बोन डेंसिटी टेस्ट को समझने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि ओस्टियोपोरोसिस (हड्डियों को कमजोर करने वाला रोग) कैसे होता है।

हड्डी जीवित ऊतकों से बनी होती है। इसमें पुराने ऊतक खत्म होते रहते हैं और उनकी जगह पर नए जमा होते रहते हैं। ज्यादातर हड्डियां वयस्कता के शुरुआत तक ही पूरी तरह विकसित हो जाती हैं। इसके बाद बोन डेंसिटी धीरे-धीरे कम होती रहती है। पुरुषों व महिलाओं दोनों में उम्र के साथ बोन डेंसिटी कम होने की एक सामान्य दर होती है। महिलाओं में उम्र बढ़ने के अलावा रजोनिवृत्ति भी बोन डेंसिटी को कम करने का कारण बन सकती है। रजोनिवृत्ति के बाद शुरुआती 3 से 6 सालों में हड्डियों में काफी नुकसान होता है।

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इस टेस्ट में एक्स रे तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक सुरक्षित, दर्द रहित और जल्दी होने वाला टेस्ट होता है जो हड्डियों की मजबूती को मापता है। इसके अलावा बोन डेंसिटी टेस्ट, ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने से पहले ही हड्डी में किसी प्रकार के फ्रैक्चर की संभावनाओं को बता देता है। 

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आगे इस लेख में आपको बोन डेंसिटी टेस्ट के बारे में बताया जा रहा है। आप जानेंगे कि बोन डेंसिटी टेस्ट को कब, क्यों और कैसे किया जाता है, और साथ ही इसका खर्च कितना होता है। आप यह भी जानेंगे कि बोन डेंसिटी टेस्ट से पहले क्या तयारी करनी होती है और इसके बाद क्या सावधानी बरतनी होती है। 

  1. बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) क्या होता है? - What is Bone Density Test (Dexa Scan) in Hindi?
  2. बोन डेंसिटी टेस्ट क्यों किया जाता है - What is the purpose of Bone Density Test (Dexa Scan) in Hindi
  3. बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) से पहले - Before Bone Dexa Scan in Hindi
  4. बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) के दौरान - During Bone Density Test (Dexa Scan) in Hindi
  5. बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) के बाद - After Bone Density Test (Dexa Scan) in Hindi
  6. बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) के क्या जोखिम होते हैं - What are the risks of Bone Density Test (Dexa Scan) in Hindi
  7. बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) के परिणाम का क्या मतलब होता है - What do the results of Bone Density Test mean in Hindi
  8. बोन डेंसिटी कब करवाना चाहिए? - When to get tested with Dexa Scant in Hindi

बोन डेंसिटी टेस्ट को “डेक्सा स्कैन” भी कहा जाता है। यह एक विशेष प्रकार का एक्स रे टेस्ट होता है जो हड्डियों की डेंसिटी को मापता है।

डेक्सा स्कैनर एक मशीन होती है जो दो एक्स रे बीम बनाती है, जिनमें एक हाई एनर्जी और दूसरा लो एनर्जी बीम होता है। ये दोनों बीम हड्डी के अंदर से गुजर कर एक्स रे करते हैं और एक मशीन के द्वारा एक्स रे की मात्रा को मापा जाता है। इस दौरान यह भी ध्यान में रखा जाता है कि हड्डी की मोटाई कितनी है। दोनों बीम के द्वारा बनाए गए एक्स रे के अंतर के आधार पर डॉक्टर बोन डेंसिटी माप सकते हैं। 

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डेक्सा स्कैन क्यों किया जाता है?

