एंकल ज्वॉइंट एमआरआई यानी टखने की जोड़ का एमआरआई स्कैन होना। यह एक नैदानिक टेस्ट है, जिसमें स्ट्रॉन्ग मैगनेटिक फील्ड, रेडियो वेव्स और कंप्यूटर की मदद से टखने के जोड़ की स्पष्ट छवियां (इमेजेस) तैयार की जाती हैं। 

एंकल ज्वॉइंट यानी टखने का जोड़ वह जगह है, जहां पैर की हड्डियां टांगों की हड्डियों से मिलती है।

टखने का जोड़ हमारे पैर की हड्डियों को हमारी टांग की हड्डियों से जोड़ता है। इसे अलग-अलग सॉफ्ट टिश्यू द्वारा मजबूती मिलती है जैसे :

  • स्नायुबंधन : ऐसे ऊतक, जो हड्डियों को एक साथ रखने में मदद करते हैं।
  • टेंडन्स : ऐसे ऊतक जो मांसपेशियों को हड्डियों से जोड़ते हैं।
  • उपास्थि : ऐसे ऊतक जो हड्डियों के सिरों को कवर करता है।
  • सिनोवियम : यह ऐसी पतली परत है, जो कि ज्वॉइंट के अंदर की जगह को भरता है।

एंकल ज्वॉइंट एमआरआई की मदद से टखने के सॉफ्ट टिश्यू और हड्डियों में चोटों व असामान्यताओं का पता लगाने में मदद मिलती है। सॉफ्ट टिश्यू की अच्छी व स्पष्ट छवि प्राप्त करने व उसकी जांच करने के लिए एंकल ज्वॉइंट एमआरआई एक बेहतरीन तरीका है।

डॉक्टर इस टेस्ट को करने के लिए कुछ मामलों में कंट्रास्ट डाई का उपयोग कर सकते हैं। यह एक तरह का लिक्विड है, जिसे इंजेक्शन के जरिये शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। कंट्रास्ट डाई की मदद से अंगों व ऊतकों में गड़बड़ी या किसी असामान्यता का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

(और पढ़ें -  टखने में फ्रैक्चर का इलाज)

  1. एंकल ज्वॉइंट एमआरआई किसे नहीं कराना चाहिए? - Who cannot have ankle joint MRI in Hindi?
  2. टखने के जोड़ का एमआरआई क्यों किया जाता है? - Why is an ankle joint MRI done in Hindi?
  3. एंकल ज्वॉइंट एमआरआई के लिए तैयारी? - Ankle joint MRI preparation in Hindi?
  4. टखने के जोड़ का एमआरआई कैसे किया जाता है? - Ankle joint MRI kaise kiya jata hai?
  5. एंकल ज्वॉइंट एमआरआई में कैसा महसूस होगा? - How will an ankle joint MRI feel in Hindi?
  6. टखने के जोड़ का एमआरआई के परिणामों का मतलब क्या है? - Ankle joint MRI results mean in Hindi?
  7. एंकल ज्वॉइंट एमआरआई के जोखिम और लाभ क्या हैं? - Risks and benefits of ankle joint MRI in Hindi?
  8. टखने के जोड़ का एमआरआई के बाद क्या होता है? - What happens after an ankle joint MRI in Hindi?
  9. कंट्रास्ट बनाम नॉन-कंट्रास्ट एंकल ज्वॉइंट एमआरआई - Contrast vs Non-contrast ankle joint MRI in Hindi
  10. टखने के जोड़ का एमआरआई के साथ कौन से अन्य टेस्ट किए जा सकते हैं? - Other tests that can be done with an ankle joint MRI in Hindi?

टेस्ट के दौरान स्ट्रॉन्ग मैग्नेट ​फील्ड का इस्तेमाल होता है, ऐसे में निम्नलिखित लोगों को एमआरआई नहीं कराना चाहिए और इस बारे में डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए :

