गर्भावस्था का सफर तब और सहज-सुहाना हो जाता है जब गर्भवती महिला को अपने पति का साथ, प्यार मिलता है। साथ ही उनके दांपत्य जीवन में रोमांस भी होता है। हालांकि गर्भावस्था के दौरान ज्यादातर दंपतियों में इस तरह की चीजों का अभाव नजर आता है। असल में गर्भवती महिला कई तरह के भावनात्मक उतार-चढ़ाव से गुजरती है। ऐसे में कई दफा पति, पत्नी की जरूरतों और चाहतों को समझ नहीं पाते। नतीजतन उनके आपसी रिश्ते में खटास आने लगती है। ऐसे में पति को चाहिए कि वह अपनी पत्नी को समझे, उसका साथ दें। जितना संभव हो पत्नी की जरूरतों को महत्व दें। पत्नी को ऐसा महसूस न होने दें कि आपका उसमें इंट्रेस्ट कम हो गया है, पत्नी से ज्यादा बच्चे में रुचि ले रहे हैं वगैरह-वगैरह। सवाल है इस स्थिति में अपने रिश्ते में गर्मजोशी, प्यार और रोमांस को किस तरह बरकरार रख सकते हैं। परेशान न हों, यहां बताए गए उपायों पर अमल करें।
(और पढ़ें - ग्यारहवें हफ्ते की गर्भावस्था में शरीर में होने वाले बदलाव)