स्वास्थ्य को ठीक रखने के लिए तुलसी के बीज, जिन्हें सब्जा बीज भी कहा जाता है, के कई लाभ होते हैं। इसलिए इसे दुनिया के कई हिस्सों में हज़ारों सालों से इस्तेमाल भी किया जा रहा है।

सब्जा बीज कई जगहों पर पेय पदार्थों और मिठाइयों के रूप में भी प्रयोग किया जाता है। साथ ही इसका उपयोग आयुर्वेद में और चीन में दवाइयाँ बनाने में भी होता है। पोषण से भरपूर यह छोटे बीज प्रोटीन, आयरन और फाइबर से समृद्ध होते हैं और कैलोरी इनमें नाम मात्र की होती है।

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तो आइये आपको बताते हैं तुलसी के बीज के फायदे और नुकसान –

  1. तुलसी के बीज क्या हैं - What are sabja seeds in Hindi
  2. तुलसी के बीज से लाभ - Sabja seeds benefits in HIndi
  3. तुलसी के बीज के नुकसान - Sabja side effects in Hindi
तुलसी के बीज के फायदे और नुकसान के डॉक्टर

तुलसी के बीज में फाइबर, विटामिन k, आयरन, प्रोटीन, फाइटोकेमिकल्स, पॉलीफेनोलिक घटक, ओरिएन्टिन (orientin), विन्सेन्टिन (vicentin) और अन्य प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं।

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तुलसी के बीज को सब्जा बीज (sabja seeds), टुकमरिया बीज (tukmaria seeds), तुकमलंगा बीज (tukmalanga seeds) और अलग-अलग जगहों पर अपनी संस्कृतियों के अनुसार कई नामों से बुलाया जाता है। इस बात का ध्यान रखें कि यह बीज घर में उगाई जाने वाली तुलसी के बजाए स्वीट बेसिल प्लांट (एक प्रकार का तुलसी का पौधा) में पाए जाते हैं। तुसली के बीज पूरी तरह से दिखने में काले होते हैं।

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सब्जा बीज के फायदे इस प्रकार हैं –

तुलसी के बीज से दर्द से छुटकारा मिलता है

जब बात गठिया, गाउट, सिर दर्द, और इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) जैसी बीमारियों की आती है तो, तुलसी के बीज ख़ास तौर से फायदेमंद होते हैं। यह इन परेशानियों की गंभीरता को कम कर देते हैं और दर्द से राहत दिलाते हैं।

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रेसिपी को गाढ़ा करे सब्जा बीज

फाइबर वाला पेक्टिन समृद्ध सब्जा बीज का इस्तेमाल भोजन में एक मूल्यवान इंग्रेडिएंट की तरह किया जा सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि इसका अपना कोई स्वाद नहीं होता और यह खाद्य पदार्थों को गाढ़ा करने में मदद कर सकता है. इसका इस्तेमाल आइसक्रीम, सलाद की ड्रेसिंग, लो फैट व्हिप्ड क्रीम और जेली में किया जा सकता है. दही और मेयोनीज में इसका इस्तेमाल फैट रिप्लेसमेंट के तौर पर सही है. डिजर्ट, सूप और सॉस जैसी रेसिपी को गाढ़ा करने में भी सब्जा बीजों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

ओमेगा 3 फैटी का समृद्ध स्रोत

व्यक्ति का शरीर ऊर्जा के निर्माण के लिए ओमेगा 3 फैट का इस्तेमाल करता है। वहीं, सब्जा बीज में एक तरह का ओमेगा 3 फैट पाया जाता है। रोजाना केवल एक चम्मच सब्जा बीज के सेवन से रोजाना की जरूरत का ओमेगा 3 फैट पूरा हो जाता है।

हृदय रोग का जोखिम कम

सब्जा बीज में फ्लेवोनॉयड और अन्य पॉलीफेनॉल जैसे प्लांट कंपाउंड अच्छी मात्रा में होते हैं। फ्लेवोनॉयड एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं यानी कि वे फ्री रेडिकल्स से होने वाले खतरे से सेल्स की सुरक्षा करते हैं। इन प्लांट कंपाउंड में एंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटी कैंसर गुण भी पाए जाते हैं। शोध बताते हैं कि फ्लेवोनॉयड के सेवन से दिल के रोग का जोखिम कम होता है। इसके अलावा, सब्जा बीज खतरनाक बैक्टीरिया को खत्म करते है और कैंसर सेल पनपने से रोकते हैं।

सब्जा बीज से शरीर को ठंडक महसूस होती है

कई एशियाई देशों में, तुलसी के बीज शरीर को ठंडा प्रभाव देते हैं। पेय पदार्थों में तुसली के बीज को डालने से उनकी ठंडक बरकरार रहती है और खासकर इससे पेट को भी काफी आराम मिलता है। तुसली के बीज का इस्तेमाल बुखार से पीड़ित लोग ज्यादा करते हैं।

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तुलसी के बीज का प्रयोग ब्लड शुगर नियंत्रित करता है

कई शोध का कहना है कि तुलसी के बीज में मौजूद फाइबर ब्लड के स्तर को नियंत्रित करता है। जो लोग टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित होते हैं, उनके लिए यह बीज बेहद अहम हैं। तुलसी के बीज इन्सुलिन और ग्लूकोज के स्तर को नियंत्रित करते हैं। सुबह-सुबह एक ग्लास पानी में तुलसी के बीज मिलाकर पीने से इन्सुलिन में सुधार होता है। 

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सब्जा बीज से हड्डियां मजबूत होती हैं

तुलसी के बीज में खनिज मौजूद होते हैं जैसे आयरन, पोटैशियम, कॉपर, कैल्शियम, मैगनीस और मैग्नीशियम। इन बीजों को रोजाना खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं। इससे बढ़ते ऑस्टियोपोरोसिस का जोखिम कम होता है। इन खनिज के चलते मांसपेशियां भी बेहतर होती हैं। इस तरह आप जवान और मजबूत महसूस करने लगते हैं। इसके अलावा, सब्जा बीज उन लोगों के लिए भी आयरन और कैल्शियम का जरूरी स्रोत साबित हो सकता है, जो मीट या डेयरी प्रोडक्ट्स का सेवन नहीं करते हैं. 

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तुलसी के बीज खाने से सर्दी जुकाम से राहत मिलती है

यूनानी चिकित्सक सर्दी जुकामकफ और अस्थमा जैसी समस्याओं का इलाज तुलसी के बीज से करते आ रहे हैं। इन बीजों में एंटीस्पास्मोडिक होता है जो कि कई बीमारियों का इलाज करने के लिए प्रभावी है।

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सब्जा बीज का उपयोग आंखों की रौशनी में सुधार करता है

तुलसी के बीज में विटामिन k होता है, इन बीजों का सेवन करने की सलाह उन लोगों को दी जाती है, जिनकी आंखों की रोशनी कम होती है या फिर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का स्तर अधिक होता है। विटामिन ए रेटिना में प्रभावी एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह कार्य करता है और मोतियाबिंद को बढ़ने से रोकता है।

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तुलसी के बीज के गुण तनाव से राहत दिलाते हैं

अगर आपको लगता है कि आपके तनाव का स्तर बढ़ रहा है तो एक ग्लास पानी में तुलसी के बीज को डालकर पी जाएं। इससे आपको चिंता की समस्या से छुटकारा मिलेगा। रिसर्च से पता चला है कि रोजाना तुलसी के बीज का सेवन करने से डिप्रेशन कम होता है और मूड ठीक होता है।

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सब्जा बीज के फायदे करते हैं ब्लड प्रेशर को नियंत्रित

रिसर्च से पता चला है कि तुलसी के बीज में पोटेशियम का स्तर ब्लड प्रेशर कम करने में प्रभावी होता है। पोटेशियम एक वाहिकाविस्फारक (vasodilator) है, मतलब यह धमनियों और रक्त वाहिकाओं में तनाव को कम करने में मदद करता है।

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सब्जा बीज का लाभ कोलेस्ट्रोल का स्तर कम करता है

शोध से पता चला है कि स्वीट बेसिल के बीज खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करते हैं, इसका मतलब है कि इससे एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) का जोखिम कम होता है और धमनियों व रक्त वाहिकाओं में जमने वाला प्लाक (मैल या अशुद्धियाँ) साफ होने लगता है। इससे ह्रदय पर तनाव भी कम होता है और हार्ट अटैकस्ट्रोक की संभावनाएं भी कम हो जाती है।

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तुलसी के बीज के लाभ वजन कम करने के लिए

