आमतौर पर नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) गर्भावस्‍था की आखिरी तिमाही में शिशु की हार्ट रेट (प्रति मिनट दिल की धड़कने की दर), शिशु की मूवमेंट और हार्ट रेट के प्रति उसकी प्रतिक्रिया की जांच के लिए करवाया जाता है। अधिकतर मामलों में मूवमेंट के साथ ही भ्रूण की हार्ट रेट बढ़ती है। ये टेस्‍ट गर्भावस्था के 26वें हफ्ते से 28वें सप्‍ताह के बाद कभी भी करवाया जा सकता है।

इस टेस्‍ट को नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) इसलिए कहा जाता है, क्‍योंकि इसमें टेस्‍ट के दौरान शिशु पर कोई बाहरी स्‍ट्रेस नहीं पड़ता है।

  1. नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) क्यों किया जाता है? - What is the purpose of NST (Non Stress Test) in Hindi?
  2. नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) से पहले की तैयारी? - How to prepare for NST (Non Stress Test) in Hindi?
  3. नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) कैसे किया जाता है? - How the NST (Non Stress Test) is done in Hindi?
  4. नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) के परिणाम का क्या मतलब है? - What do the results of NST (Non Stress Test) mean in Hindi?
  5. नॉन-स्ट्रेस टेस्ट (एनएसटी) की क्‍या कीमत है? - How much and NST (Non Stress Test) costs in Hindi?

हाई रिस्‍क प्रेग्‍नेंसी (गर्भावस्‍था में महिला या भ्रूण को खतरा होना) या प्रसव की तारीख निकल जाने पर डॉक्‍टर इस टेस्‍ट को करवाने की सलाह दे सकते हैं। निम्‍न परिस्थितियों में डॉक्‍टर एनएसटी टेस्‍ट करवाने की सलाह दे सकते हैं

ये टेस्‍ट शिशु को पर्याप्‍त ऑक्‍सीजन मिलने और सामान्‍य प्रतिक्रिया देने की पुष्टि करने के लिए उपयोगी है।

कभी-कभी बायोफिजिकल प्रोफाइल की भी सलाह दी जाती है, जिसमें एनएसटी और अल्ट्रासाउंड शामिल होता है। इससे सांस लेने, एमनीओटिक फ्लूइड की मात्रा और हार्ट रेट के साथ प्रतिक्रिया की जांच होती है।

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इस टेस्‍ट के लिए किसी खास तैयारी जैसे कि व्रत रखने की जरूरत नहीं होती है।

ये एक नॉन-इनवेसिव टेस्‍ट है, जिससे मां या शिशु को कोई खतरा या नुकसान नहीं पहुंचता है। हर लैबोरेट्री में टेस्‍ट का तरीका अलग हो सकता है, लेकिन सामान्‍य तौर पर ये टेस्‍ट निम्‍न तरीके से किया जाता है

  • गर्भवती महिला को लेटने के लिए कहा जाता है और इसके बाद उसके पेट पर जैली लगाई जाती है।
  • महिला के पेट पर बैल्‍ट को कुछ इस तरह से बांधा जाता है कि भ्रूण के हार्टबीट पर ट्रांसड्यूसर रखा जा सके। इसे बाहरी भ्रूण हार्ट रेट मॉनिटर भी कहा जाता है।
  • टेस्‍ट के दौरान शिशु का हार्ट रेट मॉनिटर के साथ-साथ कागज पर रिकॉर्ड किया जाता है।
  • शिशु के हिलने-डुलने का अहसास होने पर महिला को स्विच दबाने के लिए कहा जाता है।
  • टेस्‍ट के बाद बैल्‍ट को हटाकर जैल को साफ कर दिया जाता है।

