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Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः वायरल फीवर, खांसी, सर्दी जुकाम, कमजोर इम्यूनिटी, संक्रमण, बदन दर्द के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet के मुख्य घटक हैं गिलोय, हल्दी, कंटकारी, लौंग, त्रिफला, चिरायता जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
गिलोय |
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हल्दी |
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कंटकारी |
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लौंग |
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त्रिफला |
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चिरायता |
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Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
शोध कार्य न हो पाने की वजह से Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet के हानिकारक प्रभावों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हैं।
क्या Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का स्तनपान कराने वाली औरतों के शरीर पर किस तरह का प्रभाव होगा रिसर्च न हो पाने की वजह से कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए दवा लेने से पूर्व डॉक्टर से मिलें।
Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का पेट पर क्या असर होता है?
Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet को पेट के लिए सुरक्षित माना जाता है।
क्या Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
शोध उपलब्ध न होने की वजह से Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का बच्चों पर क्या असर होता है इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।
क्या Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
रिसर्च न होने के कारण Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
क्या Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet लेने पर आपको झपकी या नींद नहीं आएगी। इसलिए आप ड्राइव कर सकते हैं या मशीनरी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
क्या Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, इसका कोई प्रमाण नहीं है कि Amrita Maha Sudarshan Ghan Vati Tablet को लेने से आपको इसकी लत पड़ जाएगी। कोई भी दवा डॉक्टर से पूछ कर ही लें, जिससे कोई हानि न हो।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 60-61
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 77-80
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 110 - 111
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume- IV. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 2004: Page No 54-56
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 98-100