क्या आप प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं, पीरियड मिस हो गया है और आप जानना चाहती हैं कि प्रेग्नेंट हो गयी हैं या नहीं? गर्भ ठहरने का पता करने का एक आसान तरीका है प्रेगनेंसी टेस्ट किट का प्रयोग करना।

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जल्दी, आसानी से और सही परिणाम जानने के लिए आपको सिर्फ एक प्रेगनेंसी टेस्ट किट की पट्टी पर अपने मूत्र की कुछ बूँदें डालनी होती हैं और परिणाम आपके सामने होता है। इस परीक्षण पट्टी को गर्भावस्था जांच किट भी कहते हैं। यह आपके मूत्र में एचसीजी हार्मोन की मात्रा की जांच करती है। इस टेस्ट में केवल 5 मिनट लगते हैं और आपको रिजल्ट मिल जाता है। डॉक्टर भी प्रेगनेंसी टेस्ट करने के लिए इस किट के इस्तेमाल की सलाह देते हैं।

इस लेख में हम इस प्रग्नेंसी टेस्ट किट के बारे में सारी जानकारी दे रहे हैं - इस्तेमाल करने का तरीका, परिणाम का मतलब, और बाज़ार में मिलने वाली किट के नाम और दाम। 

  1. प्रेगनेंसी टेस्ट किट के प्रकार - Types of pregnancy test kit in Hindi
  2. प्रेगनेंसी टेस्ट किट के फायदे - Pregnancy test kit benefits in Hindi
  3. प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल कब करना चाहिए? - When to use the pregnancy test kit in Hindi
  4. प्रेगनेंसी टेस्ट किट का इस्तेमाल कैसे करें? - How to use pregnancy test kit in Hindi
  5. प्रेगनेंसी टेस्ट किट रिजल्ट्स सही होते हैं? - Pregnancy test kit results in Hindi
  6. सारांश
जानिए प्रेगनेंसी टेस्ट किट के बारे में के डॉक्टर

प्रेगनेंसी टेस्ट किट दो प्रकार की होती हैं -

  1. स्ट्रिप प्रेगनेंसी टेस्ट - यह प्रेगनेंसी टेस्ट किट का प्रमुख प्रकार है। आप अपने मूत्र की धार में इसे पकड़ सकते हैं। अगर आपके मूत्र में एचसीजी हार्मोन उपस्थित है तो स्ट्रिप के एक छोर का रंग परिवर्तित होने लगेगा। जो यह संकेत करता है कि आप गर्भवती हैं।
  2. कप परीक्षण किट - इस किट में परीक्षण उपकरण के साथ मूत्र एकत्रित करने के लिए एक कप भी होता है। इस कप में मूत्र लेने के बाद इस परीक्षण उपकरण को कप में डुबोइये। अगर मूत्र में एचसीजी उपस्थित है तो इसका रंग बदल जायेगा जिसका अर्थ है कि आप गर्भवती हैं।

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प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग हर बार डॉक्टर के पास जाने से होने वाली परेशानियों से बचाता है। जो महिलाएं प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही होती हैं, वह आमतौर पर अपनी सुविधानुसार जांच करने के लिए घर पर गर्भावस्था परीक्षण किट का एक छोटा पैक रखती हैं। एक बार परिणाम सकारात्मक होने के बाद, वे प्रसवपूर्व परीक्षणों के लिए अस्पताल जाती हैं।

ऐसी महिलाएं प्रेग्नेंट होने की कोशिश नहीं कर रही होती हैं, लेकिन जिन्होंने असुरक्षित सेक्स किया होता है, गर्भावस्था जांच किट उन्हें गर्भ ठहरने का जल्दी पता लगाने का मौका देती है जिससे वह चाहें तो अबॉर्शन करवा सकें। प्रेगनेंसी का टाइम से पता चलने से उनके लिए अपने स्वास्थ्य के लिए सही निर्णय लेने का पूरा समय मिलता है।

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आप गर्भावस्था जांच किट का उपयोग कर सकते हैं यदि आप पहले से ही प्रेग्नेंट होने की कोशिश कर रही हैं, या किसी अन्य कारण से असुरक्षित संभोग किया है। कभी-कभी, किसी भी वजह से कंडोम या गर्भनिरोधक गोलियां फेल हो जाती हैं। ऐसे में ये आसानी से उपलब्ध प्रेगनेंसी टेस्ट किट मदद करती हैं - गर्भावस्था का जल्दी पता लगाने में।

