गर्भावस्था के दौरान शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द महसूस होना आम समस्या है। क्योंकि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण के विकास के साथ साथ आपके शरीर में कई बदलाव होते हैं। आपका वजन बढ़ेगा। हालांकि यह स्वाभाविक और ज़रूरी है जिस कारण कुछ असुविधायें हो सकती हैं।

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यह विशेषकर पहली गर्भावस्था में तनावपूर्ण हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं से बचने के लिए, सामान्य दर्द और तेज दर्द में अंतर जानना बहुत ज़रूरी है। इस लेख से आपको सामान्य और तेज़ दर्द में अंतर और उससे होनी वाली जटिलताएं जानने में आसानी होगी।

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  1. पेट में दर्द - Abdominal pain in Hindi
  2. कमर दर्द - Back pain in Hindi
  3. टांगों में दर्द - Pain in legs in Hindi
  4. सिरदर्द - Sirdard in Hindi
  5. श्रोणि क्षेत्र में दर्द (एसपीडी) - Pelvic pain in Hindi
  6. स्तनों में दर्द - Breast pain in Hindi

गर्भाशय की अस्थियों (Round ligaments) में खिंचाव के कारण पेट में दर्द महसूस होता है। ये अस्थियां मूल रूप से दो ऊतकों के रूप में होती हैं जो आपके गर्भाशय को स्थिर रखती हैं। वे गर्भाशय और भ्रूण के बढ़ने के साथ खिंचते हैं। पेट में दर्द आमतौर पर 18 से 24 सप्ताह के बीच शुरू होता है और अधिकतर पेट के एक तरफ होता है और कभी कभी दोनों तरफ भी होता है। 

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आम तौर पर दर्द तेज ही होता है लेकिन कुछ ही सेकंड के लिए होता है। यह किसी ऐसी गतिविधि के फलस्वरूप हो सकता है जो जिनमें ये खिंचती हैं। जैसे खांसना, छींकना, हंसना या अचानक खड़े होने आदि पर यह हो सकता है। जब आप पहली बार दर्द महसूस करते हैं तो यह थोड़ा चिंताजनक हो सकता है। लेकिन यह पूरी तरह से सामान्य है और आमतौर पर इसके बारे में चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। यद्यपि आप इस दर्द से बच नहीं सकतीं। 

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हालांकि अगर दर्द कुछ सेकंड से अधिक समय तक रहता है तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। या अन्य लक्षण जैसे रक्तस्राव, ऐंठन, निचली पीठ में दर्द, बुखार, ठंड लगना, योनिस्राव में परिवर्तन, मतली या उल्टी के साथ पेशाब के दौरान दर्द महसूस होने पर जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। ये लक्षण दुर्लभ लेकिन गंभीर होते हैं। इनके कारण समय से पूर्व प्रसव या अंडाशय में अल्सर हो सकता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में पेट दर्द)

बाईं ओर पेट के निचले हिस्से (पेड़ू) में दर्द - Lower left abdomen pain in Hindi

गर्भावस्था के दौरान पेट दर्द आपके गर्भाशय और उसे स्थिरता प्रदान करने वाली अस्थियों के खिंचने के कारण होता है। भ्रूण के बढ़ने के साथ गर्भाशय की आंतरिक दीवार पर तनाव पड़ता है। आम तौर पर दूसरी तिमाही के दौरान पेट में दोनों तरफ दर्द हो सकता है। यदि दर्द बायीं (Left) तरफ हो रहा है तो ऐसा आपके गर्भाशय के थोड़ा सा दायीं (Right) ओर झुकने के कारण होता है। कभी कभी दायीं तरफ की अस्थियों को आराम देने के लिए बायीं ओर की अस्थियों में खिंचाव होता है।

इस दर्द के सम्बन्ध में चिकित्सक से बात करें। इससे छुटकारा पाने के लिए वो आपको पेल्विक व्यायाम या कोई अन्य इलाज बता सकते हैं।

