अक्सर आपने हिंदी फिल्मों में गर्भवती महिला के वॉटर ब्रेक होने की बात सुनी होगी। यह लेबर पेन यानी प्रसव पीड़ा शुरू होने का एक संकेत होता है। लेकिन वॉटर ब्रेकिंग की इस घटना को फिल्मों में जिस नाटकीय तरीके से दिखाया जाता है, हकीकत में ऐसा नहीं होता। कुछ मामलों में गर्भवती महिला को अपनी जांघों के नीचे पानी की बौछार सी महसूस होती है और उसे लगता है कि लेबर पेन शुरू हो गए हैं। लेकिन दुनियाभर की गर्भवती महिलाओं को वॉटर ब्रेक होने का यह अनुभव महसूस हो ऐसा जरूरी नहीं है।
असल जिंदगी में तो कई बार गर्भवती महिलाएं पेशाब करने और वॉटर ब्रेक होने के बीच का अंतर भी नहीं समझ पाती हैं। कुछ महिलाओं के लिए वॉटर ब्रेकिंग का अनुभव पानी की बौछार की जगह धीरे-धीरे पानी के रिसने जैसा हो सकता है। वहीं दूसरी महिलाओं को योनि और आसपास के हिस्से में सिर्फ हल्का सा गीलापन महसूस हो सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान योनि से होने वाले स्त्राव (वजाइनल डिस्चार्ज) के बारे में अक्सर इतनी बातें कही जाती हैं कि ज्यादातर गर्भवती महिलाएं उसके साथ जीना सीख लेती हैं। लिहाजा कई बार तो यह बताना भी मुश्किल हो जाता है कि वॉटर ब्रेक के वक्त असल में हुआ क्या था।
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हालांकि, इस बारे में कुछ प्रासंगिक संकेत हैं, जिनसे वॉटर ब्रेकिंग के बारे में जानकारी मिल सकती है :
- अगर आप गर्भावस्था के 37वें हफ्ते में हैं या उससे भी आगे निकल चुकी हैं तो इस बात की संभावना अधिक है कि आप वॉटर ब्रेकिंग के संकेतों पर नजर रख रही होंगी। इस दौरान अगर आपको गीलापन महसूस हो या वॉटर ब्रेकिंग महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से बात करें कि क्या आपको अस्पताल जाना चाहिए या नहीं।
- नॉर्मल डिलिवरी के मामले में आमतौर पर लेबर के दौरान या उससे ठीक पहले ही वॉटर ब्रेक होता है। अगर आपको गर्भाशय में लगातार संकुचन महसूस हो, जो बहुत तेज हो और साथ ही में हल्के पीले या सूखी घास के रंग का डिस्चार्ज हो रहा हो तो इसका मतलब है कि आपका वॉटर ब्रेक हो चुका है और आप लेबर पेन में हैं।
- बहुत सी गर्भवती महिलाओं के साथ ये भी होता है कि योनि से ऐमनियोटिक फ्लूइड बाहर आने से ठीक पहले म्यूकस डिस्चार्ज होता है, जिसका रंग सफेद होता है और उसमें हल्का खून भी हो सकता है। यही वह म्यूकस प्लग है जो गर्भकाल के दौरान सर्विक्स (गर्भाशय ग्रीवा) को बंद रखने का काम करता है। जब गर्भाशय में सिकुड़न शुरू होती है तो यह म्यूकस प्लग फोर्स के साथ बाहर आता है और फिर ऐमनियोटिक फ्लूइड बहने लगता है। अगर आपको फ्लूइड बाहर आने से पहले इस तरह का डिस्चार्ज दिखे तो इसका मतलब भी यही है कि आपका वॉटर ब्रेक हो चुका है।
- अगर योनि से बाहर आने वाला फ्लूइड डिस्चार्ज एकदम साफ और पीले रंग का है तो वह संभवतः ऐमनियोटिक फ्लूइड हो सकता है। कुछ नर्स यह भी सुझाव देती हैं कि गर्भवती महिलाओं को खड़े होकर देखना चाहिए और अगर शरीर के बाहर आ रहे फ्लूइड की मात्रा बढ़ने लगे तो इसका मतलब है कि वह ऐमनियोटिक फ्लूइड ही है।
लिहाजा अगर आप गर्भवती हैं तो आपको वॉटर ब्रेकिंग के बारे में ये बातें जरूर पता होनी चाहिए।
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