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Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः इंफ्लेमेटरी डिजीज के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। इसके अलावा Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu का उपयोग कुछ दूसरी समस्याओं के लिए भी किया जा सकता है। इनके बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दी गयी है। Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu के मुख्य घटक हैं धवई फूल, गुग्गुल, रसना, बबूल, मुनक्का जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
धवई फूल |
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गुग्गुल |
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रसना |
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बबूल |
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मुनक्का |
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Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
अन्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu के सुरक्षा व हानि पहुंचाने वाले प्रभावों के विषय में किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं हुई है। इसलिए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, आप इस दवा के सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें।
क्या Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
कुछ समय से स्तनपान कराने वाली महिला को Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu से किस तरह के प्रभाव होंगे, इस विषय पर किसी भी विशेषज्ञ का कोई मत नहीं हैं। इसलिए डॉक्टर से परार्मश के बाद ही इसका सेवन करें।
Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml का पेट पर क्या असर होता है?
Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu के इस्तेमाल से पेट को किसी तरह का नुकसान नहीं होता।
क्या Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu बच्चों के लिए सुरक्षित है इस बारे में कोई शोध न होने की वजह से ये कहना मुश्किल है कि Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu बच्चों के लिए सुरक्षित है या नहीं।
क्या Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
इसके बारे में फिलहाल कोई शोध कार्य नहीं किया गया है। सही जानकारी मौजूद न होने की वजह से Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu का क्या असर होगा इस विषय पर अनुमान लगा पाना मुश्किल होगा।
क्या Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu लेने पर आपको झपकी या नींद नहीं आएगी। इसलिए आप ड्राइव कर सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu 450ml का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
Baidyanath Nagpur Maharasnadi Kadha with Guggulu की लत नहीं लगती, लेकिन फिर भी आपको इसे लेने से पहले सर्तकता बरतनी बेहद जरूरी है और इस विषय पर डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 56-57
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 3. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2001: Page No - 163 - 165
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 29-30