दुर्लभ मामलों में, गर्भावस्था के दौरान गंभीर समस्या के कारण भी पेट में बायीं तरफ दर्द हो सकता है। उदाहरण के लिए, यदि भ्रूण बाएं फेलोपियन ट्यूब में असामान्य रूप से आरोपित हुआ है जिसे एक्टोपिक गर्भावस्था कहते हैं तो इस कारण भी बायीं तरफ दर्द हो सकता है। हालांकि कुछ महिलाओं को गर्भावस्था के प्रारंभिक सप्ताह में कोई लक्षण अनुभव नहीं होते। एक्टोपिक गर्भधारण में यदि फैलोपियन ट्यूब फट जाये तो यह मां और बच्चे दोनों के जीवन को खतरे में डालने वाली स्थिति हो सकती है। हालांकि गर्भावस्था के प्रारम्भ में ही इसका अल्ट्रासाउंड परीक्षण द्वारा निदान हो जाता है और सर्जरी द्वारा इसका इलाज होता है। अन्य संभावित गंभीर स्थितियां जो बायीं तरफ पेट के दर्द का कारण हो सकती हैं, उनमें प्रारंभिक या समय से पूर्व प्रसव, मिस्कैरेज, किडनी में पथरी और कुछ संक्रमण प्रमुख हैं।

यदि आप गर्भावस्था के दौरान बाएं तरफा पेट के दर्द से ग्रस्त हैं तो संभावित कारण और उपचार जानने के लिए डॉक्टर से अवश्य बात करें। हालांकि हल्के दर्द का अनुभव होना अच्छा होता है क्योंकि इसका मतलब है कि आपकी गर्भावस्था सामान्य तरीके से बढ़ रही है। अगर दर्द गंभीर है या बुखार, रक्तस्राव या अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें। 

(और पढ़ें - गर्भावस्था मे रक्तस्राव)

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पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द - Upper stomach pain in Hindi

यह ज़रूरी नहीं कि गर्भावस्था के दौरान दर्द महसूस होना हमेशा गंभीर रोग का ही संकेत हो, कभी कभी दर्द सामान्य गर्भावस्था का संकेत भी होता है। हालांकि पेट में दर्द गर्भाशय की अस्थियों के खिंचाव के कारण ही होता है लेकिन कभी कभी यह दर्द कुछ अन्य कारणों जैसे -

वास्तव में गर्भवती महिलाओं को अपनी समस्याओं का समाधान स्वयं करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। साथ ही गर्भावस्था के दौरान उचित समयांतराल पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान ऊपरी पेट दर्द हमेशा, पेट में सूजन या वृद्धि होने के कारण नहीं होता है।
कभी कभी यह निम्नलिखित गंभीर रोगों का भी संकेत हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान इनमें से प्रत्येक रोग गंभीर होता है और यदि इनका इलाज नहीं किया गया तो परिणाम जानलेवा हो सकते हैं।

  1. प्री-एक्लेमप्सिया (Preeclampsia) - महिला का ब्लड प्रैशर घातक रूप से बढ़ जाता है।
  2. हेल्लप सिंड्रोम (HELLP Syndrome - यह उन लक्षणों की शृंखला है जिनसे गर्भवती महिला प्रभावित होती है।
  3. गुर्दे में संक्रमण (Kidney infection)
  4. पित्त की थैली के रोग (Gallbladder Disorders)
  5. कोलीसिस्टाइटिस (Cholecystitis - पित्ताशय की सूजन)

