केमिकल प्रेगनेंसी को आसान शब्दों में शुरुआती स्टेज का मिसकैरेज भी कह सकते हैं। इसे बायो-केमिकल प्रेगनेंसी निकासी या प्री-क्लिनिकल भ्रूण के नुकसान के तौर पर भी जाना जाता है। आमतौर पर भ्रूण के गर्भाशय में आरोपण (इम्प्लांटेशन) होने के तुरंत बाद ऐसा होता है। इसका मतलब है कि मिसकैरेज से पहले के दिनों में-
- महिला के अंडों का निषेचन हो चुका होता है
- निषेचित अंडा फैलोपियन ट्यूब के जरिए नीचे आकर गर्भाशय की दीवार से खुद को अटैच कर लेता है
- इसका मतलब ये भी है कि महिला के शरीर ने एचसीजी हॉर्मोन का उत्पादन भी शुरू हो जाता है और मिसकैरेज होने से पहले अगर प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता तो वह भी पॉजिटिव ही आता।
हालांकि, केमिकल प्रेगनेंसी में गर्भाशय में इम्प्लांट हो चुका भ्रूण महज 2 से 3 सप्ताह के अंदर ही नष्ट हो जाता है। भारत के नेशनल हेल्थ पोर्टल के आंकड़ों की मानें तो देशभर में होने वाली करीब 80 प्रतिशत मिसकैरेज की घटनाएं पहली तिमाही यानी 1 से 3 महीने के अंदर होती है। वहीं, अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक्स ऐंड गाइनेकॉल्जिस्ट्स के आंकड़ों की मानें तो मिसकैरेज की सभी घटनाओं में से 50 से 75 प्रतिशत केमिकल प्रेगनेंसी होती हैं।
वैसी महिलाएं जो प्रेगनेंसी की प्लानिंग नहीं कर रही हैं या फिर जो अपने अंडोत्सर्ग (ऑव्यूलेशन) और प्रेगनेंसी स्टेटस का ध्यान नहीं रखतीं, उन्हें तो पता भी नहीं चलता कि उन्हें केमिकल प्रेगनेंसी हुई है। वहीं, दूसरी तरफ ऐसे कपल्स जो बच्चे के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं- फिर चाहे वह असिस्टेड रिप्रॉडक्टिव थेरेपी के जरिए हो या फिर इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन यानी आईवीएफ के जरिए- उन्हें तुरंत पता चल जाएगा कि भ्रूण का आरोपण हुआ है और बाद में केमिकल प्रेगनेंसी हुई है।
इसमें सबसे बड़ी और मुश्किल की बात ये है कि आपको पता चलता है कि आप गर्भवती हैं, लेकिन कुछ ही हफ्तों के अंदर आप प्रेगनेंट नहीं हैं- यह अनुभव किसी भी महिला के लिए सदमा देने वाला अनुभव हो सकता है। केमिकल प्रेगनेंसी मिसकैरेज का शुरुआती रूप है। प्रेगनेंसी एक बार कंफर्म हो जाए उसके बाद उसका नष्ट होना किसी भी कपल के लिए एक बड़े घाव की तरह होता है, खासकर उन कपल्स के लिए जो निःसंतान हैं और इसका इलाज करवा रहे हों। इस तरह के नुकसान से उबरने के लिए साइकोथेरपी करवाना या फिर परिवार और दोस्तों की मदद लेना एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
केमिकल प्रेगनेंसी के बारे में ये बातें जानना जरूरी है -