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Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः पेशाब में जलन और दर्द, यूरिन इन्फेक्शन के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika के मुख्य घटक हैं आंवला, दारुहल्दी, गिलोय, हरीतकी (हरड़), मुस्ता, बहेड़ा, विडंग जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
आंवला |
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दारुहल्दी |
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गिलोय |
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हरीतकी (हरड़) |
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मुस्ता |
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बहेड़ा |
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विडंग |
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Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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बुजुर्ग |
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चिकित्सा साहित्य में Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
रिसर्च कार्य न हो पाने के कारण Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika के लेने या न लेने के दुष्प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
क्या Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
स्तनपान कराने वाली महिलाओं पर Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika के अच्छे या बुरे प्रभावों के बारे में कोई रिसर्च नहीं की गई है, इसलिए इस बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं है। अतः आप डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) का पेट पर क्या असर होता है?
Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika का पेट पर कोई दुष्प्रभाव नहीं होता।
क्या Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों में इस्तेमाल के लिए Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika को स्वीकृति नहीं मिली है।
क्या Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
इसके बारे में फिलहाल कोई शोध कार्य नहीं किया गया है। सही जानकारी मौजूद न होने की वजह से Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika का क्या असर होगा इस विषय पर अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।
क्या Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika लेने के बाद ड्राइव करना या दूसरे कामों को करना सुरक्षित है, क्योंकि आपको झपकी नहीं आएगी।
क्या Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika (50) का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
Dhootapapeshwar Chandraprabha Gutika की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- II. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 34-36
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 130 - 131
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 33 - 34
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Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No163 - 165