भारतीय समाज में आज भी कई लोग गोरी त्वचा वाले व्यक्ति को ही ज्यादा पसंद करते हैं। टीवी और फिल्मों में दिखने वाले अधिकतर सुंदर चेहरे गोरे होते हैं, इससे लोग अपने दिमाग में यह बात बैठा लेते है कि गोरी त्वचा वाले लोग ही सुंदर होते हैं। इतना ही नहीं कई लोग तो महिलाओं के प्रेग्नेंट होते ही गोरा बच्चा पाने के उपायों को खोजना शुरू कर देते हैं। वहीं घर की बुजुर्ग महिलाएं भी सुंदर संतान पाने के लिए गर्भवती महिला को कई तरह की चीजों को खाने की सलाह देना शुरू कर देती हैं। गोरा बच्चा पैदा करने के तरीकों और टिप्स को लेकर दुनिया भर की वेबसाइट्स कई तरह के दावे करती हैं। लेकिन बच्चे के जन्म से पूर्व ही उसके रंग को निर्धारित करने का कोई तरीका मौजूद नहीं है। इससे जुड़ी जो भी बातें आपको सुनने या पढ़ने में मिलती हैं वह सभी मात्र मिथक हैं और हमारे समाज में यह मिथक सदियों से आपनाएं जा रहें हैं।

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गोरा बच्चा पाने के लिए किसी भी तरह की चीज को खाने की जगह आपको अपने बच्चे को पूर्ण पोषण प्रदान करने वाले आहार का सेवन करने पर जोर देना चाहिए। इसके अलावा प्रेग्नेंसी में किसी भी तरह का डाइट चार्ट अपनाने से पहले आपको अपने डॉक्टर से पूछ लेना चाहिए, क्योंकि प्रेग्नेंसी के दौरान कई तरह की चीजें आपके बच्चे के स्वस्थ पर विपरीत प्रभाव डाल सकती हैं।

समाज में गोरा बच्चा पाने के उपाय के लिए लोगों में बेहद उत्सुकता है। लोगों की इसी उत्सुकता के कारण आपको गोरा बच्चा पाने के तरीकों से जुड़े मिथक के बारे में बताया जा रहा है। इतना ही नहीं, आगे आपको जन्म से पूर्व बच्चे की त्वचा के रंग को निर्धारित करने वाले कारकों के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।

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  1. गोरा बच्चा कैसे पैदा होता है - Gora bacha kaise paida hota hai
  2. मिथक 1: गोरा बच्चा पैदा करने का उपाय है केसर वाला दूध - Bacha gora paida karne ka upay hai kesar vala doodh
  3. मिथक 2: गोरी संतान पाने का उपाय है देसी घी - Bacha gora hone ke liye khayen desi ghee
  4. मिथक 3: बच्चा गोरा पैदा होगा संतरा खाने से - Gora bacha pane ke upay hai santra
  5. मिथक 4: नारियल खाना है गोरा बच्चा पैदा करने का तरीका - Nariyal khana hai gora bacha paida karne ka tarika
  6. मिथक 5: गोरा बच्चा पैदा करने के टिप्स में खाएं अनानास - Bacha gora paida karne ke tips me khayn ananas
  7. मिथक 6: गोरा बच्चा पैदा करें सौंफ खा कर - Gora bacha paida kare sauf kha kar
  8. मिथक 7: गोरा बच्चा पैदा करना है तो अंडा खाएं - Bacha gora paida karne ka tarika hai anda
  9. मिथक 8: बच्चा गोरा होने के लिए करें बादाम का सेवन - Bacha gora paida hone ke liye niyamit khaye badam
  10. बच्चा गोरा पैदा करने के तरीके से सम्बंधित अन्य मिथक - Gora bacha paida karne ke anya mithak
गोरा बच्चा पैदा करने के उपाय और टिप्स से जुड़े मिथक के डॉक्टर

किसी भी व्यक्ति के त्वचा के रंग को निर्धारित करने के लिए मेलेनिन (Melanin) जिम्मेदार होता है। मेलेनिन एक प्रोटीन उत्पाद है, जो त्वचा की कोशिकाओं द्वारा त्वचा की निचली परत पर बनता है। जब यह प्रोटीन निकलकर त्वचा की ऊपरी परतों में जमा होता है, तो इससे त्वचा का रंग गहरा (काला) होने लगता है। कम मेलेनिन की तुलना में अधिक मेलेनिन वाले व्यक्तियों की त्वचा संवाली या काली होती है।

त्वचा के अलावा मेलेनिन आपकी आंखों और बालों के रंग को भी निर्धारित करने का काम करता है। कई विशेषज्ञ बताते हैं कि इस तंत्र का उपयोग सूर्य की यूवी किरणों से शरीर को बचाने के लिए किया जाता है, क्योंकि मेलेनिन सूर्य की हानिकारक किरणों को त्वचा के गहराई तक पहुंचने से पहले ही अवशोषित कर लेते हैं। यहीं कारण है कि जो लोग उष्णकटिबंधीय (Tropics) क्षेत्रों में रहते हैं, उनमें सूर्य की किरणों के कारण मेलेनिन अधिक जमा हो जाता है। वहीं जिन क्षेत्रों में सूर्य की हानिकारक यूवी किरणें कम आती है, उस क्षेत्र के लोगों में मेलेनिन का स्तर कम होता है।

