ऑफर - Urjas Oil सिर्फ ₹ 1 में X
Kerala Ayurveda Balarishtam बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः खांसी, जोड़ों में दर्द, बदहजमी, इम्यूनिटी बढ़ाना के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Kerala Ayurveda Balarishtam के मुख्य घटक हैं अश्वगंधा, बाला, धवई फूल, रसना, अरण्डी का तेल, इलायची जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Kerala Ayurveda Balarishtam की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
अश्वगंधा |
|
बाला |
|
धवई फूल |
|
रसना |
|
अरण्डी का तेल |
|
इलायची |
|
Kerala Ayurveda Balarishtam इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Kerala Ayurveda Balarishtam की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Kerala Ayurveda Balarishtam की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
|
बुजुर्ग |
|
बच्चे(2 से 12 वर्ष) |
|
चिकित्सा साहित्य में Kerala Ayurveda Balarishtam के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Kerala Ayurveda Balarishtam का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 163 - 165
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 45 -46
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37