गर्भावस्था एक ऐसा समय है, जब आपको विशेष रूप से सक्रिय रहना चाहिए। इसका कारण है कि आपको न केवल खुद का बल्कि अब अपने होने वाले शिशु के बेहतर स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना है। ऐसे में टहलना (ब्रिस्क वॉकिंग) गर्भवती माताओं के लिए एक बेहतरीन और सुरक्षित व्यायाम है। गौरतलब है कि तेज चलना आपके दिल और फेफड़ों के लिए अच्छा व्यायाम है। यह एक ऐसा व्यायाम है, जिसे आप आसानी से अपनी दिनचर्या में शामिल कर सकती हैं। हां, यदि अकेले टहलना आपको बोर करता हो तो आप किसी समूह को जॉइन कर सकती हैं या फिर अपने पति के साथ वॉक पर जा सकती हैं। इससे आपका समय बेहतर कटेगा ही साथ ही साथ आपको अधिक वॉक करने की प्रेरणा भी मिलेगी।

(और पढ़े - सुबह की सैर करने के फायदे)

  1. प्रेग्नेंसी के दौरान वॉक कैसे करें? - How to walk during pregnancy
  2. प्रेग्नेंसी के दौरान वॉक करने के क्या फायदे होते हैं?
  3. वॉक के दौरान किन बातों की रखें सावधानी
  4. गर्भवती महिलाएं इन बातों का भी रखें ख्याल
  5. सारांश

कैसे करें वॉक, कुछ उपयोगी टिप्स

  • अगर आप एक सक्रिय जीवनशैली नहीं जीती हैं और वॉक करने की अभ्यस्त नहीं हैं तो आपको गर्भावस्था की शुरुआत से ही तुरंत अधिक वॉक नहीं करना चाहिए बल्कि धीर-धीरे अपनी वॉक का समय और गति बढ़ानी चाहिए।
  • शुरूआत में एक दिन के अंतराल पर 15 से 20 मिनट के लिए वॉक करें।
  • उसके बाद सप्ताह में चार दिन वॉक करना तय कर लें और रोजाना पांच -पांच मिनट की वॉक बढ़ाती जाएं।
  • तय करें कि प्रति सप्ताह पांच दिन 20 मिनट तक वॉक करनी ही है।
  • अगर आप शुरूआत से वॉक जैसी शारीरिक गतिविधियों को लेकर अभ्यस्त हैं तो प्रति सप्ताह छह दिन वॉक करें।
  • रोजाना कोशिश करें कि 40 मिनट तक वॉक कर सकें।
  • अगर आप बहुत सक्रिय जीवनशैली जीती हैं तो सप्ताह में छह दिन एक घंटे के लिए वॉक करें।
  • थोड़ी दूरी पर जाने के लिए वाहन की बजाय पैदल चलकर जाएं, लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करें।
  • कब्ज की दिक्कत को दूर रखना - प्रेग्नेंसी में दवाइयों की वजह से कब्ज की शिकायत हो सकती है। ऐसे में, रोजाना 15 से 20 मिनट की वॉक आपको इस समस्या से दूर रखेगी।

  • तनाव कम करता है - प्रेग्नेंसी के दौरान कई महिलाओं को तनाव घेर लेता है। इस दौरान मूड स्विंग होना भी एक सामान्य समस्या है। टहलना एक तरह की एक्सरसाइज तो है ही, साथ ही साथ इससे तनाव भी कम होता है। शोध बताते हैं कि शिशु भी इससे स्वस्थ रहता है।

  • स्फूर्ति प्रदान करता है - रोजाना टहलने से शरीर तरोताज़ा बना रहता है। यहाँ तक कि माँ के टहलने से शिशु की भी कसरत हो जाती है।

  • अच्छी नींद आती है - रोज़ाना कुछ देर टहलने से सोते समय नींद अच्छी आती है। (और पढ़े - नींद की कमी का इलाज)

  • ब्लड प्रेशर कम करने के लिए - सामान्य तौर पर प्रेग्नेंसी में ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर का बढ़ना; मां और बच्चे दोनो के लिए खतरनाक हो सकता है। रोज़ाना टहलने से ब्लड प्रेशर सामान्य रहता है।

  • शरीर में रक्त संचार बढ़ाता है - प्रतिदिन सुबह की सैर आपके फेफड़ों में शुद्ध हवा भरती है। इससे आपके खून में ऑक्सीजन का प्रवाह होता है और शरीर की रक्त कोशिकाओं के दोबारा बनने की प्रक्रिया भी पहले से बेहतर होती है।

  • शारीरिक फिटनेस मिलती है - प्रेग्नेंसी में वॉक करने से आप फीट और एक्टिव रहती हैं। इससे पूरे शरीर का व्यायाम हो जाता है। साथ ही मांसपेशियां भी मज़बूत बनती हैं।

  • बच्चे का स्वास्थ्य बेहतर रहता है – वॉक करने से जहां नैचुरल डिलीवरी होती है, वहीं बच्चे का वज़न भी संतुलित रहता है। वॉक करने से कूल्हे की मांसपेशियां टोन होती है, साथ ही शरीर में लोचता बढ़ती है। इससे सुरक्षित प्रसव की संभावनाएं और बढ़ जाती है।

  • और भी कई लाभ हैं – मॉर्निंग सिकनेस, वैरीकोज वेन्स, थकान और दर्द जैसी कई समस्याएं नियमित तौर पर वॉक करने से कम होती है। साथ ही प्रतिदिन की वॉक आपकी एक्सट्रा कैलोरी को भी बर्न कर देती है जिससे कि आप एक अच्छी नींद ले पाते हैं।