कभी-कभी ये टेस्‍ट शिशु के नींद में होने के दौरान भी किया जाता है, जिससे शिशु की कम से कम मूवमेंट हो पाती है। ऐसी स्थिति में भ्रूण को जगाने और टेस्‍ट करने के लिए यूनीक साउंड डिवाइस का इस्‍तेमाल किया जाता है।

इससे शिशु को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है, लेकिन इससे भ्रूण को ज्‍यादा सक्रिय होने में मदद मिलती है। गर्भवती महिला के कुछ खाने या पीने पर भी भ्रूण नींद से उठ जाता है।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी में होने वाली समस्याएं)

नॉन-स्‍ट्रेस टेस्‍ट से निम्‍न संकेत मिल सकते हैं

  • सामान्‍य परिणाम
    अगर टेस्‍ट के दौरान शिशु 20 मिनट के अंदर दो या इससे ज्‍यादा बार हिलता-डुलता है और भ्रूण का हार्ट रेट बढ़ जाता है तो टेस्‍ट के परिणाम को प्रतिक्रियाशील कहा जाता है। इस रिजल्‍ट का मतलब है कि भ्रूण में कोई विकार नहीं है।
     
  • असामान्‍य रिजल्‍ट
    इसे नॉन-रिएक्टिव रिजल्‍ट भी कहा जाता है। एनएसटी रिजल्‍ट में निम्‍न परिस्थितियों को असामान्‍य कहा जा सकता है
    • टेस्‍ट की अवधि के 40 मिनट के दौरान शिशु की कोई मूवमेंट ना होना असामान्‍य हो सकता है और ये कई चीजों की ओर संकेत कर सकता है जैसे कि टेस्‍ट के दौरान शिशु का नींद में होना।
    • अगर भ्रूण के हिलने-डुलने पर भी हार्ट रेट में कोई बदलाव नहीं आता है, तो ये असामान्‍य बात है और इसका मतलब है कि भ्रूण का और परीक्षण एवं जांच करने की जरूरत है।

एनएसटी के रिजल्‍ट को वर्ग 1, 2 या 3 में कुछ इस तरह से भी देखा जा सकता है

  • वर्ग 1 नॉर्मल रिजल्‍ट का संकेत करता है।
  • वर्ग 2 का मतलब है कि अभी और आगे जांच करने की जरूरत है।
  • वर्ग 3 में डॉक्‍टर तुरंत डिलीवरी करवाने की सलाह दे सकते हैं।

लैब और शहर के आधार पर भारत में इस टेस्‍ट की कीमत 300 रुपये से लेकर 600 रुपये तक हो सकती है।

नोट : टेस्‍ट के रिजल्‍ट और व्‍यक्‍ति के लक्षणों के आधार पर ही उचित निदान किया जाना चाहिए। उपरोक्त जानकारी पूरी तरह से शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी तरह से डॉक्‍टर की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है।

संदर्भ

  1. University of Rochester Medical Center [Internet]. Rochester (NY): University of Rochester Medical Center; Nonstress Testing
  2. Women's health care physicians: The American College of Obstetricians and Gynecologists; Special Tests for Monitoring Fetal Health: FAQ
  3. American Heart Association; All About Heart Rate (Pulse)
  4. American Pregnancy Association; Fetal Non-Stress Test (NST)
  5. Stanford Children's Health: Lucile Packard Children's Hospital, Stanford; Nonstress Testing
  6. Greenberg MB, Druzin ML. Antepartum fetal evaluation. In: Gabbe SG, Niebyl JR, Simpson JL, et al, eds. Obstetrics: Normal and Problem Pregnancies. 7th ed. Philadelphia, PA: Elsevier; 2017:chap 11.
  7. Kaimal AJ. Assessment of fetal health. In: Creasy RK, Resnick R, Iams JD, Lockwood CJ, Moore TR, Greene MF, eds. Creasy and Resnik's Maternal-Fetal Medicine: Principles and Practice. 7th ed. Philadelphia, PA: Elsevier Saunders; 2014:chap 32.
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