मां बनना हर महिला के लिए सुखद अनुभव होता है. वहीं, कुछ कारणों से महिला के लिए गर्भपात करवाना जरूरी हो जाता है. इसके पीछे महिला का अस्वस्थ होना या अनचाही प्रेगनेंसी हो सकता है. ऐसे में यह अनुभव महिला के लिए काफी कष्टदायक हो सकता है. गर्भपात या अबॉर्शन करीब 20 सप्ताह के गर्भ से पहले या भ्रूण के 500 ग्राम वजन से कम का होने पर किया जा सकता है, लेकिन बार-बार अबॉर्शन करवाना बिल्कुल भी सही नहीं माना गया है.
अमेरिकन सोसायटी फॉर रिप्रोडक्टिव मेडिसिन द्वारा निर्धारित परिभाषा के अनुसार, बार-बार अबॉर्शन होने की वजह से महिला की प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है. दो या दो से अधिक बार अबॉर्शन करवाने को बार-बार गर्भपात या रेकर्रेंट अबॉर्शन कहा जाता है.
आइए, इस लेख में जानते हैं कि बार-बार अबॉर्शन करवान से क्या-क्या समस्याएं हो सकती हैं -
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