प्रथम तिमाही के दौरान चूंकि महिला अधिक वजन ग्रहण नहीं करती और न ही अधिक शारीरिक बदलाव आते हैं इसलिए आप सामान्य सेक्स स्थितियां अपना सकती हैं।
जैसा कि ऊपर लिखा है आप इस समय कोई भी अवस्था अपना सकते हैं : कैंची (scissor), एक्रोबेटिक (acrobatic) आदि। अगर आप थके हुए हैं तो मिशनरी (missionary) स्थिति उपयुक्त है। स्पूनिंग (Spooning) अवस्था भी इस दौरान अपनायी जा सकती है।
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दूसरे तिमाही को हनीमून तिमाही भी कहते हैं। इस समय आपको सुबह की थकान, चक्कर आना, जी मिचलाना आदि परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अचानक आप कभी अधिक ऊर्जावान महसूस करती हैं। आप इस दौरान बैठने वाली, कुत्ते वाली अवस्था (Hands and knees), रिवर्स स्पूनिंग आदि अवस्थाएं अपना सकते हैं क्योंकि इस दौरान थोड़ा पेट बढ़ जाता है।
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इस दौरान मिशनरी स्थिति को न अपनाएं क्योंकि इस समय गर्भावस्था के लगभग 20 हफ्ते हो चुके होते हैं और जब आप सीधी (पीठ के बल) लेटती हैं तो बढ़ा हुआ गर्भाशय, बड़ी धमनी पर दबाव डालता है जो प्लेसेंटा में होने वाले रक्तप्रवाह पर असर डालता है जिस कारण बच्चे तक रक्त पहुंचने में परेशानी होती है।
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तीसरे तिमाही के दौरान सेक्स करने में कठिनाई होती है क्योंकि इस समय पेट पूरी तरह बढ़ चुका होता है। इस दौरान स्पूनिंग, सेक्स के दौरान महिला का ऊपर रहना जिससे उसका उनके पेट पर नियंत्रण रहता है या ऐसी स्थिति जिसमें महिला दीवार के सहारे खड़ी हो या कही बैठी हो। ये तीन स्थितियां आरामदायक होती हैं। इस दौरान भी मिशनरी स्थिति हानिकारक हो सकती है उसे न अपनाएं।
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