बोन डेंसिटी टेस्ट के द्वारा हड्डी में कैल्शियम और अन्य प्रकार के खनिजों पदार्थों की मात्रा को मापा जाता है। यह हड्डी के उसी क्षेत्र के बारे में बताता है, जिसका स्कैन किया गया है।

इसका उपयोग अक्सर ओस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी संबंधी समस्याओं का पता लगाने के लिए और उनके विकसित करने वाले जोखिम का पता लगाने के लिए किया जाता है। डेक्सा स्कैन का इस्तेमाल शरीर में हड्डियों, मांसपेशियों और वसा की कुल मात्रा का पता लगाने के लिए भी किया जाता है।

बोन डेंसिटी टेस्ट, ओस्टियोपोरोसिस का पता लगाने में डॉक्टर की मदद करता है और हड्डी में फ्रैक्चर के जोखिमों के बारे में पहले ही सूचना दे देता है।

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डेक्सा स्कैन का रिजल्ट यह भी तय करने में मदद करता है कि बोन मिनरल डेंसिटी की कमी के लिए उपचार की आवश्यकता है या नहीं।

आपकी हड्डियां कितनी मजबूत है यह देखने के लिए इस टेस्ट में एक्स रे का इस्तेमाल किया जाता है। यह आपकी हड्डियों की मजबूती, कमजोरी और हड्डी में फ्रैक्चर के जोखिमों के बारे में जानकारी प्रदान करता है।

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बोन डेंसिटी टेस्ट से पहले क्या किया जाता है?

इस टेस्ट को करने से पहले कोई विशेष तैयारी करने की जरूरत नहीं होती है। आपको भोजन आदि से परहेज करने की जरूरत नहीं है और यदि आप कुछ दवाएं लेते हैं, तो उन्हें रोजाना की तरह ले सकते हैं। 

टेस्ट करवाने के लिए आपको ढीले-ढाले कपड़े पहनने चाहिए और यह भी सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि इन कपड़ों में किसी प्रकार का धातु नहीं लगा है, जैसे धातु वाले बटन, जिप, चेन आदि। धातु की वस्तु एक्स रे में अवरोध उत्पन्न कर सकती हैं।

टेस्ट होने से 24 घंटे पहले तक आपको किसी प्रकार के कैल्शियम सप्लीमेंट्स नहीं लेने चाहिए। 

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यदि आपकी रीढ़ की हड्डी या कूल्हे की हड्डी का ऑपरेशन हुआ है, जिसमें धातु के कृत्रिम अंग या धातु के अन्य उपकरण (जैसे कोई पेच या पिन) लगाए गए हैं तो आपको टेस्ट होने से पहले ही डॉक्टर को इस बारे में बता देना चाहिए।

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यदि एक सप्ताह के भीतर एक्स रे संबंधी कोई ऐसा टेस्ट किया गया है जिसमें कॉन्ट्रास्ट डाई का इस्तेमाल किया जाता है, तो डेक्सा स्कैन के रिजल्ट की सटीक नहीं आ पाता। आमतौर पर जब बोन डेंसिटी टेस्ट को करने के लिए समय निर्धारित किया जाता है, उसी दौरान इस बारे में उसी समय चर्चा कर ली जाती है।

बोन डेंसिटी टेस्ट कैसे किया जाता है?

डेक्सा स्कैन में आमतौर पर मुख्य दो क्षेत्रों (कूल्हे और रीढ़ की हड्डी) पर ध्यान दिया जाता है। यदि आप उनका टेस्ट नहीं करवा सकते हैं, तो यह आपकी बाजू के अगले हिस्से पर किया जाता है। इन क्षेत्रों से डॉक्टर को इस बारे में काफी जानकारी मिल जाती है कि आपके शरीर की हड्डियों में फ्रैक्चर होने की संभावना है या नहीं। 

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बोन डेंसिटी टेस्ट को करने में आमतौर पर 10 से 20 मिनट तक का समय लगता  है। यह दर्द रहित होता है और इसमें इस्तेमाल की गई एक्स रे की रेडिएशन भी कम होती हैं। इस टेस्ट में आपको किसी रिंग या मशीन आदि के अंदर लेटने की जरूरत नहीं पड़ती जैसा कि एमआरआई या सीटी स्कैन में किया जाता है। इस टेस्ट के दौरान आपको एक एक्स रे की मेज पर लेटना पड़ता है और जितनी देर तक एक्स रे करने वाले डॉक्टर कहें आपको स्थिर रहना पड़ता है। 

एक्स रे की प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपको कुछ देर तक हिलने-ढुलने से मना कर देते हैं और सेकेंड के लिए तो सांस रोकने के लिए भी कह सकते हैं, क्योंकि ऐसा करने से एक्स रे की तस्वीरों में धुंधलापन आ सकता है। एक्स रे मशीन को चालू करने से पहले डॉक्टर एक दीवार के पीछे या कमरे में चले जाते हैं और फिर मशीन को चालू करते हैं। 

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बोन डेंसिटी टेस्ट के बाद क्या किया जाता है?