  • स्लिपर और सैंडल का इस्तेमाल न करें, इससे आप फिसल सकती हैं।
  • शरीर में पानी की कमी होना, होने वाले बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं है। ऐसे में पानी की कमी से बचने के लिए हमेशा अपने साथ पानी की एक बोतल ले जाएँ।
  • तेज़ धूप में वॉक न करें, अगर धूप है तो सनस्क्रीन लगाएं।
  • वॉक करते समय हमेशा अपनी एड़ियाँ पहले रखें और पंजे बाद में।
  • वॉक के दौरान अपना पोश्चर ठीक रखने के लिए मेटरनिटी बेल्ट का इस्तेमाल करे। यह आपके निकटतम मेडिकल स्टोर पर आसानी से उपलब्ध होगी।
  • वॉक पर जाने से पहले आधा गिलास दूध पिएँ या फिर आधा सेब खाएँ और वॉक से लौट कर आने के बाद एक नारियल का पानी पिएँ।
  • वॉक करने के पहले और बाद में स्ट्रेचिंग जरूर करें, अन्यथा आपके श्रोणि क्षेत्र में तकलीफ़ महसूस हो सकती है।
  • अगर वॉक करते वक्त बेचैनी महसूस हो तो वॉक से एक ब्रेक लें।
  • अगर बाहर बहुत गर्मी हो तो घर के अंदर ही वॉक करें।
  • एलिवेटर की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें लेकिन सावधानीपूर्वक।
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  • सहजता से जितना हो सके वॉक करें,ध्यान रहे कि न आपको किसी से प्रतिस्पर्धा करनी है और न ही अपनी फिटनेस का स्तर सुधारना है। आपको बस सक्रिय रहने के लिए कुछ निश्चित कदम चलना है।
  • इस दौरान अपने बैलेंस का विशेष ख्याल रखें क्योंकि पेट आगे निकले होने के चलते, आप पर गुरूत्वाकर्षण का प्रभाव पड़ सकता है और आप गिर सकती हैं। साथ ही, पेट पर सारा वजन होने के चलते वॉक करना बहुत आसान भी नहीं रहता है।

जैसा कि हम आपको ऊपर बता चुके हैं, वॉक के बाद स्ट्रेचिंग करना जरूरी है, तो आइए बात करते हैं कुछ स्ट्रेचिंग के अभ्यासों की। नियमित स्ट्रेचिंग करते रहने से आपके लिगामेंट और मांसपेशियों की चोट से सुरक्षा होती है। हालांकि इन्हें बेहद सावधानी से किया जाना ज़रूरी है ताकि आपको कोई खिंचाव न हो।

  • हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच - हैमस्ट्रिंग (घुटने के पीछे की नस) मसल्स हमारे पैर के घुटने के ऊपर के पीछे के हिस्से में होते हैं। किसी दीवार या दरवाज़े के बाहरी कोने के पास लेट जाएं। जैसा कि चित्र में दिखाया गया है। अपने बाएं पैर को उठाएं और एड़ी को दीवार के विपरीत सटा कर छोड़ दें और बाएं पैर के घुटने को थोड़ा मोड़ें। इस स्थिति में तब तक बने रहें, जब तक कि आपके बाएं पैर की जांघ के पीछे वाले हिस्से में तनाव महसूस न हो। 30 सेकंड तक इस स्थिति को बना कर रखें। अब इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ दोहराएं।

(और पढ़े- घुटनों में दर्द का इलाज)

  •   क्वाड्रिसिपस स्टैच - क्वाड्रिसिपस मांसपेशियां जांघ के सामने वाले हिस्से में होती हैं। किसी दीवार के इतने पास खड़े हों कि उसका सहारा लिया जा सके। अपने बाएं पैर के टखने को कसकर पकड़ें और उसी पैर की एड़ी को पीछे की ओर खीचें, जब तक की जांघ के सामने वाले हिस्से में तनाव महसूस न हो। 30 सेकंड तक इस स्थिति को बनाये रखें। अब इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ दोहराएं। इस स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज़ को करने से पेट की मसल्स टाइट होती हैं और दोनों पैरों के घुटने पास आते हैं।

ध्यान दें कि गर्भावस्था में भले आपको आराम की आवश्यकता हो लेकिन इसके साथ ही साथ एक्टिव रहना भी बहुत ज़रूरी है। बिना कुछ विशेष प्रयत्न किए ही वॉक व्यायाम का एक बेहतर माध्यम है, ऐसे में इसकी क़तई उपेक्षा न करें। यहाँ तक कि प्रसव के बाद भी हो सके तो अपने वॉक के अभ्यास को नियमित बनाएं रखें। यह न केवल आपको स्वस्थ बल्कि प्रसन्न भी रखेगा।

प्रेग्नेंसी के दौरान पैदल चलना एक सुरक्षित और प्रभावी व्यायाम है, जो कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह न केवल वजन नियंत्रण में मदद करता है, बल्कि गर्भवती महिलाओं की मांसपेशियों को मजबूत करता है और ऊर्जा स्तर को बढ़ाता है। नियमित रूप से चलने से रक्त संचार में सुधार होता है, जिससे थकान और सूजन कम होती है। इसके अलावा, यह मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है, तनाव और चिंता को कम करने में सहायक होता है। पैदल चलने से प्रसव के दौरान सहनशक्ति बढ़ती है और रिकवरी की प्रक्रिया भी आसान होती है। कुल मिलाकर, प्रेग्नेंसी के दौरान पैदल चलना माँ और बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होता है।

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