गर्भावस्था, एक ऐसा समय होता है जब गर्भवती महिला का पूरा परिवार और उसके आस-पास मौजूद हर व्यक्ति उसे खानपान से जुड़ी अलग-अलग जानकारी देता रहता है। इस समय यह जरूरी भी है क्योंकि गर्भावस्था के समय महिला को सामान्य से अधिक देखभाल की जरूरत होती है। जब महिला के शरीर में नया जीवन पल रहा हो तो अपने स्वास्थ्य के प्रति उसकी जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। ऐसे में सभी आवश्यक विटामिंस और खनिज पदार्थ लेना महत्वपूर्ण हो जाता है।

गर्भावस्‍था के दौरान महिलाओं का मन बहुत कुछ खाने का करता है, ऐसे में उन्‍हें अमरूद खाने का मन भी कर सकता है लेकिन क्‍या आप जानते हैं कि गर्भवती महिला को अमरूद खाना चाहिए या नहीं?

इस लेख में हम आपको यही बताने जा रहे हैं कि गर्भावस्था में अमरूद खाना चाहिए या नहीं:

  1. प्रेगनेंसी में अमरूद खाने के फायदे - Pregnancy mein amrood khane ke fayde
  2. प्रेगनेंसी में अमरूद खाने के नुकसान - Pregnancy mein amrood khane ke nuksan
  3. प्रेगनेंसी में अमरूद को कैसे और कितना खाएं? - Pregnancy me amrood ko kaise aur kitna khaye
  4. प्रेगनेंसी में अमरूद खाने में सावधानियां - Pregnancy mein amrood khane ki savdhaniya
  5. सारांश

गर्भावस्था के सभी चरणों में अमरूद खाना स्वास्थ्यवर्धक रहता है। इसमें प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व मौजूद होते हैं और ये कई तरह से स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद भी है। अमरूद में मौजूद पोषक तत्व गर्भवती महिला के लिए बहुत जरूरी होते हैं। अमरूद में विटामिन बी 9, फोलिक एसिड आदि होता है जो गर्भावस्था के समय महिलाओं के लिए बहुत जरूरी माने जाते हैं।

(और पढ़ें - गर्भावस्था में फोलिक एसिड का महत्व)

गर्भावस्था में अमरूद खाने के निम्नलखित फायदे हो सकते हैं:

आमतौर पर गर्भावस्था में अमरूद खाना हानिकारक सिद्ध नहीं हुआ है लेकिन फिर भी अधिक मात्रा में खासतौर पर अमरूद का छिलका उतार कर खाने से दस्त हो सकते हैं। अमरूद में फाइबर की मात्रा बहुत ज्‍यादा होती है इसलिए गर्भावस्‍था में ज्‍यादा अमरूद खाने से नुकसान हो सकता है। गर्भावस्था में दस्त होना मां और बच्‍चे दोनों के लिए ही ठीक नहीं है।

(और पढ़ें - दस्त रोकने के घरेलू उपाय)

गर्भावस्‍था में अधपका अमरूद खाने से दांतों में दर्द हो सकता है इसलिए इस बात का पूरा ध्‍यान रखें कि पूरी तरह से पका हुआ अमरूद ही खाएं।

गर्भवती महिलाओं के लिए दिन में कम से कम एक ताजा अमरूद खाना सुरक्षित रहता है। आप एक कप कटा हुआ अमरूद खा सकती है। अमरूद का सेवन जैली, जैम, सलाद और जूस के रूप में किया जा सकता है लेकिन मार्केट में उपलब्ध पैकेट बंद अमरूद की जैली और जैम न खाएं। ऐसा माना जाता है कि लाल गूदे वाले अमरूद की तुलना में सफेद गूदे वाला अमरूद ज्यादा पौष्टिक होता है इसलिए सफेद गूदे वाला अमरूद ही खाना ठीक रहता है।

1 से 2 अमरूद रोजाना खाए जा सकते हैं लेकिन आप अगर किसी बीमारी से ग्रस्त हैं तो अमरूद को अपने आहार में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। कई बार अमरूद को पाउडर के रूप में भी इस्‍तेमाल किया जाता है लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। कच्चा अमरूद खाना ही स्‍वास्‍थ्‍यवर्द्धक होता है।

(और पढ़ें - पौष्टिक आहार के फायदे)

myUpchar के डॉक्टरों ने अपने कई वर्षों की शोध के बाद आयुर्वेद की 100% असली और शुद्ध जड़ी-बूटियों का उपयोग करके myUpchar Ayurveda Prajnas Fertility Booster बनाया है। इस आयुर्वेदिक दवा को हमारे डॉक्टरों ने कई लाख पुरुष और महिला बांझपन की समस्या में सुझाया है, जिससे उनको अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं।

गर्भावस्था में अमरुद खाने के दौरान निम्नलखित सावधानियां रखें:

  • फल को अच्छे से धोकर खाएं क्योकिं सामान्‍य फलों की तरह अमरूद भी केमिकल्‍स द्वारा पका हो सकता है इसलिए फल को बिना धोए खाने से संक्रमण हो सकता है।
  • कई बार अमरूद से एलर्जी भी हो सकती है, तो इस स्थिति में गर्भवती महिलाएं अनानास और स्ट्रॉबेरी खा सकती हैं।

गर्भावस्‍था में अमरूद के सेवन को लेकर अब तक किसी भी तरह के दुष्‍प्रभाव की बात सामने नहीं आई है। हालांकि, ये बात भी सच है कि गर्भावस्‍था या किसी भी समय पर किसी भी फल का अधिक मात्रा में सेवन करना नुकसानदायक हो सकता है। जितना हो सके उचित मात्रा में ही अमरूद का सेवन करें।

प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद खाना सुरक्षित और लाभदायक हो सकता है। अमरूद विटामिन सी, विटामिन ए, फोलिक एसिड, पोटैशियम, और फाइबर से भरपूर होता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए बहुत लाभदायक होते हैं। फोलिक एसिड गर्भस्थ शिशु के मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी के विकास में मदद करता है, जबकि विटामिन सी और ए प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं। फाइबर पाचन को सुधारता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है, जो प्रेगनेंसी के दौरान सामान्य होती हैं। हालांकि, किसी भी फल या खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है, ताकि व्यक्तिगत स्वास्थ्य स्थितियों के अनुसार सही दिशा-निर्देश मिल सकें। 

और पढ़ें ...
ऐप पर पढ़ें