यह एक दर्द रहित और कम समय में होने वाली टेस्ट प्रक्रिया होती है। 

टेस्ट होने के बाद आपको अधिक देर अस्पताल या लेबोरेटरी में रुकने की आवश्यकता नहीं होती आप टेस्ट पूरा होने के तुरंत बाद अपने घर वापस जा सकते हैं। 

बोन डेंसिटी (हड्डियों की सघनता) में होने वाले बदलाव की नियमित रूप से जांच करने के लिए हर दो साल में एक बार बोन डेंसिटी टेस्ट नियमित रूप से किया जा सकता है। कुछ मरीज़ों खासकर जो स्टेरॉयड दवाओं की उच्च खुराक लेते हैं, उनको हर 6 महीने में बोन डेंसिटी टेस्ट करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है।

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डेक्सा स्कैन के क्या जोखिम होते हैं?

  • डेक्सा स्कैन में उपयोग की गई रेडिएशन काफी कम होती हैं, जो इस टेस्ट को उन महिलाओं के लिए अनुचित बनाती है जो गर्भवती हैं या हो सकती हैं।
  • अधिक रेडिएशन के संपर्क में आने से कैंसर होने के भी कुछ मामूली से जोखिम हो जाते हैं। हालांकि संभावित जोखिमों के मुकाबले सटीक परीक्षण से होने वाला लाभ कहीं अधिक है।
  • यदि कोई महिला गर्भवती है या उसको लगता है कि वह गर्भवती हो सकती है, तो उसको टेस्ट से पहले ही इस बारे में ही डॉक्टर को बता देना चाहिए।
  • इस प्रक्रिया के दौरान स्थिति के अनुसार एक्स रे में रेडिएशन की मात्रा को कम या ज्यादा किया जा सकता है।
  • आम तौर से डेक्सा स्कैन से जुड़ी कोई जटिलता नहीं होती है।
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बोन डेंसिटी टेस्ट के रिजल्ट का क्या मतलब होता है?

बोन डेंसिटी टेस्ट के रिजल्ट को दो नंबरों में रिपोर्ट किया जाता है, टी-स्कोर (T-score) और जेड स्कोर (Z-score)।

टी-स्कोर - 

टी स्कोर आपकी हड्डियों की वह डेंसिटी होती है, जिसकी तुलना आपके लिंग के एक स्वस्थ युवा वयस्क की बोन डेंसिटी से की जाती है: 

  • -1 या उससे ऊपर होना, इसमें आपकी बोन डेंसिटी को सामान्य माना जाता है। 
  • -1 और -2.5 के बीच, यह स्कोर आप में ओस्टियोपेनिया होने का संकेत देता है, जो एक ऐसी समस्या होती है जिसमें बोन डेंसिटी सामान्य से कम हो जाती है जो ओस्टियोपोरोसिस का कारण बन सकती है।
  • -2.5 और उससे नीचे, इसमे बोन डेंसिटी आप में ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने का संकेत देती है।

जेड-स्कोर - 

यदि आपका जेड स्कोर सामान्य से काफी कम या ज्यादा हो गया है, तो यह संकेत देता है कि हड्डियों में असामान्य रूप से क्षति होने का कारण उम्र बढ़ने के अलावा कुछ और है। 

यदि आपके डॉक्टर अंतर्निहित समस्या का पता लगाने में सक्षम होते हैं तो अक्सर इस समस्या का इलाज करना संभव हो सकता है जिससे हड्डियों में हो रहे नुकसान को कम या रोका जा सकता है। 

बोन डेंसिटी टेस्ट कब करवाना चाहिए?

यदि आपको निम्न में से कोई समस्या है, तो आपको बोन डेंसिटी टेस्ट करवाने के लिए भेजा जा सकता है:

  • कोई रोग या मेडिकल स्थिति जो हड्डियों को कमजोर बना देती है। 
  • कोई मामूली चोट लगने या गिरने आदि से हड्डी मे ऐसी जगह पर फ्रैक्चर होना जहां तक पहुंचना मुश्किल हो।
  • किसी दूसरी वजह के लिए एक्स रे करवाना और जो दिखाता है कि रीढ़ की हड्डी कमजोर हो गई है व उसकी लंबाई कम हो गई है। 

यदि आप में ओस्टियोपोरोसिस जैसे हड्डियों को कमजोर करने वाले रोग विकसित होने के जेखिम बढ़ गए हैं, तो डॉक्टर आपको बोन डेंसिटी टेस्ट करवाने के लिए कह सकते हैं। निम्न स्थितियों में आपके जोखिम बढ़ सकते हैं:

  • वे महिलाएं जिनके मासिक धर्म काफी दिन बाद आते हैं (एक साल से अधिक समय लगना)
  • वे महिलाएं जिनकी रजोनिवृत्ति शुरू हो चुकी है और वे काफी मात्रा में धूम्रपान व शराब का सेवन करती हैं, उनमें ओस्टियोपोरोसिस विकसित होने के काफी जोखिम होते हैं। जिनके परिवार में पहले किसी को हिप फ्रैक्चर हो चुका है या फिर जिनका बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 21 से कम है तो उनमें भी ओस्टियोपोरोसिस हो सकता है।
  • वे महिलाएं व पुरुष जो तीन महीने या उससे अधिक समय से स्टेरॉयड दवाएं खा रहे हैं। स्टेरॉयड दवाएं सूजन व जलन आदि को ठीक करने में मदद करती हैं, लेकिन हड्डियों को भी कमजोर कर सकती हैं।
  • महिलाओं में जल्दी रजोनिवृत्ति होना या फिर युवा अवस्था (45 साल से पहले) में ही अंडाशय को निकलवा देना और "हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी" (HRT) न करवाना।
  • वे महिलाएं व पुरुष जिनको कोई ऐसा रोग है जो हड्डियों की डेंसिटी को कम करने का कारण बन सकता है जैसे रूमेटाइड आर्थराइटिस

यदि उपरोक्त समस्याओं के निम्न जोखिम कारक भी जुड़े हैं तो डेक्सा स्कैन करवाने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है:

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बोन डेंसिटी टेस्ट (डेक्सा स्कैन) से जुड़े सवाल और जवाब

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी हड्डियां बहुत कमजोर हैं और मैंने अपना बोन डेंसिटी टेस्ट भी करवाया है। मैं कुछ भी उठाता हूं, तो लगता है कि हड्डी टूट जाएगी। अपनी हड्डियों और मांसपेशियों को कैसे मजबूत कर सकता हूं?

Dr. Kapil Sharma MBBS , सामान्य चिकित्सा

आपकी हड्डियां कमजोर हैं, जिसका मतलब है कि आपकी हड्डियों में कैल्शियम लेवल बहुत कम है। आप कैल्शियम, विटामिन-बी12 और विटामिन-डी टेस्ट करवा लें। विटामिन- डी कैल्शियम को हड्डी में अवशोषित करने में मदद करता है, जिससे हड्डियों को मजबूती मिलती है। विटामिन बी12 मांसपेशियों को रिपेयर करके मांसपेशिओं की क्षमता को बढ़ाता है। शरीर में कैल्शियम और विटामिन के स्तर को बढ़ाने के लिए  फैटी (वसा) मछली जैसे ट्यूना मछली और सैल्मन मछली, पनीर, अंडे,  दूध, पालक, केल, भिंडी, सोयाबीन, दलिया और संतरे का जूस पिएं।

 

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी उम्र 27 साल है। मुझे बोन डेंसिटी प्रॉब्लम है, जिसके लिए मैं विटामिन सी कैप्सूल ले रहा हूं। क्या मैं रिवाइटल एच ले सकता हूं?

