सर्जरी की जानकारी के लिए फॉर्म भरें।
हम 48 घंटों के भीतर आपसे संपर्क करेंगे।

गर्भपात चाहे दवा से किया गया हो या सर्जरी से, महिलाओं को शारीरिक व भावनात्मक रूप से देखभाल करने की जरूरत होती है. इस दौरान समय-समय पर डॉक्‍टर से चेकअप करवाते रहना जरूरी है. साथ ही जरूरत पड़ने पर गर्भपात के बाद महिला को काउंसलिंग की भी जरूरत पड़ सकती है. वहीं, अधिक ब्लीडिंग या पेट में दर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए.

आज इस लेख में हम जानेंगे कि गर्भपात के बाद महिला को किस प्रकार के देखभाल की जरूरत होती है -

(और पढ़ें - गर्भपात के बाद सेक्स कब करें)

  1. गर्भपात के बाद इन बातों पर दें ध्यान
  2. इन उपायों को अपनाना है जरूरी
  3. सारांश
गर्भपात के बाद जरूरी देखभाल के डॉक्टर

गर्भपात के बाद महिला को अपना खास ख्‍याल रखना आवश्‍यक है. गर्भपात किसी लाइसेंस प्राप्‍त डॉक्‍टर की देखरेख में ही करवाना चाहिए. एबॉर्शन के बाद महिलाओं को पेट में ऐंठन, वजाइनल ब्लाडिंग, उल्टी या जी मिचलाना, ब्रेस्‍ट में दर्द और थकान हो सकती है. आइए, विस्‍तार से जानते हैं कि गर्भपात के बाद महिला को किस प्रकार के देखभाल की जरूरत होती है -

गर्भपात के बाद ब्‍लीडिंग

एबॉर्शन के बाद ब्‍लीडिंग होना आम बात है. इस दौरान कुछ महिलाओं को कम तो कुछ को अधिक ब्‍लीडिंग हो सकती है. यदि गर्भपात के 12 घंटे बाद भी लगातार ब्‍लीडिंग हो रही है, तो ये लक्षण सामान्‍य नहीं है. इसके अलावा, यदि तेज दर्द के साथ 24 घंटे तक बहुत अधिक ब्‍लीडिंग होती है, तो महिला को तुरंत अपनी गायनोक्‍लोजिस्‍ट से संपर्क करके अपनी स्थिति के बारे में बताना चाहिए.

(और पढ़ें - गर्भपात के बाद ब्लीडिंग कब तक होती है?)

Women Health Supplements
₹716  ₹799  10% छूट
खरीदें

इंफेक्‍शन

आमतौर पर गर्भपात को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन कभी-कभी गंभीर समस्या हो सकती है, इनमें से एक है इंफेक्‍शन होना. गर्भपात के बाद इंफेक्‍शन के कई कारण हो सकते हैं, जैसे - गर्भपात ठीक से न होना या बैक्‍टीरिया का वजाइना के संपर्क में आना. गर्भपात के तुरंत बाद सेक्‍स करने से भी इंफेक्शन हो सकता है. इंफेक्‍शन होने पर पेल्विक पेन, बुखार और बदबूदार वजाइनल डिस्‍चार्ज हो सकता है.

ऐसे में इंफेक्‍शन से बचने के लिए वजाइनल ब्‍लीडिंग के दौरान सिर्फ पैड्स का ही इस्‍तेमाल करें. साथ ही पार्टनर संग सेक्‍स करने के लिए कुछ समय इंतजार करना सही है. यदि इंफेक्‍शन के दौरान पेल्विक में सूजन महसूस होती है, तो बिना देर किए गायनोक्‍लोजिस्ट से संपर्क करना चाहिए.

इमरजेंसी मेडिकल केयर

यदि महिला को गर्भपात के बाद भी महसूस होता है कि गर्भ पूरी तरह से खाली नहीं हुआ है या पेट में तेज दर्द के साथ-साथ हैवी ब्‍लीडिंग व बुखार आ रहा है, तो तुरंत इमरजेंसी सर्विस लेनी चाहिए. इसके अलावा, ज्‍यादा ठंड लगना व ब्‍लड प्रेशर लो हो जाने जैसी स्थिति में भी तुरंत इमरजेंसी मेडिकल केयर लेना जरूरी है.

