Charak Gum Tone Powder

 8091 लोगों ने इसको हाल ही में खरीदा
एक बोतल में 40 gm पॉवडर
₹ 75
40 GM पॉवडर 1 बोतल ₹ 75

  • विक्रेता: Vedistry Private Limited
    • मुफ्त शिपिंग उपलब्ध
       
    • मूल का देश: India

    Charak Gum Tone Powder

    एक बोतल में 40 gm पॉवडर
    ₹ 75
    40 GM पॉवडर | 1 बोतल
    ₹ 75
    8091 लोगों ने इसको हाल ही में खरीदा
  • विक्रेता: Vedistry Private Limited
    • मुफ्त शिपिंग उपलब्ध
       
    • मूल का देश: India

    Charak Gum Tone Powder की जानकारी

    Charak Gum Tone Powder बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः पायरिया, टूथब्रश से जलन होना, दांत का मैल के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Charak Gum Tone Powder के मुख्य घटक हैं आंवला, कपूर, लौंग, निर्गुण्डी, सेंधा नमक, कत्था, बबूल, फिटकरी, सैरेयक जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Charak Gum Tone Powder की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।

    Charak Gum Tone Powder की सामग्री - Charak Gum Tone Powder Active Ingredients in Hindi

    आंवला
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    कपूर
    • सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    लौंग
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • वे घटक जिनका इस्‍तेमाल फ्री रेडिकल्‍स की सक्रियता को कम करने और ऑक्‍सीडेटिव स्‍ट्रेस (मुक्त कणों के बनने और उनके शरीर के प्रति हानिकरक प्रभाव को न रोक पाने के बीच का असंतुलन) को रोकने के लिए किया जाता है।
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    • ये एजेंट सूक्ष्मजीवों के विकास और कार्यों के खिलाफ सहायक होते हैं।
    निर्गुण्डी
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।
    सेंधा नमक
    • ये एजेंट फंगल सूक्ष्मजीवों को प्रभावित करके फंगल विकास को रोकने में मदद करते हैं।
    कत्था
    • एक दवा या एक एजेंट जो बेहोश किए बिना दर्द को कम करती है।
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • ये एजेंट मांसपेशियों को संकुचित कर चोट लगने वाली जगह तक खून का संचरण कम कर देते हैं।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
    बबूल
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    • रक्‍त वाहिकाओं में संकुचन पैदा करने वाले घटक जिससे उस हिस्‍से में रक्‍त प्रवाह में कमी आती है।
    • बैक्‍टीरिया को बढ़ने से रोकने वाली दवाएं।
    फिटकरी
    • संक्रमित रोगाणुओं को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाले दवाएं।
    • शारीरिक ऊतकों को संकुचित करने वाले तत्व जिनका इस्तेमाल अत्यधिक खून बहने को रोकने के लिए किया जाता है।
    सैरेयक
    • ये दवाएं रोगी की जागृत अवस्था को प्रभावित किए बिना दर्द को कम कर सकती हैं।
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • वो तत्व जो जीवित कोशिकाओं में मुक्त कणों के ऑक्सीकरण के प्रभाव को रोकता है।

    Charak Gum Tone Powder के लाभ - Charak Gum Tone Powder Benefits in Hindi

    Charak Gum Tone Powder इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -



    Charak Gum Tone Powder की खुराक - Charak Gum Tone Powder Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Charak Gum Tone Powder की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Charak Gum Tone Powder की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • अधिकतम मात्रा: 1 दवा को पर्याप्त मात्रा में अपने हाथ में लें और सौम्यता से प्रभावित हिस्से में लगाएं।
    • लेने का तरीका: गुनगुना पानी
    • दवा का प्रकार: पॉवडर
    • दवा लेने का माध्यम: डेंटल
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: उपचार लम्बे समय तक जारी रहेगा
    बुजुर्ग
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • अधिकतम मात्रा: 1 दवा को पर्याप्त मात्रा में अपने हाथ में लें और सौम्यता से प्रभावित हिस्से में लगाएं।
    • लेने का तरीका: गुनगुना पानी
    • दवा का प्रकार: पॉवडर
    • दवा लेने का माध्यम: डेंटल
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: उपचार लम्बे समय तक जारी रहेगा


    Charak Gum Tone Powder के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Charak Gum Tone Powder Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Charak Gum Tone Powder के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Charak Gum Tone Powder का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।



    Charak Gum Tone Powder से सम्बंधित चेतावनी - Charak Gum Tone Powder Related Warnings in Hindi

    • क्या Charak Gum Tone Powder का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?


      Charak Gum Tone Powder के सुरक्षा व हानि पहुंचाने वाले प्रभावों के विषय में किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं हुई है। इसलिए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, आप इस दवा के सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें।

      अज्ञात
    • क्या Charak Gum Tone Powder का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?


      स्तनपान कराने वाली स्त्रियों पर Charak Gum Tone Powder के क्या प्रभाव होंगे। इस बारे में शोध कार्य न हो पान के चलते कुछ नहीं कहा जा सकता है। फिलहाल इसको लेने से पहले डॉक्टर से पूछना जरूरी है।

      अज्ञात
    • Charak Gum Tone Powder का पेट पर क्या असर होता है?


      Charak Gum Tone Powder को पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।

      सुरक्षित
    • क्या Charak Gum Tone Powder का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?


      बच्चों के लिए Charak Gum Tone Powder लेना सुरक्षित माना जा सकता है।

      सुरक्षित
    • क्या Charak Gum Tone Powder शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?


      आप वाहन चला सकते हैं या कोई भारी मशीन से जुड़ा काम कर सकते हैं। क्योंकि Charak Gum Tone Powder लेने के बाद क्योंकि आपको नींद नहीं आएगी।

      नहीं
    • क्या Charak Gum Tone Powder का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?


      नहीं, लेकिन फिर भी आप Charak Gum Tone Powder को लेने से पहले डॉक्टर से जरूर पूछें।

      नहीं


    Charak Gum Tone Powder का उपयोग कैसे करें?

    • मटर के दाने जितनी मात्रा में Charak Gum Tone Powder को ब्रश पर लगाएं। लगभग एक मिनट तक ब्रश को गोल-गोल घुमाते हुऐ दांतों पर रगड़ें और फिर इसे थूक दें। इसे निगलें नहीं।


    Charak Gum Tone Powder से जुड़े सुझाव।

    1. सामान्य या गुनगुने पानी से अपने मुंह को साफ करें।
    2. Charak Gum Tone Powder उपयोग से पहले अपने हाथों को साबुन से साफ करें।
    3. Charak Gum Tone Powder का उपयोग करते समय या करने के बाद इसे निगलने से बचें और बाहर थूक दें। इसके बाद 30 मिनट तक कुछ खाना पीना नहीं चाहिए।
    4. अपने चिकित्सक के निर्देशानुसार ही Charak Gum Tone Powder का उपयोग करें। इसका अधिक उपयोग न करें।
    5. Charak Gum Tone Powder को फ्रिज में नहीं रखना चाहिए। इसे ठंडे और सूखे स्थान पर रखें।
    6. अगर आपको Charak Gum Tone Powder के उपयोग के बाद एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया का अनुभव हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव


    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 5-8

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume VI. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2008: Page No CCXLIV-CCXLV

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 110 - 111

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 143 - 145

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 29-30

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No 166-169