मार्शमैलो एक पौधा है, जिसकी पत्तियों और जड़ का इस्तेमाल दवाइयां बनाने के लिए किया जाता है. मार्शमैलो का इस्तेमाल स्किन पर सुरक्षात्मक लेयर और डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की लाइनिंग बनाने के लिए भी किया जाता है. इसमें ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो कफ को कम करते हुए इंफेक्शन से लड़ते हैं.

मार्शमैलो की पत्तियों और जड़ का इस्तेमाल पेट के अल्सर, डायरिया और अन्य स्थितियों में भी किया जाता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप मार्शमैलो की पत्तियों और जड़ का इस्तेमाल सीधे कर लें. इसका इस्तेमाल कैप्सूल, टिंक्चर या चाय के तौर पर ही करना सही है. इसका इस्तेमाल स्किन प्रोडक्टस और कफ सिरप में भी किया जाता है.

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आइए, हम इस लेख में मार्शमैलो के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं-

  1. मार्शमैलो के फायदे
  2. मार्शमैलो के नुकसान
  3. सारांश
मार्शमैलो के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

मार्शमैलो की एंटीबैक्टीरियल एक्टिविटी चोट को ठीक करने के साथ ही कफ और कोल्ड को भी दूर करती है. यह बढ़िया एनाल्जेसिक के तौर पर दर्द को भी दूर करता है. आइए, विस्तार से हम मार्शमैलो के फायदे के बारे में जानते हैं-

कफ और कोल्ड को करता है ठीक

मार्शमैलो जड़ का इस्तेमाल कफ और कोल्ड को ठीक करने के लिए किया जाता है. 2005 में किए गए एक अध्ययन के अनुसार कोल्ड, ब्रोंकाइटिस या रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट डिजीज से होने वाले कफ को ठीक करने में मार्शमैलो की जड़ वाली कफ सिरप प्रभावशाली रही. मार्शमैलो की जड़ एंजाइम के तौर पर काम करते हुए म्यूकस और बैक्टीरिया को कम करती है.

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त्वचा की जलन से दिलाए राहत

मार्शमैलो जड़ के एंटी-इन्फ्लेमेटरी इफेक्ट से एक्जिमा और डर्मेटाइटिस द्वारा हुए स्किन इरिटेशन से राहत मिलती है.

चोट ठीक करने में मददगार

मार्शमैलो की जड़ में एंटी-बैक्टीरियल एक्टिविटी होती है, जो चोट को ठीक करने में मदद करती है. 2015 में किए गए एक अध्ययन से यह पता चलता है कि मार्शमैलो की जड़ बैक्टीरिया को दूर करने में प्रभावशाली है. ये बैक्टीरिया 50% इंफेक्शन के लिए जिम्मेदार होते हैं.

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ओवरऑल हेल्थ को करता है दुरुस्त

मार्शमैलो त्वचा को बेहतर करता है. अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन से जब हमारी स्किन खराब हो जाती है, तो उसे ठीक करने में मार्शमैलो की जड़ काम आती है.

दर्द को करता है दूर

मार्शमैलो में ऐसे गुण होते हैं, जो दर्द से राहत पाने में मदद करते हैं. यह एक बढ़िया एनाल्जेसिक है, जो गले में होने वाले दर्द या इरिटेशन को भी कम करता है.

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बढ़िया मूत्रवर्धक

मार्शमैलो की जड़ मूत्रवर्धक की तरह काम करती है. मूत्रवर्धक का काम शरीर से अतिरिक्त तरल पदार्थ को बाहर निकालने का है. इस तरह से किडनी और ब्लैडर की सफाई हो जाती है. यूरिनरी ट्रैक्ट में होने वाले इन्फ्लेशन और इरिटेशन से भी राहत दिलाने में मार्शमैलो कारगर है.