आमतौर पर, गर्भाशय में अंडा प्रत्यारोपित होने के 5 से 12 दिनों के बाद मूत्र में एचसीजी का पता लगाया जा सकता है। प्रेगनेंसी टेस्ट किट का उपयोग करने का सबसे अच्छा समय सुबह होता है जब गर्भावस्था के हार्मोन मूत्र में अपने अधिकतम स्तर पर होते हैं। एक सटीक परिणाम प्राप्त करने की संभावना दिन के पहले मूत्र में सबसे ज्यादा होती है।

इसके अतिरिक्त, यदि आपने असुरक्षित यौन संबंध बनाए हैं और आपका पीरियड मिस हो गया है और थकान, मितली, गले में खराश और स्तनों में हल्का दर्द महसूस कर रही हैं, तो आपको यह जांचना चाहिए कि क्या आप गर्भवती हैं या नहीं।

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प्रेगनेंसी टेस्ट किट का प्रयोग बहुत ही आसान होता है। बेशक आज कई तरह की किट उपलब्ध हैं, लेकिन इस्तेमाल का तरीका एक सामान ही होता है, जिसे नीचे दिए वीडियो में दिखाया भी गया है और यहाँ क्रमशः लिखा भी है -

  1. आप अपनी किट के अनुसार जो भी विधि अपना रही हैं, उस विधि में मूत्र का नमूना उपयोग करने के लिए मिडस्ट्रीम नमूने (midstream sample) का उपयोग करें जिसका अर्थ है कि मूत्र को एकत्रित करने से पहले थोड़ा मूत्र निकल जाने दें।
  2. अगर आप सीधा स्ट्रिप पर मूत्र कर रही हैं तो ऐसा करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कितनी देर ऐसा करना है क्योंकि कुछ किट पर निर्देश दिए होते हैं कि इसका उपयोग 5 सेकंड से ज्यादा न करें। समय देखने के लिए आप स्टॉपवॉच का प्रयोग भी कर सकती हैं। इसे उपयोग करने से पहले ध्यान रखें कि स्ट्रिप का मूत्र अवशोषक छोर मूत्र की ओर हो।
  3. मूत्र की कुछ बूँदें डालने के लिए ड्रॉपर का उपयोग करें। यह कप किट विधि में उपयोगी है। मूत्र की बूँदें सही निर्देशित जगह ही डालें। कुछ ब्रांड्स के किट में आपको स्टिक का अवशोषक वाला भाग मूत्र में डुबाना होता है और 5-10 सेकंड के लिए रुकें या फिर जितना समय किट पर लिखा हो उतने समय के लिए रुकें।
  4. अब कुछ समय इंतज़ार करें। और टेस्ट स्टिक को एक साफ़ जगह पर रख दें। 5 मिनट में परिणाम आ जाता है लेकिन कुछ किट के परिणाम 10 मिनट भी ले लेते हैं। बेहतर होगा कि किट पर लिखे निर्देशानुसार परिणाम का इंतज़ार करें।
  5. अब निर्धारित समय के बाद परिणाम देखें। अगर आपको परिणाम समझ नहीं आ रहा है तो अपनी किट पर निर्देश पढ़ें क्योंकि कुछ किट में परिणाम "प्लस और माइनस" के रूप में आता है कुछ में "रंग" बदलता है और कुछ में लिख कर आता है कि आप "प्रेग्नेंट" है या "नॉट प्रेग्नेंट" हैं।

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यदि आपने अपने पीरियड्स मिस होने के पहले दिन ही कर लिया है तो ये सभी घरेलू परीक्षण 99% सही हो सकते हैं। इसके बावजूद भी कभी कभी टेस्ट करने में थोड़ी सी लापरवाही से भी परिणाम गलत हो सकता है जिसे गलत सकारात्मक (false positive) या गलत नकारात्मक (false negative) परीक्षण भी कहते हैं। ऐसा एचसीजी हार्मोन के गलत परीक्षण के कारण भी होता है।

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प्रेगनेंसी टेस्ट किट में दोनों लाइंस का मतलब क्या है? - Pregnancy test light pink line dark pink line in Hindi

अगर परीक्षण में हल्की पिंक पॉजिटिव लाइन आती है तो इसका मतलब है कि आप गर्भवती हैं और कुछ मामलों में यह लाइन गहरे रंग की भी होती है उसका मतलब भी यही है कि आप गर्भवती हैं। असल में लाइन का रंग आपके मूत्र में एचसीजी हार्मोन की मात्रा दर्शाता है। अधिक मात्रा होने पर गहरे पिंक रंग की लाइन दिखाई देती है और कम मात्रा होने पर हल्के पिंक रंग की लाइन दिखाई देती है।