  • कार्डिएक पेसमेकर (एक छोटी डिवाइस जिसे दिल की धड़कनों को नियंत्रित करने के लिए छाती के अंदर लगाया जाता है)
  • कार्डिएक डिफिब्रिलेटर (हृदय को इलेक्ट्रिकल एनर्जी भेजने वाली डिवाइस)
  • ईयर इंप्लांट (एक उपकरण जो आंशिक रूप से सुनने में मदद करता है)
  • मस्तिष्क धमनीविस्फार के लिए क्लिप्स (धातु की क्लिप, जिसका उपयोग धमनीविस्फार में रक्त प्रवाह को रोकने के लिए किया जाता है)
  • रक्त वाहिकाओं के अंदर मेटल कॉइल लगा होना
  • गर्भावस्था की पहली तिमाही में एमआरआई नहीं कराना चाहिए

(और पढ़ें - गर्भावस्था में क्या करें क्या न करें)

यदि आपके टखने पर चोट के लक्षण दिखाई देते हैं, तो ऐसे में डॉक्टर टखने के जोड़ का एमआरआई कराने का सुझाव दे सकते हैं। खासकर यदि चोट के लक्षण छह सप्ताह से अधिक समय तक बने रहते हैं और अन्य टेस्ट जैसे एक्स-रे में किसी समस्या का पता नहीं चलता है। इन लक्षणों में शामिल हैं :

एंकल ज्वॉइंट एमआरआई निम्नलिखित स्थितियों में भी किया जा सकता है :

  • टखने में जन्मजात दोषों की जांच के लिए
  • टूटी हुई हड्डियों (फ्रैक्चर) का पता लगाने के लिए
  • टखने के दर्द का कारण खोजने के लिए जो उपचार से भी ठीक नहीं होता है

(और पढ़ें - पैर में फ्रैक्चर का इलाज)

एंकल ज्वॉइंट एमआरआई के लिए निम्नलिखित तैयारी की जरूरत होती है :

  • डॉक्टर टेस्ट से पहले एक स्क्रीनिंग फॉर्म भरने के लिए कह सकते हैं।
  • टेस्ट से पहले आपको चार से छह घंटे तक खाली पेट रहने के लिए कहा जा सकता है।
  • यदि आप बंद स्थानों से डरते हैं, तो डॉक्टर इसके लिए दवा लिख सकते हैं।
  • आपको टेस्ट से पहले ढीले और आरामदायक कपड़े पहनने के लिए कहा जा सकता है। कई बार आपको पहनने के लिए अस्पताल से गाउन भी दिया जा सकता है। इस दौरान धातु वाली चीजों को निकाल देना चाहिए।
  • जिस कमरे में टेस्ट होना है, वहां जाने से पहले निम्न चीजों को जरूर निकाल दें अथवा घर पर छोड़कर टेस्ट के लिए आएं :
    • आभूषण, क्रेडिट कार्ड या कोई अन्य कार्ड और घड़ियां, क्योंकि उन्हें नुकसान हो सकता है
    • पेन, चश्मा और जेब में रखा जाने वाला चाकू
    • पिन, हेयरपिन और मेटल जिपर, क्योंकि वे छवियों को धुंधला कर सकते हैं

(और पढ़ें - पेट का एमआरआई कैसे किया जाता है)

टखने के जोड़ का एमआरआई स्कैन निम्नलिखित चरणों में किया जाता है :

  • सबसे पहले आपको मोटराइज्ड स्कैन टेबल पर पीठ के बल लेटने के लिए कहा जाएगा।
  • इसके बाद ऐसी पोजीशन लेनी होगी कि एमआरआई मशीन की तरफ आपके पैर रहें। मोटराइज्ड स्कैन टेबल धीरे-धीरे एमआरआई मशीन की गोलाकार सुरंग (गैंट्री) में स्लाइड यानी उसके अंदर चली जाती है, इस दौरान सिर बाहर रहता है जबकि सिर्फ पैर अंदर रहते हैं।
  • यदि कंट्रास्ट एमआरआई स्कैन किया जाता है, तो टेक्नोलॉजिस्ट कंट्रास्ट डाई को या तो बांह की नस में या प्रभावित जोड़ में लगा सकते हैं।
  • वह प्रभावित टखने की जांच के लिए उसके ऊपर अतिरिक्त कैमरे का इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • प्रोसीजर शुरू होने के बाद या छवियां तैयार होने के समय मशीन से तेज आवाज (शोर) होगी।
  • इस प्रोसीजर के दौरान बिल्कुल भी हिलना नहीं होता है, ऐसा करने से फोटो ब्लर यानी अस्पष्ट हो सकती हैं।

