समूचे विश्व में लाखों लोग सुपारी खाते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग यह नहीं जानते कि सुपारी क्या है? सुपारी वास्तव में ताड़ के पेड़ का बीज है। सुपारी खाने का दक्षिण, दक्षिणपूर्व एशिया और पेसिफिक बेसिन में पुराना इतिास रहा है। मााना जाता है कि यह लगभग 2000 सालों पहले से उपयोग की जा रही है। वल्र्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन का अनुमान है कि लगभग 600 मिलियन लोग सुपारी का इस्तमेाल करते हैं। यह निकोटीन, शराब और कैफीन के बाद दुनिया में चौथे नंबर का सबसे लोकप्रिय पदार्थ है। सुपारी सांस्कृतिक और सामाजिक परंपराओं का अभिन्न हिस्सा रही है। लेकिन हाल के सालों में सुपारी पर हुए शोध अध्ययन बताते हैं कि इसके नियमित सेवन से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
सुपारी और मुँह के रोग
कई अध्ययनों में सुपारी खाने तथा मुंह और भोजन नली के कैंसर के बीच संबंध पाया गया है। जरनल ऑफ दी अमेरिकन डेंटल एसोसिएशन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जो लोग नियमित सुपारी खाते हैं, उन्हें ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस (ये एक लगातार बढ़ने वाला रोग है) होने की आशंका ज्यादा रहती है। यह लाइलाज रोग मुंह में अकड़न पैदा कर सकता है। इस कारण धीरे-धीरे जबड़े हिलने कम हो जाते हैं। रोज सुपारी चबाने से मसूड़ों में जलन और दांत खराब हो सकते हैं। दांत स्थायी रूप से गहरे लाल या काले रंग के भी हो सकते हैं।
दवा के प्रभाव को करती है कम
सुपारी खाने से दवा का प्रभाव कम हो सकता है और शरीर में टाॅक्सिक रिएक्शन भी हो सकता है। हालांकि अभी तक दवाओं पर सुपारी के प्रभाव को लेकर पर्याप्त अध्ययन उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन यह तय है कि अगर कोई व्यक्ति इसे नियमित खाता है, तो उसे सुपारी की लत लग जाती है। अंततः वह सुपारी को छोड़ नहीं पाता।
तंबाकू के साथ मिलकर हो जाती है और भी खतरनाक
अगर अमेरिका के फूड एंड ड्रग प्रशासन की मानें तो सुपारी चबाना या खाना बिल्कुल सुरक्षित नहीं है। इसी तरह सेंटर्स फाॅर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन चेतावनी देता है कि अगर सुपारी को तंबाकू के साथ खाया जाए तो गंभीर बीमारी जैसे ओरल सबम्यूकोस फाइब्रोसिस, ओरल कैंसर और सांस लेने में समस्या हो सकती है। साथ ही सुपारी खाने की लत पड़ सकती है।
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गर्भवती महिलाएं ले लिए नुकसानदायक
गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को सुपारी का सेवन कतई नहीं करना चाहिए। सुपारी के सेवन से केंद्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित हो सकता है, जिस वजह से गर्भ में पल रहे शिशु की जान को खतरा हो सकता है। इसी तरह सुपारी में मौजूद रसायन स्तनपान कराने वाली माताओं के दूध में घुल जाता है, जो शिशु के सवास्थ्य को प्रभावित कर सकता है।
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अस्थमा के मरीज भी रहे दूर
सुपारी खाने से फेफड़ों में तरल पदार्थों का स्राव बढ़ जाता है, जिससे अस्थमा और एम्फसीमा की समस्या बढ़ने का खतरा हो सकता है।
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दिल के मरीज करें परहेज
सुपारी के सेवन से दिल की धड़कन कम हो जाती है। इसलिए उन लोगों को सुपारी का सेवन नहीं करना चाहिए जिन्हें पहले से ही दिल की धड़कन कम होने की समस्या है।
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अल्सर के मरीज को होती है हानि
जिन लोगों के पेट या आंत में अल्सर है, उन्हें भी सुपारी से दूर रहना चाहिए। विशेषज्ञों का दावा है कि सुपारी खाने की वजह से अल्सर की समस्या और बढ़ सकती है।
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कुल मिलाकर कहने का तात्पर्य यह है कि सुपारी का अनावश्यक सेवन किसी को नहीं करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से तरह-तरह की बीमारियां आपको जकड़ सकती है या फिर लंबे से चल रही बीमारी और भी भयावह हो सकती है।
सुपारी से अन्य रोग
अमेरिका सोसाइटी फाॅर क्लीनिकल न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक शुरुवाती स्तर के अध्ययन के मुताबिक सुपारी खाने और मोटापा, हृदय रोग और मेटाबाॅलिक सिंड्रोम जैसी समस्याओं के बढ़ते जोखिम के बीच मजबूत संबंध पाया गया है।
अब तक यह तो नहीं पता चल पाया कि कम अवधि के लिए सुपारी खाना सुरक्षित है या नहीं। लेकिन लंबे समय तक या अधिक मात्रा में सुपारी खाना असुरक्षित माना गया है। एक साथ 8 से 30 ग्राम सुपारी खाने से व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। लगातार सुपारी खाने की वजह से होंठ, मुंह और मल का रंग लाल हो सकता है। यह कैफीन और तंबाकू जैसे ही उत्तेजक प्रभाव पैदा कर सकती है। इसके अलावा उल्टी, डायरिया, मसूड़ों की समस्या, लार का बढ़ना, छाती में दर्द, अनियमित दिल की धड़कना, बीपी कम होना, हार्ट अटेक, कोमा और मृत्यु जैसे गम्भीर दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं।