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Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः तनाव, चिंता, याददाश्त खोना के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets के मुख्य घटक हैं अश्वगंधा, ब्राह्मी, ज्योतिषमति, शंखपुष्पी, रजत भस्म जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
अश्वगंधा |
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ब्राह्मी |
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ज्योतिषमति |
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शंखपुष्पी |
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रजत भस्म |
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Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Muniyal Ayurveda Muniprajnaa Tablets का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 25-27
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 65-67
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 155 - 157