एंटी-एंडोमिसियल एंटीबॉडी टेस्ट (ईएमए) क्या है?
एंटी-एंडोमिसियल एंटीबॉडी एक प्रकार के ऑटोएंटीबॉडी हैं, जो पैथोजन के बजाय शरीर की स्वस्थ कोशिकाओं पर हमला करते हैं और यह सीलिएक रोग से ग्रस्त लोगों में पाई जाती है। ये एंटीबॉडीज आमतौर पर आंत की आंतरिक परत पर हमला करते हैं और इनसे व्यक्ति को चिड़चिड़ापन व सूजन होती है।
सीलिएक रोग एक स्व-प्रतिरक्षित (ऑटोइम्यून डिसॉर्डर) है, जिसमें व्यक्ति का शरीर ग्लूटेन के प्रति असामान्य रूप से प्रतिक्रिया करने लगता है। ग्लूटेन गेंहू, जौं और राई में पाया जाने वाला प्रोटीन है। जब भी सीलिएक रोग से ग्रस्त कोई व्यक्ति ग्लूटेन से युक्त भोजन खाता है, तो शरीर उसके प्रति एंटीबॉडीज बनाने लग जाते हैं। यदि इसका इलाज नहीं किया जाए, तो शरीर में पोषक तत्वों की कमी और बढ़ते बच्चों के विकास संबंधी समस्या आदि होने लगती है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं में गर्भपात का खतरा व बच्चे में जन्मजात विकार और आंत का कैंसर जैसी स्थितियां हो सकती हैं।
सीलिएक रोग की पहचान के लिए ईएमए टेस्ट सबसे सटीक टेस्टों में से एक है। आमतौर पर यह किसी व्यक्ति के रक्त में आइजीए (इम्यूनोग्लोबिन ए) एंटीबॉडीज की पहचान करता है। ऐसा इसीलिए क्योंकि ये एंटीबॉडीज बहुत सूक्ष्म होते हैं और आसानी से पहचाने जा सकते हैं। हालांकि यदि किसी व्यक्ति में आइजीए की कमी के कारण इसकी पहचान न हो तो आईजीजी ईएमए एंटीबॉडीज की पहचान की जाती है।
जब सीलिएक रोग होने की संभावना कम हो तो ईएमए टेस्ट एक स्क्रीनिंग टेस्ट की तरह भी लाभदायक होता है।
यदि ईएमए रिपोर्ट पॉजिटिव आती है, तो परिणामों की पुष्टि करने के लिए बायोप्सी की जाती है।