ट्रैगेकैन्‍थ गम को सामान्‍य रूप से "गोंद कतीरा" के नाम से जाना जाता है। ये प्राकृतिक रूप से एस्ट्रागैलस जड़ी बूटियों की विभिन्‍न प्रजातियों के रस से बनती है। इसकी गोंद चिपचिपी, गंध और स्‍वाद रहित होती है।

ट्रैगेकैन्‍थ गम पानी में घुलनशील है और ये प्रमुख तौर पर पौधे की जड़ से प्राप्‍त होती है। पानी में डालने पर गोंद जैल की तरह दिखती एवं इसका पेस्‍ट बनाया जा सकता है। शीतल और पाचक गुणों के कारण आयुर्वेद में हर्बल औषधि के रूप में ट्रैगेकैन्‍थ गम का अत्‍यधिक इस्‍तेमाल किया जाता है।

प्रमुख तौर पर गोंद का उत्‍पादन ईरान में किया जाता है। इसका सबसे ज्‍यादा उपयोग पर्शियन औषधियों में किया जाता है। एस्ट्रागैलस का पौधा जड़ी बूटी या छोटा पौधा होता है।

गोंद कतीरा के बारे में तथ्‍य:

  • नाम: ट्रैगेकैन्‍थ गम (गोंद कतीरा)
  • प्रजाति: एस्ट्रागैलस
  • उपयोगी भाग: जड़ का रस (सूखा)
  • सामान्‍य नाम: शिराज, शिराज गम, गम ड्रैगन
  • संस्‍कृत नाम: गलगल
  • भौगोलिक विवरण: विश्‍व में मध्य पूर्वी क्षेत्र।
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गोंद कतीरा की तासीर ठंडी होती है और इसी गुण के कारण गोंद कतीरा का उपयोग पेय पदार्थ तैयार करने के लिए किया जाता है जो गर्मी के मौसम में शरीर को ठंडा करने में मदद करता है। यह शीतलन एजेंट के रूप में काम करता है और शरीर का तापमान कम करता है। यह हीट स्ट्रोक को रोकने में मदद करता है। गोंद कतीरा अत्यंत गर्मी के मौसम में नोज ब्लीडिंग को नियंत्रित करने में बहुत उपयोगी होता है। अगर आपके हाथ पैरों में जलन होती है तो 2 चम्मच गोंद कतीरा को रात को 1 गिलास पानी में भिगोएं। और सुबह इसमें एक चम्मच चीनी मिला कर खाएँ। इसके अलावा जिन लोगों को बहुत अधिक पसीना आता है, उन्हें गोद कतीरा का सेवन करना चाहिए। (और पढ़ें - गर्मी में लू से बचने के आसान उपाय)

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गोंद कतीरा में रेचक गुण होते हैं और इसलिए यह कब्ज के उपचार में बहुत सहायक होता है।

कब्ज से छुटकारा पाने के लिए कुछ घंटों के लिए पानी में गोंद कतीरा का एक छोटा टुकड़ा भिगोएं। जब गोंद कतीरा फूल जाएगा और क्रशड आइस की तरह दिखने लगे तब उसे नींबू के रस और ठंडे पानी के साथ इसका सेवन करें। गोंद कतीरा का अपना कोई स्वाद नहीं होता है इसलिए आप इसमें कुछ चीनी भी मिला सकते हैं।

मूत्र असंयमिता के इलाज के लिए गोंद कतीरा एक अत्यंत उपयोगी उपाय है। यह मूत्र पथ की सूजन और मूत्र के रुकावट के मामले में मूत्र की मांसपेशियों को शांत करने में भी मदद करता है। (और पढ़ें - महिलाओं में पेशाब रोक न पाने की समस्या के उपाय)

ज्यादातर महिला अपने स्तनों के आकार से असंतुष्ट होती हैं। स्तन का आकार बढ़ाने के लिए गोंद कतीरा बहुत उपयोगी और प्रभावी माना गया है। ब्रेस्ट का साइज बढ़ाने के लिए महिलाओं को प्रतिदिन गोंद कतीरा का सेवन करना चाहिए यह आपके स्तनों के आकार को बढ़ाने में मदद कर सकता है। क्योंकि यह स्तनों को बढ़ाने का एक हर्बल उपचार है।

ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए रात भर में एक गिलास पानी में एक बड़ा चम्मच गोंद कतीरा भिगोएँ। अगली सुबह फूली हुई गोंद को एक गिलास दूध के साथ सेवन करें। आप इसमें एक चम्मच चीनी और कुछ बर्फ भी मिला सकते हैं। स्वाभाविक रूप से अपने स्तनों को बढ़ाने के लिए हर रोज इसे एक टॉनिक के रूप में उपयोग करें। (और पढ़ें - ब्रेस्ट बढ़ाने के घरेलू उपाय)

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गोंद कतीरा आपकी त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है और यह आपकी सुंदरता को बढ़ाता है। गोंद कतीरा में एंटी एजिंग गुण होते हैं। यह झुर्रियों और फाइन लाइन्स में देरी करने में मदद करता है।

गोंद कतीरा का उपयोग करके आप एंटी एजिंग मास्क बना सकते हैं। रात में पानी में कुछ गोंद भिगोएं और अगले सुबह उसे छान लें। अब 2 चम्मच अंडे का सफेद भाग, 1 चम्मच दूध पाउडर, 2 बड़े चम्मच बादाम पाउडर और 1 चम्मच हरी सब्जी पाउडर को इस गोंद कतीरा पानी में मिलाएं। अब इसे अच्छे से मिक्स करें। इस मास्क को अपने चेहरे, गर्दन और हाथों पर लगाएं। और 20 मिनट के बाद धो लें। (और पढ़ें - आयुर्वेद की मदद से एंटी एजिंग के लक्षणों को कम करके रहें हमेशा युवा)

