxford Handbook of Clinical and Laboratory Investigation. 4th ed. Chpt 10. Pg. no 687.
ऐप पर पढ़ें
cross
डॉक्टर से अपना सवाल पूछें और 10 मिनट में जवाब पाएँ