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अनुवांशिक कारण-

मानव शरीर में प्रोटीन द्वारा निर्मित व नियंत्रत की जानें वाली सभी चीजें अनुवांशिक आधार पर तय होती हैं। यही तरीका मेलेनिन के लिए भी लागू होता है। जीन्स (Genes) से व्यक्ति की त्वचा का रंग दो तरह से प्रभावित हो सकता है। पहले में, अगर जीन्स की मदद से बनने वाला एंजाइम (जिसको टीरोसिनसेज/ Tyrosinase के नाम से जाना जाता है) प्रभावित हो जाए और इसके निर्माण में बाधा होने लगे, ऐसी स्थिति में मेलेनिन का निर्माण भी नहीं हो पाता है, क्योंकि टायरोसिन (Tyrosin) से मेलेनिन में बदलने की यह अंतिम प्रक्रिया होती है। इससे त्वचा में कोई रंग नहीं आ पाता है और त्वचा में रंगहीनता संबंधी रोग हो जाता है।

दूसरा, जीन माता-पिता से बच्चे में स्थानांतरित होते हैं। जबकि आईवीएफ (IVF/ अंडा निषेचन की कृत्रिम प्रक्रिया) में बच्चे को माता-पिता से मिलने वाले जीन में परिवर्तन हो सकता है। इससे पता चलता है कि बच्चे के जन्म के समय माता-पिता से मिले जीन्स मेलेनिन को निर्धारित करते हैं।

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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं का केसर वाला दूध पीना एक सामान्य बात है। आप इसको अपने और बच्चे की अच्छी सेहत के लिए पी सकती हैं। लेकिन यदि आप गोरा बच्चा पैदा करने के उपाय के तहत केसर वाला दूध पी रहीं हैं, तो आपको बता दें कि यह मात्र एक मिथक हैं। लोगों का मानना है कि केसर वाला दूध पीने से पैदा होने वाले बच्चे और उसकी मां का रंग गोरा होता है। इसी कारण महिला के गर्भवती होते ही आस-पड़ोस की महिलाएं उनको केसर वाला दूध नियमित पीने की सलाह देने लगती हैं।

जबकि, प्रेग्नेंसी के दौरान केसर को अधिक मात्रा में लेने से गर्भ में पल रहें बच्चे के स्वास्थ पर बुरा असर हो सकता है। इसीलिए गोरा बच्चा पैदा करने के उपाय में केसर वाला दूध पीने से बचना चाहिए। यदि आप बच्चे के स्वास्थ के लिए केसर वाला दूध पीना ही चाहती हैं, तो इससे पहले आपको अपने डॉक्टर से इसकी निश्चित मात्रा के बारे में पूछ लेना चाहिए। 

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प्रेग्नेंसी के दौरान देसी घी खाने की सलाह कई डॉक्टर्स देते हैं। डिलीवरी के समय किसी तरह की समस्या से बचने और अन्य खराब वसा युक्त तेल से दूर रहने के लिए डॉक्टर गर्भवती महिला को देसी घी खाने की सलाह देते हैं। कई महिलाएं गोरी संतान पाने के लिए भी देसी घी का सेवन करती हैं। जबकि इसके सेवन से गर्भ में पल रहे बच्चे के रंग पर कोई असर नहीं होता है। देसी घी खाने से आपके बच्चे को पूर्ण पोषण मिलता है, लेकिन इस उपाय को उसके गोरे होने का कारण मान लेना गलत होगा। गोरी संतान की इच्छा के कारण देसी घी का सेवन करना एक मिथक है।

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गर्भवती महिलाओं ने अपने घर की बुजुर्ग महिलाओं से इस बात को सुना ही होगा कि संतरा खाने से होने वाले बच्चे का रंग गोरा होता है। इस बात को सच मानकर अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाएं संतरे का सेवन करना शुरू कर देती हैं। गर्भावस्था के दौरान संतरा खाने से महिलाओं के शरीर में विटामिन सी की कमी नहीं होती है। इसके अलावा इससे उनकी त्वचा स्वस्थ होती है। इतना ही नहीं संतरे का सेवन करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है, जिससे गर्भवती महिला को कोई संक्रमण नहीं होता है। संतरा खाने से महिलाओं को गर्भकाल में होने वाली कब्ज से भी मुक्ति मिलती हैं। इतने फायदों के चलते अपनी प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं संतरे का सेवन कर सकती हैं। लेकिन, संतरे को गोरा बच्चा पाने का तरीका मान लेना सही नहीं होगा। संतरे के सेवन से गोरा बच्चा पैदा होता है, इस बात की पुष्टि किसी भी चिकित्सा पद्धति में नहीं मिलती है।  

