प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही पूरी होने के बाद गर्भवती महिला दूसरी तिमाही के चरण में प्रवेश करती हैं। इस समय कामकाजी महिलाएं अपनी छुट्टी के लिए योजना तैयार करने लगती हैं। गर्भावस्था का हर चरण महिला के लिए बेहद ही महत्वपूर्ण होता है। इस समय तक अधिकतर गर्भवती महिलाओं की पहली तिमाही में होने वाली मॉर्निंग सिकनेस और थकान के लक्षण समाप्त हो जाते हैं। मॉर्निंग सिकनेस और थकान समाप्त होने से दूसरी तिमाही में महिला खुद को पहले की अपेक्षा ऊर्जावान महसूस करने लगती हैं। लेकिन इस दौरान भी किसी प्रकार की समस्या न हो, इसलिए महिलाओं को अपने स्वास्थ्य की पूरी तरह से देखभाल करनी चाहिए।
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प्रेग्नेंसी के इस चरण में महिलाओं को कोई समस्या न हो, इसलिए इस लेख में गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के बारे में विस्तार से बताया जा रहा है। साथ ही इसमें प्रेग्नेंसी में दूसरी तिमाही का मतलब क्या है, गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में होने वाले शारीरिक बदलाव, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में भ्रूण का विकास, प्रेग्नेंसी की दूसरी तिमाही में क्या खाना चाहिए और गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में देखभाल आदि के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
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