गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए सुखद अनुभव होता है. भले ही इस दौरान उन्हें कई उतार-चढ़ावों का सामना करना पड़े. जैसे-जैसे गर्भावस्था आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे महिला की उत्सुकता और चिंता दोनों ही बढ़ने लगती हैं. यह अनुभव असहज होने के साथ-साथ भावनात्मक भी होता है. ऐसे में जो पहली बार मां बन रही हैं, उनके मन में अक्सर यह सवाल आता है कि डिलीवरी कितने वीक में हो जानी चाहिए.
आज इस लेख में हम यही जानने का प्रयास करेंगे कि कितने हफ्तों में डिलीवरी का होना सुरक्षित माना गया है -
महिलाओं की शारीरिक समस्याओं का है एकमात्र इलाज आयुर्वेदिक अशोकारिष्ठ दवा.