प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के चेहरे पर काले धब्बे और झाइयां आना जिसे मेलास्मा (melasma) कहते हैं बेहद सामान्य सी बात है। इसे मास्क ऑफ प्रेगनेंसी के नाम से भी जाना जाता है। इसका मतलब ये नहीं कि सिर्फ गर्भवती महिलाओं को ही मेलास्मा होता है। किसी भी उम्र की महिला इससे प्रभावित हो सकती है और कई बार तो पुरुषों को भी यह समस्या हो सकती है।
मेलास्मा ऐसी स्थिति है जिसमें त्वचा का कुछ हिस्सा आसपास मौजूद बाकी की त्वचा की तुलना में गहरे रंग का हो जाता है। त्वचा के गहरे रंग का होने की इस समस्या को हाइपरपिगमेंटेशन भी कहते हैं और यह आमतौर पर चेहरे पर होता है और उसमें भी माथे पर (फोरहेड), गालों पर या होंठ के ऊपर वाले हिस्से (अपरलिप) पर। गहरे रंग का यह पैच चेहरे के दोनों तरफ बिलकुल एक जैसे पैटर्न में होता है और साथ ही इसका रंग टैन कलर से लेकर गहरे भूरे रंग तक का हो सकता है।
मेलास्मा होने का मुख्य कारण हॉर्मोन्स का असंतुलन माना जाता है और इसी वजह से यह गर्भवती महिलाओं में आमतौर पर होता है। चूंकि मेलास्मा आपके बाहरी रंग-रूप को प्रभावित करता है, ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान जब ज्यादातर महिलाओं को मूड स्विंग्स होते हैं, ऐसे में चेहरे पर गहरे दाग-धब्बे आना बेहद निराशाजनक होता है और इसका जीवनशैली पर भी असर पड़ता है।
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हालांकि ये याद रखना बहुत जरूरी है कि मेलास्मा, हार्मोन्स की वजह से होता है और एक बार जब शरीर में हार्मोन्स का संतुलन बन जाता है- जब आप बच्चे को जन्म दे देती हैं उसके बाद ये गहरे दाग-धब्बे और झाइयां खुद ब खुद गायब हो जाती हैं। लेकिन अगर चेहरे की ये झाइयां डिलीवरी के बाद भी नहीं हटतीं तो आपको किसी स्किन स्पेशलिस्ट या डर्मेटॉलजिस्ट से संपर्क करना चाहिए और वे आपको मेलास्मा दूर करने के लिए जरूरी चिकित्सीय सुझाव देंगे।