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इंफेक्शन और सूजन को कम करने के लिए , हार्मोंस को संतुलित करने के लिए , पेशाब में जलन व दर्द को ठीक करने के लिए , पीसीओडी/पीसीओएस , यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन , असामान्य डिस्चार्ज आदि को रोकने के लिए महिला और पुरुष दोनों चंद्र प्रभा वटी का उपयोग कर सकते हैं। 

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प्रेगनेंसी टेस्ट में पॉजिटिव फेंट लाइन क्या होता है? - Pregnancy test results faint line in Hindi

अगर आप माहवारी मिस होने के अगले दिन ही टेस्ट करती हैं तो पॉजिटिव फेंट लाइन आने की सम्भावना अधिक होती है क्योंकि इस समय आपके मूत्र में एचसीजी तो होता है लेकिन मात्रा में कम होता है इसलिए इसे पॉजिटिव फेंट टेस्ट कहते हैं और जैसे जैसे गर्भावस्था बढ़ती जाती है एचसीजी की मात्रा भी बढ़ती है और तब परीक्षण करने पर डार्क पिंक लाइन दिखाई देती है।

(और पढ़ें - प्रेगनेंसी के हफ्ते)

प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव कैसे होता है? - Positive pregnancy test kit result in Hindi

परीक्षण स्टिक में एक नियंत्रण लाइन परीक्षण करने से पहले और दूसरी लाइन परीक्षण करने के बाद दिखाई देती है। परीक्षण करने से पहले किट पर दिए गए निर्देशों को सही से पढ़ें और उनके अनुसार परीक्षण का परिणाम देखें। सकारात्मक परिणाम की लाइन पहले से उपस्थित लाइन के जितनी गहरी नहीं होती है लेकिन अगर आपको दूसरी लाइन दिखाई दे रही है तो खुश हो जाइये क्योंकि इसका मतलब है कि आप गर्भवती हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कितनी गहरी या हल्की लाइन दिखाई दे रही है।

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प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव कैसे होता है? - Negative pregnancy test kit result in Hindi

एक नकारात्मक गर्भावस्था परीक्षण में सिर्फ नियंत्रण लाइन दिखाई देती है जो परीक्षण के पहले से प्रदर्शित होती है। इसके अलावा और कोई लाइन प्रदर्शित नहीं होती है। कभी कभी परिणाम स्वरुप एक हल्की लाइन दिखाई देती है लेकिन निर्धारित समय के बाद। अगर कभी ऐसा होता है तो उसे भी नकारात्मक परिणाम माना जाता है क्योंकि इस परीक्षण की एक समय सीमा होती है और उस समय सीमा के बाद परीक्षण को बर्खास्त कर दिया जाता है अर्थात कोई भी परिणाम मान्य नहीं होता है।

अगर आपका परिणाम नकारात्मक आया है और फिर भी आपको माहवारी आना शुरू नहीं हुई है तो एक बार फिर गर्भावस्था परीक्षण कर लें क्योंकि हो सकता है कि आपने अपने पीरियड्स के दिन गिनने में कोई गलती की हो या मूत्र में एचसीजी का स्तर बहुत ही कम हो। यदि दोबारा टेस्ट के बाद भी परिणाम नकारात्मक आ रहा है और आपको पीरियड्स नहीं हो रहे है तो डॉक्टर से सलाह लें। कुछ महिलाओं को इस शुरूआती दौर में सकारात्मक परिणाम नहीं मिलता या कुछ को सिर्फ खून की जांच कराने पर ही पता चल पाता है। प्रत्येक महिला का शरीर अलग तरह से काम करता है इसलिए अगर आपको लगता है कि आप गर्भवती हैं तो आप डॉक्टर से जांच करवा सकती हैं।

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प्रेगनेंसी टेस्ट किट से महिलाओं द्वारा गर्भावस्था की प्रारंभिक जांच की जाती है। यह किट में आमतौर पर मूत्र का परीक्षण करके गर्भावस्था हार्मोन, एचसीजी (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोपिन), की उपस्थिति का पता लगाती है। इस किट का उपयोग घर पर ही किया जा सकता है और यह एक सरल तरीका है। किट के उपयोग के लिए सामान्यतः एक टेस्टर स्टिक या स्ट्रिप होती है, जिसे मूत्र में डुबोया जाता है या मूत्र के प्रवाह में रखा जाता है। कुछ मिनटों में परिणाम प्राप्त होता है, जो आमतौर पर एक या दो रेखाओं के रूप में प्रदर्शित होता है, जहां एक रेखा नेगेटिव और दो रेखाएं पॉजिटिव परिणाम को दर्शाती हैं।

 

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