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Cipzer Jawarish -E-Zanjabil मुख्यतः पेट में सूजन, भूख न लगना, कमजोर पाचन शक्ति, और थकान के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Cipzer Jawarish -E-Zanjabil के मुख्य घटक हैं बेल, अदरक, दालचीनी, और इलायची जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Cipzer Jawarish -E-Zanjabil की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
बेल |
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अदरक |
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दालचीनी |
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इलायची |
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Cipzer Jawarish -E-Zanjabil इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Cipzer Jawarish -E-Zanjabil की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Cipzer Jawarish -E-Zanjabil की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Cipzer Jawarish -E-Zanjabil के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Cipzer Jawarish -E-Zanjabil का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 35-36
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 151 - 152
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37