कई बार देखा गया है कि जब आप पहली बार सेक्स करते हैं तो आपका ये लव सेशन बहुत लंबा चल सकता है, लेकिन जरूरी नहीं कि दूसरी बार सेक्स के दौरान भी आप देर तक सेक्स करते रहें. सेक्स कितनी देर चलेगा या क्या आपका इंटीमेट सेशन पहले वाले सेशन से कितना छोटा या लंबा होगा ये कोई नहीं जानता. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर सेक्स सामान्यतौर पर कितनी देर का होना चाहिए? आज इस लेख में हम आपको बताएंगे ऑर्गेज्म यानी क्लाइमेक्स से पहले सेक्स कितनी देर का होना चाहिए.
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संभोग की औसतन अवधि क्या है?
2005 में सोसाइटी फॉर सेक्स थेरेपी एंड रिसर्च मेंबर द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक, वजाइनल सेक्स आमतौर पर तीन से सात मिनट तक होता है. सर्वे में बताया गया कि 1 से 2 मिनट के वजाइनल सेक्स को ‘बहुत छोटी’ और 10 से 30 मिनट को ‘बहुत बड़ी’ अवधि में माना जाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि संभोग कितनी देर तक होना हेल्दी है. इस संबंध में सेक्स थेरेपिस्ट मानते हैं कि संभोग 7 से 10 मिनट तक होना चाहिए. यहां ये ध्यान देना जरूरी है कि ये समय सिर्फ इंटरकोर्स यानी पीनस-वजाइना संभोग का है, इसमें फोरप्ले, ओरल सेक्स, एनल सेक्स या अन्य किसी तरह का सेक्स शामिल नहीं है.
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क्या् कहती हैं रिसर्च
द कन्वर्सेशन द्वारा की गई रिसर्च में पाया गया कि इंटरकोर्स 33 सेकेंड से लेकर 44 मिनट तक औसतन होता है. 80 गुणा के इस अंतर को देखते हुए शोधकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि सेक्स करने के लिए कोई भी 'सामान्य' समय नहीं है. हालांकि, अलग-अलग जोड़ों का चार सप्ताह तक इंटरकोर्स का समय तकनीकी रूप से औसतन 5.4 मिनट था. शोधकर्ताओं ने माना कि सेक्स ऐसी चीज नहीं है कि घड़ी की निगरानी करते समय किया जाए और एक सहज संभोग के समय की निगरानी किसी तीसरे व्यक्ति की सहायता के बिना करना मुश्किल हो सकता है.
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इंट्रावेजाइनल इजेकुलेटरी लेटेंसी टाइम (आईईएलटी) को जानें
जब भी संभोग के समय को लेकर रिसर्च की जाती है तो इंट्रावेजाइनल इजेकुलेटरी लेटेंसी टाइम (आईईएलटी) को आधार बनाया जाता है. जब पीनस योनि में प्रवेश करता है और इस दौरान डिस्चार्ज होने में जो समय लगता है, उस समय को आईईएलटी में रिसर्च के दौरान शामिल किया जाता है.
हालांकि कई शोधकर्ता रिसर्च में ऑर्गज्म यानी चरमोत्कर्ष तक के समय को भी शामिल करते हैं जिसमें फॉरप्ले, स्पर्श, ओरल सेक्स या एनल सेक्स भी शामिल होता है. लेकिन आप सिर्फ संभोग का समय जानना चाहते हैं तो यह सिर्फ कुछ ही मिनटों तक होता है. सेक्स में बेशक अधिक या कम समय लगे लेकिन सबसे अहम यह है कि ये संतोषजनक होना चाहिए.
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इन कारणों पर भी निर्भर करती है संभोग की अवधि
बहुत से ऐसे बायोलॉजिकल कारण भी हैं जो आपकी सेक्स अवधि को प्रभावित कर सकते हैं. जैसे-
- उम्र - बढ़ती उम्र के साथ उत्तेजित होने में समय लगने लगता है. इरेक्शन होने में मुश्किलें आती हैं या लंबे समय तक इरेक्ट रहना मुश्किल होता है. हार्मोंस के बदलाव के कारण वजाइनल ड्राईनेस और सेक्स इच्छा में कमी भी आने लगती है. ये सभी स्थितियां संभोग के समय को कम कर सकती हैं.
- जननांग - जननांग भी संभोग का समय सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाते हैं. 2003 की एक रिसर्च में शोधकर्ताओं ने दावा किया कि लिंग का आकार - विशेष रूप से लिंग के ऊपरी हिस्से के चारों ओर के रिज (ridge) के कारण सामान्य से अधिक प्रयास करना पड़ता है.
- सेक्सुअल डिस्फंक्शन - शीघ्रपतन यानी समय से पहले स्खलन के कारण क्लाइमेक्स आपकी उम्मीद से बहुत जल्दी हो सकता है. वहीं देर से स्खलन होने के कारण क्लाइमेक्स तक पहुंचने में भी समय लग सकता है.
संभोग का समय आपकी उम्मीदों और इच्छाओं पर निर्भर करता है. यदि आपको ये लगता है कि आपके संभोग का समय कम है तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर आपके लाइफस्टाइल और सेक्स लाइफ के बारे में जानकर आपकी समस्या का हल ढूंढने में मदद कर सकते हैं.
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