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Hamdard Sharbat Khaksi एक हर्बल यूनानी दवा है, जो मुख्यतः चिकन पॉक्स, खसरा के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Hamdard Sharbat Khaksi के मुख्य घटक हैं उशिरा जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है।
उशिरा |
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Hamdard Sharbat Khaksi इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Hamdard Sharbat Khaksi के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Hamdard Sharbat Khaksi का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Hamdard Sharbat Khaksi का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
रिसर्च कार्य न हो पाने के कारण Hamdard Sharbat Khaksi के लेने या न लेने के दुष्प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
क्या Hamdard Sharbat Khaksi का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
जो स्त्रियां स्तनपान कराती हैं उनके ऊपर Hamdard Sharbat Khaksi का क्या असर होगा इस विषय पर कोई शोध नहीं किया गया है, इसके चलते पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। दवा को लेते समय डॉक्टर की राय लेना जरूरी।
Hamdard Sharbat Khaksi का पेट पर क्या असर होता है?
Hamdard Sharbat Khaksi का पेट पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
क्या Hamdard Sharbat Khaksi का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
शोध उपलब्ध न होने की वजह से Hamdard Sharbat Khaksi का बच्चों पर क्या असर होता है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
क्या Hamdard Sharbat Khaksi का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
रिसर्च न होने के कारण Hamdard Sharbat Khaksi के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
क्या Hamdard Sharbat Khaksi शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Hamdard Sharbat Khaksi लेने के बाद ड्राइव करना या दूसरे कामों को करना सुरक्षित है, क्योंकि आपको झपकी नहीं आएगी।
क्या Hamdard Sharbat Khaksi का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Hamdard Sharbat Khaksi को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 220 - 221