सुपारी में तीन प्रकार के घटक होते हैं। अधिकतर लोग उसके टुकड़ों को पान के पत्ते, कत्था और चुने के साथ मिलाकर चवाते हैं। सुपारी दुनिया के कुछ हिस्सों में बहुत लोकप्रिय है। इसके मनोवैज्ञानिक और उत्तेजक प्रभावों के कारण मनोरंजक दवा के रूप में इसका उपयोग मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीका में किया जाता है। सुपारी में पाए जाने वाले कुछ घटक में औषधीय गुण होते हैं। लेकिन द यू. एस. नेशनल इंस्टीटूट्स ऑफ़ हेल्थ (एनआईएच; NIH) के मुताबिक इसके चिकित्सीय प्रयोजन के लिए बहुत ही कम प्रमाण मिले हैं। सुपारी का उपयोग उच्च या निम्न रक्तचाप, अनियमित हृदय गति और अस्थमा को बदतर बना सकता है। इसका बहुत अधिक उपयोग कुछ प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है। 

  1. सुपारी के फायदे स्ट्रोक के लिए - Supari ke fayde for Stroke in hindi
  2. सुपारी के लाभ स्किज़ोफ्रेनिअ में - Supari khane ke fayde for Schizophrenia in hindi
  3. सुपारी के गुण करे कैविटी दूर - Supari ke labh for cavities in hindi
  4. सुपारी का उपयोग ड्राई माउथ के लिए - Supari ke gun for dry mouth in hindi
  5. सुपारी के नुकसान - Supari ke nuksan in hindi

इंटेलीहेल्थ (InteliHealth) के मुताबिक सुपारी का अर्क स्ट्रोक की समस्या में फायदेमंद हो सकता है। यह आवाज को सुधारने, मूत्राशय नियंत्रण करने और मांसपेशियों की ताकत बढ़ाने के लिए रोगी इसके अर्क का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इंटेलीहेल्थ के अनुसार अभी तक इसपर किए गए अध्ययन छोटे और दोषपूर्ण रहे हैं।  (और पढ़ें – जानें बढ़ती उम्र के कारण होने वाली मांसपेशियों की क्षति को रोकने के आसान उपाय)

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एनआईएच के मुताबिक प्रारंभिक शोध में पाया गया हैं कि जिन लोगों को स्किजोफ्रेनिआ (Schizophrenia) है अगर वे सुपारी का उपयोग करते हैं तो स्किजोफ्रेनिआ के लक्षणों में सुधार होता है। स्किजोफ्रेनिआ की दवाएं आम तौर पर अप्रिय दुष्प्रभाव उत्पन्न करती हैं, इसलिए नए उपचार की खोज के लिए और अधिक प्रयास चल रहे हैं। लेकिन स्किज़ोफ्रेनिया अनुसंधान में एनआईएएच ने नोट किया है कि सुपारी के इस्तेमाल से कंपन और कठोरता के दुष्प्रभाव हो सकते हैं। 

सुपारी में जीवाणुरोधी गुण होते हैं। इंटेलीहेल्थ के मुताबिक इसका उपयोग पहले कैविटी को रोकने के लिए टूथपेस्ट में एक घटक के रूप में किया गया था। लेकिन इसके विषाक्त प्रभावों के कारण दंत प्रयोजनों के लिए अन्य घटकों की तुलना में सुपारी का उपयोग कम किया जाता है। (और पढ़ें – बच्चों के लिए दांतों में कैविटी से बचने के उपाय)

इंटेलीहेल्थ के मुताबिक जो लोग सुपारी चवाते हैं उनके मुँह में बड़ी मात्रा में लार का उत्पादन होता है। जो मधुमेह और सजोग्रेन (Sjogren's syndrome) जैसे रोग के कारण शुष्क मुँह की समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करता है।  (और पढ़ें – शरीर में पानी की कमी के 10 महत्वपूर्ण संकेत)

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स्वास्थ्य के लिए सुपारी का नियमित इस्तेमाल करना हानिकारक होता है। यह केवल औषधीय उद्देश्य के लिए सिफारिश की मात्रा में इस्तेमाल किया जाना चाहिए। अत्यधिक सुपारी चबाना दांतों के लिए हानिकारक होता है। सुपारी का उपयोग अस्थमा (एल्कोलोइड हैसोलिन के ब्रोन्कोकोनिक्क्टिव प्रभावों के कारण) और गर्भावस्था (एबर्टिफैक्टर) में हानिकारक होता है। सुपारी चबाने से मौखिक कैंसर की समस्या हो सकती है। 8-10 ग्राम सुपारी घातक रूप से विषाक्त होता है। 

(और पढ़ें – अस्थमा के घरेलू उपचार और प्रेगनेंसी में पेट दर्द हो तो क्या करे)


उत्पाद या दवाइयाँ जिनमें सुपारी है

संदर्भ

  1. National library board. Betel chewing. Singapore
  2. Rajendra Toprani and Daxesh Patel. Betel leaf: Revisiting the benefits of an ancient Indian herb. 2013 Jul-Sep; 2(3): 140–141. PMID: 24455591
  3. IARC Working Group on the Evaluation of Carcinogenic Risk to Humans.Betel-quid and Areca-nut Chewing. Betel-quid and Areca-nut Chewing and Some Areca-nut-derived Nitrosamines. Lyon (FR): International Agency for Research on Cancer; 2004. (IARC Monographs on the Evaluation of Carc
  4. World Health Organization [Internet]. Geneva (SUI): World Health Organization; A review of areca nut
  5. Warnakulasuriya S, Trivedy C, Peters TJ. Areca nut use: an independent risk factor for oral cancer. 2002 Apr 6;324(7341):799-800. PMID: 11934759
  6. Apurva Garg, Pankaj Chaturvedi, and Prakash C. Gupta. A review of the systemic adverse effects of areca nut or betel nut. 2014 Jan-Mar; 35(1): 3–9. PMID: 25006276
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