पुरुषों में कामेच्छा को बढ़ाने के लिए गोंद कतीरा सबसे अच्छा उपाय है। गोंद कतीरा एक प्रभावी कामोद्दीपक है और इस प्रकार यह पुरुषों में यौन इच्छा को उत्तेजित करने में मदद करता है। यह पुरुषों में किसी भी प्रकार की यौन अपर्याप्तता (inadequacy) के इलाज के लिए एक प्रभावी प्राकृतिक उपाय है। यह अर्ली डिस्चार्ज, अनैच्छिक डिस्चार्ज या नाईट डिस्चार्ज होना गोंद कतीरा सभी का इलाज करने में मदद करता है।

10 ग्राम गोंद कतीरा लें और इसे एक कप पानी में घोलें और इसे रात भर ऐसे ही रहने दें। सुबह में इसमें एक बड़ा चम्मच चीनी मिलाएं और इसका सेवन करें। वैकल्पिक रूप से आप फूली हुई गोंद में एक चम्मच चीनी का मिला सकते हैं और इसे ठंडे पानी से तीन बार ले सकते हैं।  (और पढ़ें – इमली के बीज के उपयोग करें शीघ्रपतन की समस्या दूर)

प्रसव के बाद महिला वास्तव में कमजोर हो जाती हैं। गोंद कतीरा शरीर की ताकत पाने में मददगार है और नई मां की मातृत्व की चुनौतियों का सामना करने में मदद करता है। यह मासिक धर्म के दौरान भारी रक्त प्रवाह को नियंत्रित करने में भी मदद करता है। गोंद कतीरा गर्भावस्था के दौरान बहुत मददगार है। भारत में गोंद कतीरा लड्डू खाने की प्रथा बहुत आम है। ये मां और उसके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। (और पढ़ें - आपके मासिक धर्म यानी पीरियड्स इन स्वास्थ्य समस्याओं का करते हैं संकेत)

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गोंद कतीरा के सेवन से माइग्रेन, थकान, कमजोरी, गर्मी की वजह से चक्कर आना, उल्टी आदि में आराम आता है। हर रोज सुबह आधा गिलास दूध में गोंद कतीरा और मिश्री डालकर पिएं। इससे कमजोरी और थकान में लाभ मिलता है। (और पढ़ें - थकान दूर करने और ताकत के लिए क्या खाएं)

  1. सबसे अधिक यह जलने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। गोंद कतीरा का उपयोग करके एक पेस्ट तैयार किया जाता है जो जलने के इलाज में मदद करता है।
  2. प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में भी गोंद कतीरा उपयोगी है।
  3. हर्बल आयुर्वेदिक चिकित्सा में खांसी और दस्त का इलाज करने के लिए इसका बहुत सामान्य उपयोग होता है। (और पढ़ें - खांसी के लक्षण)
  4. यह मुंह के अल्सर को ठीक करने में भी मदद करता है
  5. गोंद कतीरा को ट्यूमर को कम करने में भी सहायक माना जाता है।
  6. गोंद कतीरा में बड़ी मात्रा में प्रोटीन होता है और यह स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है।
  7. यह दिल की धड़कन को नियमित करने में मदद करता है। बस रात में पानी में कुछ गोंद कतीरा भिगोएँ और सुबह इसके ठंडे प्रभाव को पाने के लिए इसका सेवन करें।

उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें गोंद कतीरा है

संदर्भ

  1. Zandleven J, Beldman G, Bosveld M, Benen J, Voragen A. Mode of action of xylogalacturonan hydrolase towards xylogalacturonan and xylogalacturonan oligosaccharides. Biochem J. 2005 May 1;387(Pt 3):719-25. PMID: 15560751
  2. Mokhamad Nur, Todor Vasiljevic. Insulin Inclusion into a Tragacanth Hydrogel: An Oral Delivery System for Insulin. Materials (Basel). 2018 Jan; 11(1): 79. PMID: 29304023
  3. E. Mayhew, E. M. F. Roe. Changes in the Permeability of Landschütz Ascites Tumour Cells to Vital Stains after Treatment with Tumour-Inhibitory or modified Samples of Gum Tragacanth or with Gum Karaya. Br J Cancer. 1964 Sep; 18(3): 537–542. PMID: 14219547
  4. Mehdi Atashkar, Mohammad Hojjatoleslamy, Leila Sedaghat Boroujeni. The influence of fat substitution with κ‐carrageenan, konjac, and tragacanth on the textural properties of low‐fat sausage. Food Sci Nutr. 2018 Jun; 6(4): 1015–1022. PMID: 29983965
  5. Heena Sharma, B. D. Sharma, S. Talukder, Giriprasad Ramasamy. Utilization of gum tragacanth as bind enhancing agent in extended restructured mutton chops. J Food Sci Technol. 2015 Mar; 52(3): 1626–1633. PMID: 25745233
  6. Seyyed Majid Bagheri, Leila Keyhani, Mehrangiz Heydari, Mohammad Hossein Dashti-R. J Ayurveda Integr Med. 2015 Jan-Mar; 6(1): 19–23. PMID: 25878459
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