पाचन में सहायक

मार्शमैलो में वो खूबियां होती हैं, जो इसे कब्ज, हार्टबर्न और इंटेस्टाइनल कॉलिक जैसी डाइजेस्टिव स्थितियों में सुधार लाने में मदद करती हैं.

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गट लाइनिंग की मरम्मत में भी मददगार

2010 में किए गए एक अध्ययन से पता चलता है कि मार्शमैलो के एक्वीअस एक्सट्रैक्ट और पॉलिसैकराइड्स का इस्तेमाल म्यूकस मेंब्रेन को ठीक करने के लिए प्रभावशाली रहा है. शोध बताते हैं कि यह डाइजेस्टिव ट्रैक्ट की लाइनिंग पर एक सुरक्षात्मक लेयर बना देता है.

शानदार एंटीऑक्सीडेंट

मार्शमैलो में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो फ्री रेडिकल्स द्वारा हुए डैमेज से शरीर की रक्षा कर सकते हैं.

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दिल को रखता है स्वस्थ

इस बारे में लगातार शोध चल रहे हैं कि मार्शमैलो फूल के एक्सट्रैक्ट दिल के विभिन्न रोगों को ठीक करने में मददगार हो सकते हैं. शोधकर्ताओं ने पाया कि 1 महीने तक मार्शमैलो फूल के एक्सट्रैक्ट लेने से एचडीएल कोलेस्ट्रोल लेवल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा और दिल की सेहत भी सही रही.

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यूं तो मार्शमैलो लाभकारी है, लेकिन कुछ मामलों में यह पेट को खराब और डिजीनेस का कारण बन सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं कि मार्शमैलो के क्या-क्या नुकसान हैं-

  • जब भी मार्शमैलो को लगाया जाता है, तो संभव है कि यह स्किन इरिटेशन पैदा करे. इसलिए, इसे लगाने से पहले हमेशा आपको पैच टेस्ट कर लेना चाहिए. 
  • मार्शमैलो लेने से पहले अगर आप अन्य दवाइयां ले रहे हैं, तो डॉक्टर से जरूर बात कर लें. 
  • यदि आप गर्भवती हैं या ब्रेस्ट फीड करवा रही हैं, तो भी आपको मार्शमैलो के इस्तेमाल से बचना चाहिए. हालांकि, इस बारे में पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं, लेकिन बेहतर यही होगा कि आप इस समय इसका इस्तेमाल न करें.
  • जिन लोगों को डायबिटीज है, उन्हें भी मार्शमैलो के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए. ऐसा इसलिए, क्योंकि मार्शमैलो आपके ब्लड शुगर कंट्रोल के साथ इंटरफेयर कर सकता है. 
  • यदि आपकी सर्जरी अगले दो हफ्तों में शेड्यूल है, तो भी इसके इस्तेमाल से बचें. ऐसा इसलिए, क्योंकि हो सकता है कि सर्जिकल प्रक्रिया के दौरान या बाद में यह ब्लीडिंग का कारण बन जाए.

मार्शमैलो का इस्तेमाल आप कम डोज से शुरू करें और धीरे-धीरे फुल डोज पर जाएं, ताकि आप इसके नुकसान से बच सकें. मार्शमैलो की जड़ को पानी के साथ लेने से भी इसका नुकसान नहीं होने के बारे में प्रमाण मिले हैं. मार्शमैलो के लगातार 4 हफ्ते सेवन के बाद आपको एक हफ्ते का ब्रेक जरूर लेना चाहिए.

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मार्शमैलो कोल्ड और कफ में राहत दिलाने के साथ ही डाइजेस्टिव स्थितियों में सुधार लाने का काम करता है. यदि आप प्रेग्नेंट है या ब्रेस्टफीड करवा रहे हैं, तो आपको मार्शमैलो का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. मार्शमैलो के इस्तेमाल को अमूमन सुरक्षित ही माना जाता है, लेकिन बेहतर तो यह होगा कि आप इसके इस्तेमाल से पहले अपने डॉक्टर से बात कर लें.

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