(और पढ़ें - एबॉर्शन के बाद कब हो सकती हैं गर्भवती)

एबॉर्शन के बाद सेक्‍स

एबॉर्शन केयर में ये सबसे अहम है कि कम से कम दो सप्‍ताह तक सेक्‍स को एवॉइड करना चाहिए, क्‍योंकि इससे महिला के लिए जोखिम बढ़ सकता है. यदि महिला ने गर्भपात के बाद सेक्‍स किया है और पेट में तेज दर्द महसूस हो रहा है, तो तुरंत डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए.

बर्थ कंट्रोल पिल्‍स

एबॉर्शन के बाद डॉक्‍टर की सलाह पर बर्थ कंट्रोल पिल्‍स लेनी चाहिए. यदि कोई महिला बर्थ कंट्रोल पिल्‍स नहीं लेना चाहती हैं, तो अन्‍य कंट्रासेप्‍शन में कंडोम का इस्‍तेमाल किया जा सकता है. साथ ही जब डॉक्टर कहें, तभी अगली गर्भावस्था के बारे में सोचें.

(और पढ़ें - एबॉर्शन के कितने दिन बाद पीरियड आते हैं?)

गर्भपात के बाद डॉक्‍टर आपको कुछ दिशा‍-निर्देश देते हैं, उनका सख्‍ती से पालन करना चाहिए. जैसे -

  • ऐंठन होने पर हीटिंग पैड का इस्‍तेमाल करें या पेट पर मालिश करें. ऐंठन के साथ-साथ दर्द होने पर इबुप्रोफेन दवा का सेवन कर सकती हैं.
  • उल्टी या दस्त होने पर अधिक से अधिक तरल पदार्थों का सेवन करें.
  • गर्भपात के बाद कुछ महिलाओं के हार्मोन में बहुत बदलाव होते हैं, जिससे भावनात्‍मक रूप से महिलाएं कमजोर हो सकती हैं, ऐसी स्‍थि‍ति में महिला के पास परिवार के किसी ऐसे सदस्य का होना जरूरी है, जो उसका साथ दे और इस स्थिति से बाहर निकलने में मदद करे. अधिक परेशानी होने पर काउंसलर से भी मिला जा सकता है.
  • कोशिश करें कि गर्भपात के तुरंत बाद घर जाने के बजाय एक से दो दिन हॉस्पिटल में ही रहें, इससे डॉक्‍टर की देखरेख में अच्‍छी तरह से देखभाल हो सकती है.

गर्भपात कई तरह से होते हैं. डॉक्टर महिला की कंडीशन, प्रेगनेंसी स्‍टेज और उम्र जैसी चीजों का ध्‍यान रखकर गर्भपात की प्रक्रिया के विकल्‍प देते हैं. गर्भपात के प्रोसीजर के बाद ब्‍लीडिंग और स्‍पॉटिंग होना नॉर्मल है, लेकिन ऐसा अधिक और दर्दनाक हो, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. कुछ महिलाओं में गर्भपात के बाद के कई दिनों और हफ्तों तक मूड में बदलाव हो रहता है, जो अचानक हार्मोन में आए परिर्वतन के कारण होता है. एबॉर्शन के बाद परिवार का सपोर्ट ही उन्‍हें संभालने में मदद कर सकता है.

(और पढ़ें - अबॉर्शन के बाद डाइट)

Dr. Arpan Kundu

Dr. Arpan Kundu

प्रसूति एवं स्त्री रोग
7 वर्षों का अनुभव

Dr Sujata Sinha

Dr Sujata Sinha

प्रसूति एवं स्त्री रोग
30 वर्षों का अनुभव

Dr. Pratik Shikare

Dr. Pratik Shikare

प्रसूति एवं स्त्री रोग
5 वर्षों का अनुभव

Dr. Payal Bajaj

Dr. Payal Bajaj

प्रसूति एवं स्त्री रोग
20 वर्षों का अनुभव

ऐप पर पढ़ें