शरीर में आयरन का मुख्य स्त्रोत भोजन होता है। जैसे मीट, अंडे, मछली और हरी पत्तेदार सब्जियां। शरीर को विकसित होते समय (जैसे किशोरावस्था के दौरान), गर्भावस्था और स्तनपान के दिनों में अधिक आयरन की जरूरत पड़ती है। तब भी शरीर को आयरन की जरूरत पड़ती है, जब शरीर में आयरन की कमी हो जाती है (जैसे खून बहने के बाद)।
एक स्वस्थ पुरुष भोजन से ही पर्याप्त मात्रा में आयरन प्राप्त कर लेता है। अगर कोई पुरुष आयरन का सेवन बंद कर दे तो भी अगले कई सालों के लिए उसके शरीर में आयरन रहता है। भोजन से आयरन की पूर्ति हो जाने की वजह से पुरूषों में बहुत ही कम मामलों में आयरन की कमी देखी जाती है।
लेकिन महिलाओं में गर्भावस्था, स्तनपान और मासिक धर्म के दौरान ब्लीडिंग के कारण बड़ी मात्रा में आयरन की कमी हो सकती है। इसलिए पुरूषों की तुलना में महिलाओं में आयरन की कमी होने की संभावना ज्यादा रहती है और उन्हें आयरन के सप्लिमेंट्स लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। पुरूषों और महिलाओं (रजोनिवृत्ति के बाद) में आयरन की कमी अक्सर खून बहने के कारण होती है। खून अक्सर गैस्ट्रोइंटेस्टिनल ट्रैक्ट (जठरतंत्र प्रणाली) में बहता है, जैसे पेट में अल्सर और कोलन कैंसर आदि के कारण।
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