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यौन संचारित संक्रमण की समस्या से महिला व पुरुष दोनों प्रभावित हो सकते हैं. आमतौर पर यह समस्या असुरक्षित यौन संबंध बनाने से होती है. ऐसा अनुमान है कि भारत में करीब 6 प्रतिशत वयस्क इस समस्या से ग्रस्त हैं. महिला हो या पुरुष दोनाें ही इस समस्या के चलते बांझपन का शिकार हो सकते हैं. गोनोरिया, क्लैमाइडिया, जेनाइटल हर्पीस आादि यौन संचारित संक्रमण के प्रकार माने गए हैं.

आज इस लेख में हम यौन संचारित रोग के प्रमुख प्रकारों के बारे में विस्तार से बता रहे हैं -

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  1. यौन संचारित संक्रमण क्या है?
  2. यौन संचारित संक्रमण के प्रकार
  3. सारांश
यौन रोग के डॉक्टर

यह एक तरह का इंफेक्शन है, जो सेक्शुअल एक्टिविटी खासकर माउथ, एनस, वजाइना या फिर पेनिस के जरिए होता है. इसे मेडिकल भाषा में सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिजीज के नाम से भी जाना जाता है. सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन के प्रकार सिर्फ एक नहीं, बल्कि कई हैं जिनके बारे में आगे समझेंगे.

(और पढ़ें - महिलाओं को होने वाली यौन संचारित बीमारियां)

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यौन संचारित संक्रमणों के सबसे प्रमुख प्रकारों के बारे में हम यहां विस्तार से बता रहे हैं -

गोनोरिया

गोनोरिया यानी सुजाक एक यौन संचारित रोग है. इसे "द क्लैप (the clap)" भी कहा जाता है. इसके बैक्टीरिया महिलाओं व पुरुषों में तेजी से फैलते हैं. इस यौन संक्रमण से ग्रस्त होने के दो दिन से लेकर दो सप्ताह के अंदर पुरुषों को पेशाब में जलन और बाद में तरल या गाढ़ा मवाद या पेशाब में खून आने जैसी समस्या हो सकती है. महिलाओं को पेशाब में जलन तथा सफेद डिस्चार्जपेडू (Pelvic) तथा कमर में दर्द, फैलोपियन ट्यूब्स में सूजन तथा बांझपन हो सकता है. सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार, सुजाक का उपचार न करने पर निम्न समस्याएं हो सकती हैं -

  • समय से पहले प्रसव.
  • बांझपन.
  • नवजात शिशुओं में गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं.

(और पढ़ें - 45 साल से अधिक उम्र के लोगों में यौन संचारित संक्रमण)

क्लैमाइडिया

क्लैमाइडिया एक यौन संचारित बीमारी है, जो ट्रैकोमैटिस बैक्टीरिया द्वारा फैलता है. यह एसटीआई यूरिनरी ट्रैक्ट, यूटेराइन सर्विक्स, वजायना एवं एनस में मौजूद होता है. संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आने से यह इंफेक्शन फैल सकता है. क्लैमाइडिया के शुरुआती लक्षणों को समझना मुश्किल है, लेकिन कुछ दिनों बाद पेशाब करने के दौरान जलन महसूस होना, लिंग या योनि से पीले या हरे रंग का डिस्चार्ज होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना, अंडकोष में दर्द की समस्या होना और सेक्स के दौरान दर्द महसूस होना.

महिला एवं पुरुषों में क्लैमाइडिया के लक्षण -

  • वजाइना से असामान्य डिस्चार्ज होना.
  • पेशाब करने के दौरान हल्का दर्द महसूस होना.
  • पेल्विक में सूजन से जुड़ी समस्या होना.
  • पेनिस से डिस्चार्ज होना.
  • एपिडीडिमाइटिस बढ़ने के साथ-साथ सूजन की समस्या होना.

