Beryl Weight Gainer Powder बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः कुपोषण, पोषण की कमी के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Beryl Weight Gainer Powder का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Beryl Weight Gainer Powder के मुख्य घटक हैं अश्वगंधा, त्रिफला, मल्टीविटामिन, खनिज पदार्थ, प्रोटीन जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Beryl Weight Gainer Powder की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
Beryl Weight Gainer Powder इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
चिकित्सा साहित्य में Beryl Weight Gainer Powder के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Beryl Weight Gainer Powder का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
Beryl Weight Gainer Powder का पेट पर क्या असर होता है?
Beryl Weight Gainer Powder के इस्तेमाल से पेट को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
क्या Beryl Weight Gainer Powder का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
इसके बारे में फिलहाल कोई शोध कार्य नहीं किया गया है। सही जानकारी मौजूद न होने की वजह से Beryl Weight Gainer Powder का क्या असर होगा इस विषय पर अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।
क्या Beryl Weight Gainer Powder शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Beryl Weight Gainer Powder के सेवन के बाद चक्कर आना या झपकी आना जैसी दिक्कतें नहीं होती हैं। इसलिए आप वाहन चला सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
क्या Beryl Weight Gainer Powder का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Beryl Weight Gainer Powder को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
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संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 54-56