ऑफर - Urjas Oil सिर्फ ₹ 1 में X
Dhootapapeshwar Chandanasava बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः यूरिन इन्फेक्शन, पाचन तंत्र के रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Dhootapapeshwar Chandanasava का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Dhootapapeshwar Chandanasava के मुख्य घटक हैं चंदन, मंजिष्ठा, मुस्ता, मुलेठी, पिप्पली जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Dhootapapeshwar Chandanasava की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
चंदन |
|
मंजिष्ठा |
|
मुस्ता |
|
मुलेठी |
|
पिप्पली |
|
Dhootapapeshwar Chandanasava इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Dhootapapeshwar Chandanasava की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Dhootapapeshwar Chandanasava की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
|
बुजुर्ग |
|
चिकित्सा साहित्य में Dhootapapeshwar Chandanasava के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Dhootapapeshwar Chandanasava का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 130 - 131
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 168 - 169
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No - 105 - 106