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गर्भावस्था में कमर दर्द आम तौर पर वहां होता है जहां श्रोणि (Pelvis) रीढ़ की हड्डी से मिलती है और उस जोड़ को सेक्रोइलियक जॉइंट (Sacroiliac joint) कहते हैं। ऐसा होने के कई संभावित कारण हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  1. वजन बढ़ना (Weight gain): स्वस्थ गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं का वज़न आमतौर पर 11-15 किलो तक बढ़ जाता है। रीढ़ की हड्डी को उस वजन को संतुलित करना होता है। भ्रूण और गर्भाशय के वज़न में वृद्धि होने से श्रोणि और पीठ में रक्त वाहिकाओं और तंत्रिकाओं पर दबाव बढ़ता है। जिस कारण निचली पीठ में दर्द हो सकता है। (और पढ़ें - गर्भावस्था में वजन बढ़ना)
  2. अवस्था परिवर्तन (Posture changes): गर्भावस्था, भार के केन्द्र को बदल देती है। नतीजतन, आप बिना ध्यान दिए अपनी अवस्था को अपनी गति के अनुकूल कर लेती हैं। इससे पीठ दर्द या तनाव हो सकता है।
  3. हार्मोन में परिवर्तन (Hormone changes): गर्भावस्था के दौरान, आपका शरीर रिलैक्सिन (Relaxin) नामक हार्मोन बनाता है जो पैल्विक क्षेत्र की अस्थियों (Ligaments) को आराम करने की अनुमति देता है और प्रसव प्रक्रिया के लिए जोड़ों की फैलने में मदद करता है। और यही हार्मोन अस्थिरता और दर्द का कारण हो सकता है।
  4. मांसपेशी पृथक्करण (Muscle separation): जैसे जैसे गर्भाशय बढ़ता है, पेट की दोनों समानांतर गुदा मासपेशियां जो सीने की हड्डी से प्यूबिक बोन तक जाती हैं, के बीच से अलग हो जाने के कारण भी दर्द हो सकता है।
  5. तनाव (Stress): भावनात्मक तनाव पीठ में मांसपेशियों में तनाव पैदा कर सकता है, जिस कारण पीठ में दर्द होता है। (और पढ़ें - तनाव के घरेलू उपाय)

(और पढ़ें - गर्भावस्था में कमर दर्द)

यदि आपका पीठ दर्द ठीक नहीं हो रहा है तो उसे ठीक करने के लिए डॉक्टर से परामर्श लें। दर्द निवारक दवाओं के उपयोग करने से पहले चिकित्सक से परामर्श ज़रूर लें। ज्यादातर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान एसिटामिनोफेन (Acetaminophen) लेने की सलाह दी जाती है क्योंकि यह इस दौरान बिलकुल सुरक्षित होती है। एस्पिरिन (Aspirin) और अन्य दर्द निवारक दवाएं (NSAIDs- एनएसएआईडी) जैसे इबुप्रोफेन (Ibuprofen) आदि की सलाह नहीं दी जाती है। कुछ मामलों में, डॉक्टर अन्य दर्द निवारक दवाओं या मांसपेशियों में शिथिलता लाने वाले उत्पादों की सलाह दे सकते हैं जो गर्भावस्था के दौरान सुरक्षित होते हैं।

(और पढ़ें - कमर दर्द के लिए योगासन)

पीठ के निचले हिस्से में दर्द - Lower back pain in Hindi

50 से 80 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान पीठ में दर्द अनुभव होता है। यह दर्द हल्का होता है जो कुछ गतिविधियों के दौरान अधिक गंभीर हो जाता है। पीठ के निचले हिस्से में पांचवे से सातवें महीने तक दर्द होना आम है, लेकिन यह दूसरे महीने की शुरुआत में भी महसूस हो सकता है। जिन महिलाओं को गर्भवती होने से पहले पीठ दर्द की समस्या होती है उनमें गर्भावस्था में पीठ के निचले हिस्से में दर्द होने का जोखिम बढ़ जाता है। और इन महिलाओं को आमतौर पर अपनी गर्भावस्था में पीठ दर्द का अनुभव होता है।

यदि पीठ में होने वाला दर्द गंभीर है तो चिकित्सक से इस बारे में बात करनी चाहिए क्योंकि उचित इलाज न होने पर यह गंभीर रूप धारण कर सकता है।

पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द - Upper back pain in Hindi

