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Sewa Suvarna Prashan Drops बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः याददाश्त खोना, कमजोर इम्यूनिटी, मांसपेशियों की कमजोरी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके मुख्य घटक हैं चित्रक, बाला, ब्राह्मी, हरीतकी (हरड़), मंजिष्ठा, शंखपुष्पी, वाचा और स्वर्ण भसमा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। इसकी उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
चित्रक |
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बाला |
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ब्राह्मी |
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हरीतकी (हरड़) |
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मंजिष्ठा |
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शंखपुष्पी |
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वाचा |
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स्वर्ण भसमा |
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Sewa Suvarna Prashan Drops इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Sewa Suvarna Prashan Drops की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Sewa Suvarna Prashan Drops की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
शिशु(1 महीने से 2 वर्ष) |
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बच्चे(2 से 12 वर्ष) |
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चिकित्सा साहित्य में Sewa Suvarna Prashan Drops के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Sewa Suvarna Prashan Drops का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 25-27
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 155 - 157
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 177 - 179