एंकल ज्वॉइंट एमआरआई स्कैनिंग में 30 से 35 मिनट लगते हैं।

(और पढ़ें - टखने में दर्द के घरेलू उपाय)

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एमआरआई स्कैन के दौरान बिल्कुल दर्द नहीं होता है। हालांकि, थोड़ी असुविधा महसूस हो सकती है। यदि आप कमरे के अंदर ठंड महसूस करते हैं, तो टेक्नोलॉजिस्ट आपको एक कंबल दे सकते हैं। मशीन से शोर हो सकता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि ऐसे में ईयर प्रोटेक्शन दिया जाता है।

(और पढ़ें - पेट स्कैन क्या है)

टखने के जोड़ का एमआरआई के जरिये निम्नलिखित स्थितियों का निदान किया जा सकता है :

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एंकल ज्वॉइंट एमआरआई के लाभ :

  • इसमें दर्द नहीं होता और यह गैर अक्रामक यानी इसमें चीरे की जरूरत नहीं होती है।
  • यह सॉफ्ट टिश्यू की विस्तार से जानकारी देता है।
  • इस टेस्ट में रेडिएशन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
  • यह उन स्थितियों का निदान कर सकता है, जो अन्य इमेजिंग टेस्ट में स्पष्ट नहीं हो पाते हैं।
  • एमआरआई में उपयोग की जाने वाली डाई अन्य स्कैनो में इस्तेमाल की जाने वाली डाई की तुलना में ​कम एलर्जिक होती है।

एमआरआई स्कैन के जोखिम :

  • चूंकि स्कैन के दौरान मैगनेटिक फील्ड का उपयोग होता है, यह इंप्लांटेड मेडिकल डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • दुर्लभ मामलों में, गैडोलीनियम (डाई) से एलर्जी हो सकती है। (और पढ़ें - एलर्जी की आयुर्वेदिक दवा)
  • ऐसे लोग जो गंभीर रूप से किडनी डिजीज से ग्रस्त हैं, उनमें गैडोलीनियम कंट्रास्ट के इंजेक्शन से 'नेफ्रोजेनिक सिस्टेमिक फाइब्रोसिस' का जोखिम हो सकता है, यह एक ऐसी स्थिति है, जिसमें त्वचा और आंतरिक अंगों में फाइब्रोसिस बनने लगते हैं।

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टेस्ट के बाद आप सामान्य आहार लेने के साथ ही सामान्य गतिविधियां कर सकते हैं। यदि आपको सेडेटिव ड्रग्स (चिंता, तनाव, दौरे, घबराने और निद्रा रोग में दिए जाने वाली दवा) दिया जाता है, तो ऐसे में आपको सुझाव दिया जाता है कि आप किसी भरोसेमंद व्यक्ति के साथ घर जाएं।

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जरूरत के अनुसार डॉक्टर, एमआरआई स्कैन की छवियों को और स्पष्ट करने के लिए बांह में या प्रभावित जोड़ में गैडोलीनियम कंट्रास्ट डाई इंजेक्ट कर सकते हैं।

निम्न स्थितियों में कंट्रास्ट डाई को इंजेक्ट करने की आवश्यकता होती है :

निम्नलिखित मामलों में कंट्रास्ट डाई का इस्तेमाल नहीं किया जाता है :

यदि आपको गुर्दे की बीमारी है, तो ऐसे में कंट्रास्ट डाई के प्रयोग से नेफ्रोजेनिक सिस्टेमिक फाइब्रोसिस हो सकता है। दुर्लभ मामलों में, आपको इस डाई से एलर्जी हो सकती है। यदि ऐसा होता है तो बेहतर होगा कि आप डॉक्टर से परामर्श करें।

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टखने के फ्रैक्चर की पुष्टि करने के लिए एमआरआई के साथ आर्थोस्कोपी किया जा सकता है।

ध्यान रखना चाहिए कि इन सभी टेस्ट के परिणाम रोगी के नैदानिक स्थितियों से सहसंबद्ध यानी जुड़े होने चाहिए। ऊपर मौजूद जानकारी शैक्षिक दृष्टिकोण से दी गई है और यह किसी भी डॉक्टर द्वारा दी गई मेडिकल सलाह का विकल्प नहीं है।

(और पढ़ें - टांग में फ्रैक्चर का इलाज)

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