गर्भावस्था के दौरान ऊपरी पीठ दर्द कभी भी हो सकता है, लेकिन तीसरे तिमाही में यह सबसे आम है। ऐसा कई कारणों से होता है जिनमें सबसे पहला है गर्भावस्था का विकास। दूसरा, महिला का अपेक्षाकृत कम समय में अपने शरीर के वजन का 25-30% वज़न और बढ़ जाना, जिससे पीठ की मांसपेशियों पर तनाव बढ़ जाता है। तीसरा, गर्भावस्था के बाद के चरणों में बदलते हार्मोनों के प्रभाव के कारण भी हो सकता है। अन्त में, गर्भावस्था के दौरान स्तन ऊतकों में वृद्धि के कारण शारीरिक अवस्था भी बदलती है जो गर्दन, कंधे, और छाती के स्थान की रीढ़ की हड्डी (Thoracic spine) में तनाव बढ़ने का कारण बनती है। 

(और पढ़ें - रीढ़ की हड्डी के लिए योगासन)

यदि ऊपरी पीठ दर्द से राहत नहीं मिल रही है तो चिकित्सक से संपर्क करें। हालांकि गर्भावस्था के दौरान ऊपरी पीठ दर्द आम है लेकिन इसे अनदेखा न करें। कुछ मामलों में पीठ दर्द समय से पूर्व प्रसव या अन्य प्रसूति संबंधी स्थितियों का संकेत हो सकता है। इसलिए अपने डॉक्टर को पीठ दर्द के बारे में बताएं ताकि वे कारण का मूल्यांकन करके उचित उपचार का सुझाव दे सकें। गर्भावस्था के दौरान ऊपरी पीठ दर्द का सफलतापूर्वक इलाज किया जा सकता है, जिससे आपकी गर्भावस्था की गुणवत्ता में सुधार हो सकता है और प्रसव के बाद शीघ्र स्वस्थ होने में मदद मिलती है।

गर्भावस्था के दौरान आपका अतिरिक्त वजन, पीठ और टांगो में दर्द का कारण हो सकता है। इन प्राकृतिक कारणों के अलावा, निम्नलिखित कुछ स्वास्थ्य स्थितियों से गर्भावस्था के दौरान टांगों में दर्द भी हो सकता है:

  1. साइटिका
  2. पोषक तत्वों की कमी और पैरों में ऐंठन (और पढ़ें - टांगों में दर्द के घरेलू उपाय)

यदि मांसपेशियों में लगातार दर्द हो रहा है तो निरंतर अपने डॉक्टर को टांगो में दर्द के बारे में बताएं। क्योंकि यह गर्भाशय फाइब्रॉएड या डीप वेन थ्रॉमबोसिस (Deep vein thrombosis-DVT) जैसे गंभीर लक्षणों का संकेत हो सकता है, जो आपके पैरों में रक्त का थक्का जमा सकता है। लंबे समय के लिए कार या हवाई यात्रा के दैरान खासकर आपको इन लक्षणों पर ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इस दौरान विशेष रूप से यदि एक टांगो में दर्द होता है तो यह घुटने में सूजन या लालिमा के कारण हो सकता है। 

(और पढ़ें - गर्भावस्था में टांगों में दर्द)

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गर्भावस्था के दौरान सिर दर्द भी काफी आम समस्या होती है, लेकिन सामान्य सिरदर्द और बार बार या पहले से होने वाले माइग्रेन तथा गर्भावस्था की जटिलता को पहचानना कठिन होता है।

एक अध्ययन के अनुसार, गर्भावस्था में सिरदर्द होना कभी-कभी यह संकेत हो सकता है कि गर्भवती महिला और उसका बच्चा खतरे में हैं।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया है कि इन महिलाओं को प्री-एक्लेमप्सिया और अन्य गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं का जोखिम हो सकता है।

जिन महिलाओं को हाई बीपी और गंभीर सिरदर्द का अनुभव होता है उनमें गर्भावस्था संबंधी जटिलताओं का अनुभव करने की सम्भावना 17 गुना बढ़ जाती है। जबकि बिलकुल सिरदर्द महसूस न होने पर यह जोखिम पांच गुना बढ़ जाता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में सिरदर्द)