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गोरा बच्चा पैदा करने के तरीकों में नारियल के सेवन को शामिल किया जाता है। गोरा बच्चा पाने के चाह रखने वाली गर्भवती महिलाएं इस उपाय को जानने के बाद नियमित रूप से नारियल की गिरी और नारियल पानी का सेवन करने लगती हैं। नारियल के सेवन से बच्चा गोरा पैदा होता है, यह बात कहीं से भी सिद्ध नहीं होती हैं, लेकिन गर्भावस्था के दौरान नारियल की गिरी या नारियल पानी का सेवन करने से आपका शरीर निर्जलीकरण की समस्या से बचा रहता है। साथ ही गर्मी के मौसम में आपके शरीर का तापमान सामान्य बना रहता है। नारियल का सेवन करने से आपको जी मिचलाना और मॉर्निंग सिकनेस की समस्या नहीं होती है।

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लेकिन यदि नारियल पानी या नारियल के सेवन से बच्चे का रंग गोरा होने की बात सही होती तो भारत के तटवतीय इलाकों में नारियल का सेवन अधिक करने वाले सभी लोगों के बच्चो का रंग गोरा ही होता। इसलिए इस उपाय से गोरा बच्चा पैदा होता है, यह कह पाना मुश्किल है।

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भारतीय समाज में लोगों को अनानास के फायदों के बारे में पता हो या नहीं, लेकिन बच्चा गोरा करने के उपाय में इसका लंबे समय से इस्तेमाल किया जा रहा है। इस फल से गर्भवती महिला को विटामिन सी प्राप्त होता है। आमतौर पर अनानास का सेवन करना सुरक्षित माना जाता है। लेकिन बच्चा गोरा होने की टिप्स को आजमाते हुए अनानास का अधिक मात्रा में सेवन करना सही नहीं होगा। निर्धारित मात्रा से अधिक अनानास का सेवन करने से महिलाओं को कई तरह की समस्याएं हो सकती है। बच्चा को गोरा करने के तरीकों मे अपनाएं जाने वाला यह उपाय भी गलत ही साबित होता है। 

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गोरा बच्चा पैदा करने के लिए जो भी उपाय बताए जाते हैं, उसमें सौंफ के इस्तेमाल को भी शामिल किया जाता है। कई लोग मानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला के द्वारा सौंफ खाने या सौंफ का पानी पीने से बच्चा गोरा पैदा होता है। सौंफ को पानी में उबालकर सुबह पीने से प्रेग्नेंट महिलों को जी मिचलाने की समस्या से राहत मिलती है। लेकिन, सौंफ के इस उपाय का असर बच्चे के रंग पर नहीं पड़ता हैं। इस उपाय को गोरा बच्चा पाने का तरीका मान लेना मात्र भ्रम है।

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गोरा बच्चा पैदा करने के लिए कई गर्भवती महिलाओं द्वारा अंडे का सेवन किया जाता है। समाज में लोगों का मानना है कि गर्भावस्था की दूसरी तिमाही के बाद महिला को रोजाना अंडे का सफेद भाग खाने से गोरा बच्चा पैदा होता है। यह बात सच है या नहीं इस पर कुछ भी कह पाना गलत होगा, लेकिन गर्भावस्था में अंडों का सेवन करने से महिला को प्रोटीन, मिनरल्स और विटामिन जैसे कई पोषक तत्व मिलते हैं। इसके साथ ही अंडे के सेवन से बच्चे के विकास में भी सहायता मिलती है। मगर इसको गोरा बच्चा पाने का उपाय मानना मात्र एक भ्रांति है।

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प्रेग्नेंसी में बादाम व अन्य सूखे मेवों को खाने से महिलाओं को कई तरह के पोषक तत्व मिलते हैं। रात में सात से आठ बादाम को पानी में भिगोकर सुबह उसका छिलका उतारकर दूध के साथ खाने से गर्भ में पलने वाले बच्चे की सेहत पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि बादाम से मां व बच्चे को प्रोटीन, विटामिन ई और कैल्शियम मिलता है। इन पोषक तत्वों से बच्चे का दिमाग व तंत्रिका तंत्र सही होता है। लेकिन बच्चा गोरा पैदा करने के लिए बादाम का सेवन करने की सलाह के विषय में कहीं कोई तथ्य मौजूद नहीं हैं। गोरा बच्चा पैदा करने के अन्य प्रचलित मिथक की तरह ही यह भी मात्र एक मिथक ही है।

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नोट – प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी चीज के सेवन से पूर्व आपको अपने डॉक्टर से सलाह ले लेनी चाहिए। इसके साथ ही किसी भी कही सुनी बात पर यकिन कर गोरा बच्चा पाने के उपाय करने से आपको बचना चाहिए। इस दौरान बिना सोचे समझें कुछ भी खाने से बच्चे की सेहत पर बुरा असर हो सकता है।

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