Baidyanath Sariwadi Bati (80)

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  • विक्रेता: EAGLE EXIM INC
    • मूल का देश: India

    Baidyanath Sariwadi Bati (80) की जानकारी

    Baidyanath Sarivadi Vati बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः कान के रोग के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Baidyanath Sarivadi Vati का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Baidyanath Sarivadi Vati के मुख्य घटक हैं अनंतमूल, नगकेसरा, दालचीनी, कुमुद, इलायची, त्रिफला, अभ्रक भस्म, लौह भस्म, मकोई, प्रियांगू जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Baidyanath Sarivadi Vati की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।  

    Baidyanath Sariwadi Bati की सामग्री - Baidyanath Sariwadi Bati Active Ingredients in Hindi

    अनंतमूल
    • खून में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने वाली दवाएं जो डायबिटीज के इलाज में भी उपयोग होती हैं।
    • दवाएं जो शरीर के तापमान को कम करके बुखार का इलाज करती हैं।
    • वे तत्‍व जो खून बनाने में मदद करते हैं। इस तरह ये तत्‍व एनीमिया की स्थिति को नियंत्रित करते हैं।
    कुश्ता
    नागकेसर
    • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
    • अस्थमा के लक्षणों को ठीक करने वाली दवाएं।
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • ये दवाएं शरीर का तापमान कम करती हैं और बुखार के दौरान इनका उपयोग किया जाता है।
    • ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उनकी गतिविधियों को रोकती हैं।
    दालचीनी
    • एजेंट या तत्‍व जो सूजन को कम करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    • सूक्ष्मजीवों को बढ़ने से रोकने या खत्म करने वाले पदार्थ।
    • ये तत्व यौन इच्छा को बढ़ाते हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो सूक्ष्म जीवों को नष्ट और उन्हें बढ़ने से रोकता है।
    महुआ
    • दवाइयां जो बिना बेहोशी के दर्द को कम करती हैं।
    • खून में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने वाली दवाएं जो डायबिटीज के इलाज में भी उपयोग होती हैं।
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • बुखार के उपचार में उपयोग किए जाने वाले एजेंट।
    • ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्री रेडिकल्स के बीच असंतुलन पैदा होना) को कम करने वाली दवाएं।
    • लीवर के कार्यों और उसे खराब होने से रोकने वाले एजेंट।
    कुमुद
    • ब्‍लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने के लिए इस्‍तेमाल होने वाली दवाएं।
    • चोट लगने के बाद सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • शरीर में मौजूद ऑक्सीजन के मुक्त कणों को निकालने के लिए उपयोग होने वाले पदार्थ।
    • बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने और उन्हें मारने वाली दवाएं।
    इलायची
    • ये दवाएं शरीर का तापमान कम करती हैं और बुखार के दौरान इनका उपयोग किया जाता है।
    • सूक्ष्म जीवों को बढ़ने से रोकने वाले या खत्म करने वाले एजेंट।
    त्रिफला
    • पौधे पर आधारित घटक जो कि विषाक्त नहीं होते हैं और शरीर के कार्य में मदद करते हैं
    • एक दवा या एक एजेंट जो बेहोश किए बिना दर्द को कम करती है।
    • ये दवाएं चोट के कारण होने वाली सूजन को कम करती हैं।
    • बुखार के उपचार में उपयोग किए जाने वाले एजेंट।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    • रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने वाले एजेंट।
    • वे दवाएं जिनका इस्‍तेमाल हाई ब्‍लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
    अभ्रक भस्म
    • ये दवाएं ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखने में मदद करती हैं।
    • ये एजेंट हृदय के कार्य और कार्डियक आउटपुट (रक्‍त की वह मात्रा जो प्रति मिनट हृदय के दाएं अथवा बाएं वाल्व से मुक्‍त होती है) में सुधार करते हैं।
    • लिवर के कार्य को बढ़ाने और उसे हुए नुकसान को कम करने वाले पदार्थ।
    • वे दवाएं जो बेहतर शारीरिक और मानसिक क्रिया के लिए शरीर के पोषण में सुधार करती हैं।
    • ये तत्व रक्त निर्माण में सहायता करते हैं और एनीमिया के उपचार में मदद करते हैं।
    लौह भस्म
    • वे तत्‍व जो खून बनाने में मदद करते हैं। इस तरह ये तत्‍व एनीमिया की स्थिति को नियंत्रित करते हैं।
    • वो दवा या एजेंट जो बैक्टीरिया को नष्‍ट या उसे बढ़ने से रोकती है।
    मकोय (काकमाची)
    • सूजन को कम करने वाली दवाएं।
    • ये एजेंट मुक्त कणों को साफ करके ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में मदद करते हैं।
    प्रियांगू
    • खून में ग्लूकोज़ के स्तर को कम करने वाली दवाएं जो डायबिटीज के इलाज में भी उपयोग होती हैं।
    • ये दवाएं शरीर का तापमान कम करती हैं और बुखार के दौरान इनका उपयोग किया जाता है।
    • वो तत्व जो वालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में हैं) और इनवालेंटरी (जो मांसपेशियां हमारे नियंत्रण में नहीं हैं) मांसपेशियों की ऐंठन व दर्द के इलाज में इस्तेमाल किये जाते हैं।

    Baidyanath Sariwadi Bati के लाभ - Baidyanath Sariwadi Bati Benefits in Hindi

    Baidyanath Sariwadi Bati इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -

    अन्य लाभ


    Baidyanath Sariwadi Bati की खुराक - Baidyanath Sariwadi Bati Dosage in Hindi

    यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Baidyanath Sariwadi Bati की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Baidyanath Sariwadi Bati की खुराक अलग हो सकती है।

    आयु वर्ग खुराक
    व्यस्क
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: दूध
    • दवा का प्रकार: टैबलेट
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने
    बुजुर्ग
    • मात्रा: निर्धारित खुराक का उपयोग करें
    • खाने के बाद या पहले: कभी भी दवा ले सकते हैं
    • अधिकतम मात्रा: 2 टैबलेट
    • लेने का तरीका: दूध
    • दवा का प्रकार: टैबलेट
    • दवा लेने का माध्यम: मुँह
    • आवृत्ति (दवा कितनी बार लेनी है): दिन में दो बार
    • दवा लेने की अवधि: 3 महीने

    Baidyanath Sariwadi Bati (80) के नुकसान, दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट्स - Baidyanath Sariwadi Bati (80) Side Effects in Hindi

    चिकित्सा साहित्य में Baidyanath Sariwadi Bati के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Baidyanath Sariwadi Bati का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।


    Baidyanath Sariwadi Bati कैसे खाएं - Baidyanath Sariwadi Bati How to take in Hindi

    आप Baidyanath Sariwadi Bati को निम्नलिखित के साथ ले सकते है:

    • क्या Baidyanath Sariwadi Bati को दूध के साथ ले सकते है?
      Baidyanath Sariwadi Bati को दूध के साथ भी लिया जा सकता है।

    • क्या Baidyanath Sariwadi Bati को गुनगुना पानी के साथ ले सकते है?
      गुनगुने पानी के साथ Baidyanath Sariwadi Bati लेने से कोई नुकसान नहीं है।


    इस जानकारी के लेखक है -

    Dr. Braj Bhushan Ojha

    BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
    10 वर्षों का अनुभव


    संदर्भ

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 105 - 106

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No - 125 - 126

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 151 - 152

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999 : Page No 109 - 110

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 36-37

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 54-56

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 70-73

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 151-152

    Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 4. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 111-112