Dr. OP Kholwad MBBS , सामान्य चिकित्सा

अगर आपकी बोन डेंसिटी कम है, तो आप इसे बढाने के लिए विटामिन-डी और कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ खाएं। विटामिन डी प्राप्त करने के लिए आप आधे घंटे के लिए धूम में बैठें और कैल्शियम के लिए ऑरेंज जूस, दूध व मछली आदि खाएं। बोन डेंसिटी प्रॉब्लम हड्डियों में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी के कारण होती है, जिसको ठीक करने के लिए इनके स्तर को ठीक किया जाता है। इसके लिए विटामिन-डी और कैल्शियम की जरूरत होती है, विटामिन-सी की कोई आवश्यकता नहीं होती। रिवाइटल एच में काफी सारे विटामिन होते हैं और यह जीवन को बेहतर बनाने के लिए एक अच्छा सप्लीमेंट है, जिसका इस्तेमाल 30 या 35 से अधिक उम्र  के लोग करते हैं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मैंने बोन डेंसिटी टेस्ट करवाया था। रिपोर्ट में इसका लेवल -3.34 आया है, इसका क्या मतलब है? क्या यह गंभीर है?

Dr. Piyush Malav MBBS, MS , सामान्य शल्यचिकित्सा

आपकी बोन डेंसिटी बहुत कम है इसका मतलब है कि आपकी हड्डियों की मजबूती कम हो गई है। यह हड्डियों में कैल्शियम और विटामिन की कमी के कारण होती है। हड्डियों को मजबूती बनाए रखने के लिए आप कैल्शियम और विटामिन-डी युक्त पदार्थों का सेवन करें। विटामिन-डी के स्त्रोत के लिए आप आधे घंटे के लिए धूप में बैठें और साथ ही फैटी (वसा) मछली जैसे ट्यूना मछली, सैल्मन मछली, पनीर, अंडे और दूध का सेवन करें। कैल्शियम के स्त्रोत के लिए आप पालक, केल, भिंडी, सोयाबीन, दलिया और संतरे का जूस पिएं।

सवाल लगभग 5 साल पहले

मेरी उम्र 22 साल है। मैंने बोन डेंसिटी का चेकअप करवाया था, जिसकी रिपोर्ट में -2.6 लेवल आया है। क्या मेरी रिपोर्ट गंभीर है?

Dr. Prakash kumar MBBS , सामान्य चिकित्सा

जी हां, 22 वर्षीय महिला होने के नाते आपका बोन डेंसिटी लेवल काफी कम है। आप जल्द से जल्द विटामिन डी सप्लीमेंट और कैल्शियम सप्लीमेंट लेना शुरू कर दें। विटामिन-डी के स्त्रोत के लिए आप आधे घंटे के लिए धूप में बैठें और साथ ही फैटी (वसा) मछली जैसे ट्यूना मछली, सैल्मन मछली, पनीर, अंडे और दूध का सेवन करें। कैल्शियम के स्त्रोत के लिए आप पालक, केल, भिंडी, सोयाबीन, दलिया और संतरे का जूस पिएं।

संदर्भ

  1. American College of Radiology (ACR), the Society of Interventional Radiology (SIR), and the Society for Pediatric Radiology; Bone Densitometry (DEXA, DXA)
  2. UCSF health: University of California [internet]; Bone Density Scan
  3. Committee on Practice Bulletins-Gynecology, The American College of Obstetricians and Gynecologists. ACOG practice bulletin n. 129. Osteoporosis. Obstet Gynecol. 2012;120(3):718-734. PMID: 22914492
  4. osman F, de Beur SJ, LeBoff MS, et al; National Osteoporosis Foundation.Clinician’s Guide to Prevention and Treatment of Osteoporosis. Osteoporos Int. 2014;25(10):2359-2381. PMID: 25182228
  5. US Preventive Services Task Force, Curry SJ, Krist AH, Owens DK, et al. Screening for osteoporosis to prevent fractures: US Preventive Services Task Force recommendation statement. JAMA. 2018;319(24):2521-2531. PMID: 29946735
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