तुलसी के बीज में काफी मात्रा में फाइबर होता है, जिससे मल त्याग में किसी तरह की परेशानी नहीं होती। तुलसी के बीज से आपका पेट भरा हुआ रहता है और फिर आप अधिक खाना खाने के बारे में सोचते नहीं हैं। इसके अलावा जब बीज पच जाते हैं, तो यह अपने आकार से 20 गुना अधिक बढ़ जाते हैं। इस तरह आपका पेट भरा हुआ रहता है और भूख भी नहीं लगती। इसकी मदद से आप कैलोरी वाले आहारों से भी दूर रहते हैं और वजन भी नियंत्रित रहता है।

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तुलसी के बीज का महत्त्व बालों के लिए

तुलसी के बीज में मौजूद आयरन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट्स, साथ ही विटामिन k, बालों के उत्पादन को उत्तेजित करते हैं और उम्र से पहले झड़ते बालों की समस्या को रोकते हैं। आयरन सिर की त्वचा में रक्त परिसंचरण और बालों को मजबूत करने के लिए आवश्यक होता है। इन बीजों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स सूजन और सिर की त्वचा में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करते हैं। जिनकी वजह से बाल झड़ सकते हैं। 

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तुलसी के बीज का उपयोग त्वचा के लिए

तुलसी के बीज में एंटीऑक्सीडेंट्स और फ्लेवोनॉयड्स होते हैं। इससे त्वचा का स्वास्थ्य सुधरता है और नयी कोशिकाएं उत्तेजित होती हैं। तुलसी के बीज में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम करते हैं, जो कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (फ्री रेडिकल और एंटीऑक्सीडेंट का असंतुलन) का कारण बनते हैं। इसकी वजह से आपकी त्वचा पर रिंकल्स (झुर्रियां), बढ़ती उम्र की वजह से होने वाले दाग-धब्बे और झाइयां पड़ना शुरू हो जाती हैं। तुलसी के बीज को रोजाना इस्तेमाल करने से त्वचा पर दाग-धब्बे, साथ ही निशान और बढ़ती उम्र से होने वाली अन्य समस्याएं कम होना शुरू हो जाती हैं। 

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सब्जा बीज कई स्वास्थ्य लाभ देते हैं, लेकिन इनके सेवन करने से कुछ नुकसान भी होते हैं जैसे हॉर्मोन में उतार-चढ़ाव, निगलने में समस्या होना आदि। हमने आपको तुलसी के बीज के निम्नलिखित कुछ नुकसान बताये हैं –

गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक

तुलसी के बीज के सेवन से आपके शरीर में हॉर्मोन के स्तर पर प्रभाव पड़ता है, जैसे एस्ट्रोजन। यह गर्भवती महिलाओं के लिए हानिकारक हो सकता है। यह पीरियड्स को उत्तेजित कर सकता है और फिर आगे जाकर बच्चे के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है।

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थयरॉइड की समस्या हो सकती है

जो लोग थायराइड के असंतुलन या अन्य हॉर्मोनल समस्याओं से पीड़ित हैं वो बिना डॉक्टर की सलाह लिए इन बीजों का सेवन न करें।

इन बीजों को निगलने में परेशानी हो सकती है

पानी और बीज की मात्रा सही न होने से, यानी मिश्रण गाढ़ा होने से उसे निगलने में कठिनाई हो सकती है। इस कारणवश, इन बीजों का सेवन करने के लिए सभी उम्र के लोगों को नहीं कहा जाता, जैसे बूढ़े या छोटे बच्चे को।

कैंसर का जोखिम

जब सब्जा बीज का सेवन दवा की तरह लंबे समय के लिए किया जाता है, तो इससे लिवर कैंसर होने का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें एस्ट्रागोल नामक एक केमिकल होता है, जो लिवर के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है।

ब्लड क्लॉटिंग की समस्या

सब्जा बीज में विटामिन-के की मात्रा भी ज्यादा पाई जाती है। यह ब्लड क्लॉटिंग को बढ़ाने में मददगार है। इस तरह से सब्जा बीज के सेवन से वारफरिन और इसी तरह से खून को पतला करने वाली दवाइयों के ट्रीटमेंट में बाधा आ सकती है।

अपच की समस्या

सब्जा बीज में फाइबर की मात्रा ज्यादा होती है, जो ब्लॉटिंग जैसी पाचन समस्या का कारण बन सकती है। इसलिए, जरूरी है कि गट को एडजस्ट होनी के लिए धीरे-धीरे फाइबर इनटेक को बढ़ाया जाए।

Dr. Harshaprabha Katole

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