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A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout बिना डॉक्टर के पर्चे द्वारा मिलने वाली आयुर्वेदिक दवा है, जो मुख्यतः गाउट, यूरिक एसिड बढ़ना के इलाज के लिए उपयोग किया जाता है। A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout के मुख्य घटक हैं गोखरू, अश्वगंधा, गिलोय, मेंथी, अदरक जिनकी प्रकृति और गुणों के बारे में नीचे बताया गया है। A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout की उचित खुराक मरीज की उम्र, लिंग और उसके स्वास्थ्य संबंधी पिछली समस्याओं पर निर्भर करती है। यह जानकारी विस्तार से खुराक वाले भाग में दी गई है।
गोखरू |
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अश्वगंधा |
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गिलोय |
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मेंथी |
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अदरक |
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A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout इन बिमारियों के इलाज में काम आती है -
मुख्य लाभ
यह अधिकतर मामलों में दी जाने वाली A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout की खुराक है। कृपया याद रखें कि हर रोगी और उनका मामला अलग हो सकता है। इसलिए रोग, दवाई देने के तरीके, रोगी की आयु, रोगी का चिकित्सा इतिहास और अन्य कारकों के आधार पर A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout की खुराक अलग हो सकती है।
आयु वर्ग | खुराक |
व्यस्क |
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चिकित्सा साहित्य में A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout के दुष्प्रभावों के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है। हालांकि, A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह-मशविरा जरूर करें।
क्या A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का उपयोग गर्भवती महिला के लिए ठीक है?
A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout के सुरक्षा व हानि पहुंचाने वाले प्रभावों के विषय में किसी तरह की कोई रिसर्च नहीं हुई है। इसलिए इस बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है, आप इस दवा के सेवन से पूर्व अपने डॉक्टर से सलाह लें।
क्या A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का उपयोग स्तनपान करने वाली महिलाओं के लिए ठीक है?
कुछ समय से स्तनपान कराने वाली महिला को A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout से किस तरह के प्रभाव होंगे, इस विषय पर किसी भी विशेषज्ञ का कोई मत नहीं हैं। इसलिए डॉक्टर से परार्मश के बाद ही इसका सेवन करें।
A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का पेट पर क्या असर होता है?
पेट के लिए A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout हानिकारक नहीं है।
क्या A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का उपयोग बच्चों के लिए ठीक है?
बच्चों पर A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का क्या असर होगा इस बारे में जानकारी मौजूद नहीं है, क्योंकि इस विषय में अब तक कोई रिसर्च नहीं हुई है।
क्या A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का उपयोग शराब का सेवन करने वालों के लिए सही है
रिसर्च न होने के कारण A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout के नुकसान के विषय में पूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। अतः डॉक्टर की सलाह पर ही इसको लें।
क्या A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout शरीर को सुस्त तो नहीं कर देती है?
A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout लेने के बाद ड्राइव करना या दूसरे कामों को करना सुरक्षित है, क्योंकि आपको झपकी नहीं आएगी।
क्या A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का उपयोग करने से आदत तो नहीं लग जाती है?
नहीं, A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout लेने से कोई लत नहीं पड़ती। फिर भी, जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह पर ही A&A Ayurvedic CharangranthiPre For Uric Acid-Gout का इस्तेमाल करें।
इस जानकारी के लेखक है -
BAMS, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, डर्माटोलॉजी, मनोचिकित्सा, आयुर्वेद, सेक्सोलोजी, मधुमेह चिकित्सक
10 वर्षों का अनुभव
संदर्भ
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 49-52
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. Volume- I. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No 19-20
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No 53-55
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 2. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1999: Page No - 114 - 115
Ministry of Health and Family Welfare. Department of Ayush: Government of India. [link]. Volume 1. Ghaziabad, India: Pharmacopoeia Commission for Indian Medicine & Homoeopathy; 1986: Page No - 138 -139