गर्भावस्था के प्रारंभिक समय में, कई महिलाओं को श्रोणि क्षेत्र में दर्द होता है। पैल्विक दर्द, धड़ के निचले क्षेत्र में पेट के नीचे और हिपबोन्स (श्रोणि) के बीच होता है। यह दर्द तीव्र या ऐंठन (जैसे मासिक धर्म में ऐंठन होती है) के रूप में हो सकता है। यह अचानक, कष्टदायी, धीमा और स्थिर हो सकता है। आमतौर पर, अस्थायी पैल्विक दर्द चिंता का कारण नहीं होता है। यह सामान्य रूप से हड्डियों और अस्थियों में बदलाव और भ्रूण के विकसित होने के लिए गर्भाशय के फैलने के कारण हो सकता है।

यदि यह दर्द किसी रोग के कारण हो रहा है तो इसके लक्षण भिन्न हो सकते हैं, जैसे योनि से रक्तस्राव सहित पैल्विक दर्द के अन्य लक्षणों के साथ हो सकता है। कुछ रोगों में, ऐसा रक्तस्राव होना गंभीर हो सकता है। कभी-कभी अधिक खतरनाक होने पर बीपी भी कम (Low blood pressure) हो सकता है।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में पेल्विक दर्द)

पैल्विक दर्द, पेट में दर्द से अलग होता है। जो धड़ में पेट और आंत के क्षेत्र में अधिक होता है। हालांकि, कभी-कभी महिलाओं को यह समझने में परेशानी होती है कि दर्द मुख्य रूप से पेट में है या श्रोणि में।

गर्भवती महिलाओं में पैल्विक दर्द सिम्फिसिस प्यूबिस डिसफंक्शन (Symphysis pubis dysfunction -SPD) नामक स्थिति से सम्बंधित हो सकता है।

गंभीर लक्षण महसूस होने पर महिलाओं को तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। जैसे पेशाब के दौरान जलन और दर्द महसूस होना। हल्की असुविधा होने पर भी डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। क्योंकि यह डॉक्टर ही सुनिश्चित करेंगे कि आपको किसी प्रकार के उपचार की आवश्यकता है या नहीं।

(और पढ़ें - मूत्र मार्ग संक्रमण)

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कई महिलाओं में स्तनों में दर्द महसूस होना, गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है। कभी कभी यह न हो पाने वाले मासिक धर्म का संकेत हो सकता है, जिसमें स्तनों में भारीपन और छूने पर दर्द का अनुभव होता है। जबकि अन्य में निप्पल के आसपास के क्षेत्र में झनझनाहट का अनुभव होता है। ये उत्तेजना प्रोजेस्टेरोन और एस्ट्रोजन हार्मोन में वृद्धि के कारण आपके स्तनों में होने वाले बदलावों के फलस्वरूप होती है। स्तन असहजता पूरी गर्भावस्था में आती जाती रहती है क्योंकि आपके स्तन, प्रसव के बाद दुग्ध उत्पादन के लिए खुद को तैयार करते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था के दौरान ब्रेस्ट में परिवर्तन होने के कारण)

स्तन असहजता सामान्य से अधिक गंभीर या लाल चकत्तों के साथ अनुभव हो सकती है। इन समस्याओं का मूल्यांकन डॉक्टर से कराना चाहिए। कभी कभी ऐसा दुग्ध नलिकाओं के संक्रमित होने के कारण होता है जिसमें उपचार की आवश्यकता होती है। यदि आपके स्तनों में सूजन और स्पर्श करने पर गर्माहट का अनुभव होता है तो आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में स्तन दर्द)

(स्वस्थ गर्भावस्था के बाद अपने बच्चों का पोपुलर नाम रखने के लिए पढ़ें - पोपुलर बच्चों के नाम)

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