सेक्स करना हर किसी की शारीरिक जरूरत होती है, लेकिन सेक्स करना तभी सफल हो पाता है, जब ऑर्गेज्म भी प्राप्त होता है. वहीं, जब ऑर्गेज्म तक पहुंचने में किसी भी तरह की परेशानी होती है, तो इसे एनोर्गास्मिया कहा जाता है. महिला या पुरुष किसी को भी एनोर्गास्मिया की समस्या हो सकती है. आर्गेज्म का देरी से आना या न आना इसके लक्षण होते हैं. वहीं, तनाव, खराब रिश्ते, सर्जरी आदि इस समस्या के कारण हो सकते हैं. ऐसे में थेरेपी की मदद से इस समस्या का इलाज किया जा सकता है.

आज इस लेख में आप जानेंगे कि महिला एनोर्गास्मिया के लक्षण, कारण, व इलाज क्या-क्या हैं -

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  1. महिला एनोर्गास्मिया क्या है?
  2. महिला एनोर्गास्मिया के लक्षण
  3. महिला एनोर्गास्मिया के प्रकार
  4. महिला एनोर्गास्मिया के कारण
  5. महिला एनोर्गास्मिया का इलाज
  6. सारांश
  7. महिला एनोर्गास्मिया क्या है व इस का इलाज कैसे करें के डॉक्टर

अगर यौन उत्तेजना और यौन संबंध बनाने के बाद किसी महिला को ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं हो पाता है, तो इसे एनोर्गास्मिया कहा जाता है. एनोर्गास्मिया में ऑर्गेज्म या तो देरी से होता है या फिर होता ही नहीं है. कुछ महिलाओं को ऑर्गेज्म उस तरीके से नहीं मिल पाता है, जिस तरह से मिलना चाहिए. इन सभी स्थितियों को महिला एनोर्गास्मिया के रूप में जाना जाता है. इसे फीमेल ऑर्गेज्मिक डिसऑर्डर भी कहा जाता है. अगर किसी को भी एनोर्गास्मिया की समस्या है, तो इसका इलाज समय पर करवा लेना चाहिए.

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अगर किसी महिला को एनोर्गास्मिया की दिक्कत है, तो उसे निम्न प्रकार के लक्षणों का अनुभव हो सकता है -

  • देरी से ऑर्गेज्म होना
  • ऑर्गेज्म न होना
  • कम ऑर्गेज्म होना

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महिलाओं के स्वास्थ के लिए लाभकारी , एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोंस को कंट्रोल करने , यूट्रस के स्वास्थ को को ठीक रखने , शरीर के विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल कर सूजन को कम करने में लाभकारी माई उपचार आयुर्वेद द्वारा निर्मित अशोकारिष्ठ का सेवन जरूर करें । 

महिला एनोर्गास्मिया कई प्रकार के हो सकते हैं. इसमें कुछ महिलाओं को कभी भी ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं हो पाता है, तो कुछ महिलाओं को कभी-कभार ही ऑर्गेज्म प्राप्त हो पाता है -

  • लाइफ लॉन्ग - अगर किसी महिला को अपने जीवन में कभी भी संभोग सुख प्राप्त नहीं हो पाता है, तो इसे लाइफ लॉन्ग एनोर्गास्मिया के रूप में जाना जाता है.
  • एक्वायर्ड - अगर किसी महिला को पहली बार ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं हुआ है या फिर पहली बार देरी से ऑर्गेज्म प्राप्त हुआ है, तो इसे एक्वायर्ड एनोर्गास्मिया हो सकता है.
  • सिचुएशनल - कई बार महिलाओं को सिर्फ कुछ स्थितियों में ही ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं होता है. यह मेडिसिन या फिर किसी मेडिकल कंडीशन की वजह से हो सकता है. इसके अलावा तनावकमजोरी या थकान भी सिचुएशनल एनोर्गास्मिया का कारण बन सकते हैं.
  • सामान्य - अगर किसी महिला को हर सिचुएशन में ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं होता है, तो इसे सामान्य एनोर्गास्मिया के रूप में जाना जाता है. इस प्रकार के एनोर्गास्मिया में महिला को किसी भी स्थिति में संभोग सुख नहीं मिल पाता है.

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खराब सेक्स लाइफ

अगर किसी की सेक्स लाइफ बेहतर नहीं है, तो उसे संभोग सुख प्राप्त करने में दिक्कत हो सकती है. अगर किसी महिला को सेक्स के दौरान शर्मिंदगी महसूस होती है, तो भी एनोर्गास्मिया का सामना करना पड़ सकता है.

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रिश्ते में तनाव

अगर किसी महिला का अपने साथी के साथ रिश्ता सही नहीं चल रहा है, तो भी उसे एनोर्गास्मिया का सामना करना पड़ सकता है. अगर किसी का अपने पार्टनर के साथ प्यार का गहरा रिश्ता नहीं है या फिर दोनों के बीच लड़ाई-झगड़ा रहता है, तो इस स्थिति में संभोग सुख प्राप्त करने में दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा, अगर किसी महिला के पुरुष साथी को कोई यौन रोग जैसे - शीघ्रपतन या इरेक्टाइल डिसफंक्शन है, तो उसे एनोर्गास्मिया हो सकता है.

