सीडी 3 टेस्ट क्या है?
सीडी 3 (क्लस्टर डिफ्रेंसिएशन 3), प्रोटीन के विभिन्न भागों या सबयूनिट्स (गामा या γ, डेल्टा या δ, एप्सिलोन या ε, जीटा या ζ) का एक समूह है, जो कि टी सेल की सतह से जुड़े होते हैं। टी सेल या टी लिम्फोसाइट्स सेल एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका होती हैं, ये इम्यून प्रतिक्रिया को नियंत्रित रखता है। टी सेल के विभिन्न प्रकार होते हैं जैसे टी हेल्पर सेल, साइटोटॉक्सिक या सप्रेसर टी सेल आदि। इन सभी प्रकार के मेच्योर टी सेल्स की सतह पर सीडी3 प्रोटीन एक विशेष प्रकार का मॉलिक्युल होता है, जिसे टी सेल्स रिसेप्टर कहा जाता है। इन सीडी 3 सरफेस मार्कर को पैन-टी-सेल-मार्कर कहा जाता है।
टी सेल रिसेप्टर बाहरी पदार्थों की पहचान करता है और सीडी 3 मार्कर को उनकी उपस्थिति के सिग्नल भेजता है। सीडी 3 मार्कर इन सिग्नल को बदल कर केमिकल रिएक्शन की एक प्रतिक्रिया शुरु कर देता है। यह केमिकल रिएक्शन प्रतिरक्षा प्रणाली की अन्य कोशिकाओं को उत्तेजित कर देता है, जिससे वे बाहरी पदार्थों व संरचनाओं को नष्ट करने लग जाती है। चूंकि ये टी सेल से बहुत करीब से जुड़े होते हैं, इसीलिए ये सीडी 3 टेस्ट, टी सेल की वैल्यू और मात्रा से जुड़ी असामान्यताओं का पता लगाने में मदद करता है जो कि कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के कारण होने वाले विकारों में हो जाती हैं जैसे एचआईवी, कैंसर, ऑर्गन ट्रांसप्लांट आदि।