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Cipzer Habb-E-Suranjan मुख्यतः गठिया, जोड़ों में दर्द, ऑस्टियोआर्थराइटिस, गाउट, और बवासीर के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Cipzer Habb-E-Suranjan के मुख्य घटक हैं गुग्गुल, हरीतकी (हरड़), और त्रिवृत जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Cipzer Habb-E-Suranjan की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
गुग्गुल |
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हरीतकी (हरड़) |
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त्रिवृत |
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Cipzer Habb-E-Suranjan इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Cipzer Habb-E-Suranjan की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Cipzer Habb-E-Suranjan की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Cipzer Habb-E-Suranjan के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Cipzer Habb-E-Suranjan का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 56-57
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 62-63