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मेडिकल कंडीशन

कई स्वास्थ्य समस्याएं भी महिलाओं में एनोर्गास्मिया का कारण बन सकती हैं. डायबिटीजओवरएक्टिव ब्लैडर या फिर मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारियां संभोग सुख प्राप्त करने में रुकावट पैदा कर सकती हैं. इसके अलावा, अगर कोई यौन रोग है, तो उसकी वजह से भी ऑर्गेज्म प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है.

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सर्जरी

अगर महिला की कोई कैंसर सर्जरी या हिस्टेरेक्टॉमी हुआ है, तो इस स्थिति में उनके टिश्यू डैमेज हो सकते हैं. यह स्थिति संभोग सुख प्राप्त करने की क्षमता को प्रभावित कर सकती है. कैंसर सर्जरी के बाद महिलाओं के लिए ऑर्गेज्म प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है. 

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दवाइयों का सेवन

कुछ खास प्रकार की दवाइयां भी महिला एनोर्गास्मिया का कारण बन सकती हैं. हाई ब्लड प्रेशर, एंटीसाइकोटिक, एंटीहिस्टामाइन और एंटीडिप्रेसेंट्स दवाइयां ऑर्गेज्म को प्रभावित कर सकती हैं. इसके अलावा, सेरोटोनिन रीपटेक इनहिबिटर की वजह से भी फीमेल एनोर्गास्मिया हो सकता है.

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शराब और धूम्रपान का सेवन

अगर कोई महिला शराब या धूम्रपान का सेवन करती है, तो उसे एनोर्गास्मिया के लक्षणों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, शराब नर्वस सिस्टम को दबा सकती है. इसकी वजह से संभोग की क्षमता प्रभावित होने लगती है. वहीं, धूम्रपान करने से यौन अंगों में रक्त का प्रवाह सीमित हो जाता है. इसकी वजह से संभोग सुख प्राप्त करने में मुश्किल हो सकती है.

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अधिक उम्र या मेनोपॉज

एक उम्र के बाद महिलाओं को मेनोपॉज से गुजरना पड़ता है. मेनोपॉज में महिलाओं में मासिक धर्म आना बंद हो जाता है. इस स्थिति में महिलाओं में एस्ट्रोजन का स्तर भी कम होने लगता है. इसकी वजह से महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आने शुरू हो जाते हैं. वजाइनल ड्राईनेस व सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है. इस स्थिति में महिला को एनोर्गास्मिया के लक्षणों का भी सामना करना पड़ सकता है.

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महिला एनोर्गास्मिया का इलाज इसके कारण पर निर्भर करता है. पहले डॉक्टर इसके कारण का पता लगाते हैं, इसके बाद ही इलाज शुरू करते हैं -

  1. एस्ट्रोजन थेरेपी
  2. टेस्टोस्टेरोन थेरेपी

एस्ट्रोजन थेरेपी

मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर कम होने लगता है. ऐसे में डॉक्टर एनोर्गास्मिया का इलाज करने के लिए एस्ट्रोजन थेरेपी ले सकते हैं. एस्ट्रोजन थेरेपी से जननांगों में रक्त प्रवाह में सुधार किया जाता है. 

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टेस्टोस्टेरोन थेरेपी

पोस्टमेनोपॉजल महिलाओं के लिए टेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को भी अहम माना जाता है. इसकी कमी या वृद्धी महिलाओं को ऑर्गेज्म प्राप्त करने में दिक्कत पैदा कर सकती है. इस स्थिति में डॉक्टर टेस्टोस्टेरोन थेरेपी लेने की सलाह दे सकते हैं. 

इनके अलावा, डॉक्टर एनोर्गास्मिया का इलाज करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह भी दे सकते हैं. अगर तनाव की वजह से एनोर्गास्मिया हो रहा है, तो डॉक्टर कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी दे सकते हैं. साथ ही फोरप्ले में अधिक समय बिताने, नई सेक्स पोजीशन ट्राई करने व मास्टरबेशन करने से भी कुछ फायदा हो सकता है.

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जब किसी महिला को ऑर्गेज्म प्राप्त नहीं हो पाता या फिर देरी से ऑर्गेज्म प्राप्त होता है, तो इस स्थिति में महिलाएं परेशान हो सकती हैं. इसे एनोर्गास्मिया कहा जाता है. जब एक महिला को संभोग सुख नहीं मिल पाता है, तो इसे फीमेल एनोर्गास्मिया के रूप में जाना जाता है. यह कई कारणों की वजह से हो सकता है. एनोर्गास्मिया का इलाज भी इसके कारण पर ही निर्भर करता है. इलाज के तौर पर लाइफस्टाइल में बदलाव के साथ-साथ एस्ट्रोजन व टेस्टोस्टेरोन थेरेपी ली जा सकती है.

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