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जेनाइटल हर्पीस

जेनाइटल हर्पीस को सामान्य भाषा में जननांग का दाद भी कहा जाता है. डब्‍लूएचओ की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 50 वर्ष की उम्र के आयुवर्ग वाले लोगों में लगभग दो तिहाई प्रतिशत लोग हर्पीस से ग्रस्‍त हैं. दरअसल इस संक्रमण के कोई लक्षण नहीं अनुभव होते. इस बीमारी का कोई इलाज भी नहीं है, लेकिन इसकी जानकारी हो, तो आप इससे बच सकते हैं और इसका इलाज जल्‍द से जल्द शुरू कर सकते हैं. हर्पीस एक यौन रोग है जो यौन संबंध द्वारा फैलता है. यह दो प्रकार का होता है, ओरल और दूसरा जेनिटल. इसे HSV 1 और HSV 2 वायरस भी कहते हैं. दुर्भाग्‍यवश इसके इलाज के लिए कोई दवा नहीं बनी है, लेकिन रिसर्च हो रही है.

महिलाओं एवं पुरुषों में जेनाइटल हर्पीस के लक्षण -

(और पढ़ें - प्रजनन प्रणाली संक्रमण)

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज

अलग-अलग तरह के माइक्रोऑर्गेनिज्म महिलाओं के रिप्रोडक्टिव ट्रैक्ट के ऊपरी हिस्से में सूजन का कारण बनते हैं और फिर पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज की समस्या शुरू हो जाती है. इसका मुख्य कारण क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस और निसेरिया गोनोरिया है. 15 से 19 वर्ष की वैसी लड़कियां जो सेक्शुअली एक्टिव होती हैं, उनमें पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज ज्यादा डायग्नोस की जाती है.

महिलाओं में पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज के लक्षण -

(और पढ़ें - पेनिस इन्फेक्शन)

ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (एचपीवी)

यह इंफेक्शन रिप्रोडक्टिव ऑर्गन, पेनिस, वजायना एवं सर्विक्स जैसे हिस्से को अपना शिकार बनाते हैं. यह संक्रमण मानव पेपिलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है. एचपीवी का कोई इलाज नहीं है. हालांकि, एक टीका उपलब्ध है, जो कुछ खतरनाक एचपीवी के कारण होने वाले कैंसर से बचा सकता है.

महिलाओं एवं पुरुषों में जेनाइटल वॉर्ट्स एवं ह्यूमन पेपिलोमावायरस (एचपीवी) के लक्षण -

  • वजाइना, सर्विक्स एवं एनस के आसपास छोटे-छोटे मस्से होना.
  • पेनिस, स्क्रोटम एवं एनस के आसपास छोटे-छोटे मस्से होना.

(और पढ़ें - जेनिटल हर्पीस में सेक्स कैसे करें)

सिफलिस

सिफलिस भी एक बैक्टीरियल संक्रमण है जो आम तौर पर संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन संबंध रखने से होता है. सिफलिस को उपदंश भी कहा जाता है. यह प्रजनन अंगों से होने वाला संक्रमण है और यदि इसका जल्दी इलाज नहीं कराया जाए, तो यह जटिलताओं का कारण बन सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं में बदल सकता है.

महिला एवं पुरुषों में सिफलिस के लक्षण -

(और पढ़ें - योनि में खमीर संक्रमण)

ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी)

एचआईवी यानी ह्युमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस एक विषाणु है, जो बॉडी के इम्‍यून सिस्‍टम पर नकारात्‍मक प्रभाव डालता है और व्‍यक्ति के शरीर में उसकी प्रतिरोधक क्षमता को दिनोंदिन कमजोर कर देता है. हर दो-तीन दिन में बुखार महसूस होना और कई बार तेजी से बुखार आना, एचआईवी का सबसे पहला लक्षण होता है. पिछले कुछ दिनों में पहले से ज्‍यादा थकान होना या हर समय थकावट महसूस करना एचआईवी का शुरूआती लक्षण होता है. एचआईवी में मरीज का वजन एकदम से नहीं घटता है. हर दिन धीरे-धीरे बॉडी के सिस्‍टम पर प्रभाव पड़ता है और वजन में कमी होती है.

अन्य कम सामान्य एसटीडी कुछ इस प्रकार हैं -

  • शैनक्रोइड (Chancroid).
  • लिंफोग्रेन्युलोमा वेनेरियम (Lymphogranuloma venereum).
  • मोलस्कम कंटागियोसम (Molluscum contagiosum).
  • प्यूबिक जूं (Pubic lice).
  • खाज (Scabies).

(और पढ़ें - सुरक्षित सेक्स कैसे करें)

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(और पढ़ें - सूजाक की होम्योपैथिक दवा)

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