पुरुषों में 2 अंडकोष होते हैं जिनका अंडे जैसा आकार होता है और ये लगभग 5 से.मी लंबे होते हैं। ये पुरुषों के प्रजनन तंत्र का प्रमुख हिस्सा हैं जो कि अंडकोष की थैली से ढके होते हैं। दोनों पैरों के बीच में पेनिस के नीचे अंडकोष की थैली होती है। अंडकोषों में ही शुक्राणु बनते हैं। ये टेस्टोस्टेरोन भी बनाते हैं जो कि पुरुष सेक्स हार्मोन है।
अंडकोष कैंसर होने या इसके होने की संभावना की स्थिति में ऑर्किएक्टोमी सर्जरी द्वारा एक या दोनों अंडकोषों को निकाला जाता है। एक या दोनों वृषण (अंडकोष) को निकालने के लिए की गई सर्जरी को ऑर्किएक्टोमी कहा जाता है। पुरुषों में होने वाले कैंसर में 1 प्रतिशत अंडकोष कैंसर भी है। इस कैंसर के मामले विकसित और पश्चिमी देशों में ज्यादा देखे जाते हैं। भारत में एक लाख पुरुषों में से 1 को अंडकोष कैंसर होता है।
अंडकोष कैंसर 15 से 34 साल की उम्र के पुरुषों को प्रभावित करता है और इस उम्र में इसका 95 फीसदी इलाज संभव है। इसके बाद वृषण यानी अंडकोष का कैंसर होने की सम्भावना सबसे ज्यादा 50 साल की उम्र के बाद होती है। भारत में वृषण कैंसर बहुत दुर्लभ ही किसी को होता है, यहां तक कि विश्व स्तर पर भी इसकी संख्या कम है।
किसी भी अंडकोष में ट्यूमर को खत्म करने का पहला उपचार हाई इनगुइनल ऑर्किएक्टोमी (पेट के साइड में नीचे की तरफ चीरा लगाकर की गई सर्जरी) है। इसके बाद बीमारी के चरण और जोखिम के आधार पर आगे का उपचार निर्भर करता है।